खुजली क्यों होती है इसके लक्षण और घरेलू उपाय: खुजली एक सामान्य स्थिति है जो अधिकतर लोगों में देखी जाती है जो खुजली से पीड़ित होते हैं उन्हें खुजलाने या स्क्रेच करने की इच्छा होती है। यह एक सामान्य रोग होता है, लेकिन जो लोग इसे अनुभव करते हैं उनके लिए यह बहुत ही परेशानी भरा होता है। खुजली के कई कारण हो सकते हैं, और कभी-कभी इसे अन्य व्याधियों के एक लक्षण के रूप में भी देखा जा सकता है। यहाँ खुजली को ठीक करने के लिए कुछ अत्यंत प्रभावी घरेलू उपचार बताए गए हैं। इन उपचारों का उपयोग करके आप खुजली से राहत पा सकते हैं। चलिए जानते हैं कि खुजली क्यों होती है और खुजली का इलाज करने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
यहाँ जाने खुजली क्या है? – खुजली क्यों होती है
दोस्तों खुजली, जो प्रुरीटस के नाम से भी जानी जाती है, त्वचा पर एक अनुभव है जो जल्दी से खुजलाहट या मलिश करने की इच्छा उत्पन्न करता है। यह एक सामान्य लक्षण है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और हल्के से गंभीर तक हो सकता है।
खुजली त्वचा संबंधी अवस्थाएं, एलर्जी, कीट बाइट्स और आंतरिक चिकित्सा स्थितियों जैसे कई कारकों से हो सकती है। कुछ मामलों में, खुजली का सटीक कारण निर्धारित करना कठिन हो सकता है।
यद्यपि खुजली आमतौर पर एक गंभीर स्थिति नहीं होती है, लेकिन यह बहुत असुविधाजनक और दैनिक जीवन को बाधित करने वाली होती है। लंबे समय तक खुजलाने से त्वचा के क्षति, संक्रमण और दाग़ हो सकते हैं। खुजली के उपचार में मूल कारण की पहचान और समस्या से निपटने के लिए ओटीसी या रसायनों का उपयोग करना शामिल हो सकता है।
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खुजली क्यों होती है जानें विस्तार से
खुजली क्यों होती है : एक सामान्य समस्या है जो व्यक्ति को खुजलाने या प्रभावित क्षेत्र को रगड़ने की इच्छा उत्पन्न करती है। यह त्वचा के ऊपरी परत के अंतर्गत होने वाली समस्या होती है। खुजली के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे एलर्जी, धूल, त्वचा की सूखापन, संक्रमण या फिर खुजली की लक्षण के रूप में किसी और समस्या का होना।
आयुर्वेद के अनुसार, खुजली वात और कफ दोष के कारण होती है। जब वात और कफ दोष शरीर में असंतुलन होता है, तब खुजली की समस्या होती है। अधिक समय तक सफ़ेद कपड़े या साबुन से नहाने से त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है, जो खुजली के लिए एक अहम कारक है। खुजली को रोकने के लिए, स्वस्थ खान-पान करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, सही तरीके से नहाएं और सही दवा का उपयोग करें जो आपके विशेष रोग के लिए उपयुक्त हो। उम्मीद हैं की अब आप समझ गए होंगे की खुजली क्यों होती है।
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खुजली के प्रकार
खुजली के कई प्रकार होते हैं, जिनमें स्थानिक खुजली, सार्वभौमिक खुजली, तीव्र खुजली और अविरल खुजली शामिल होते हैं। स्थानिक खुजली किसी विशेष क्षेत्र से सीमित होती है, जबकि सार्वभौमिक खुजली पूरे शरीर को प्रभावित करती है। तीव्र खुजली अचानक और तेज होती है, जबकि अविरल खुजली दीर्घकालिक होती है और हफ्तों या महीनों तक चलती है। खुजली का कारण भी उसके अंतर्निहित कारण के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि एलर्जिक खुजली, दवाई-संबंधी खुजली और न्यूरोपैथिक खुजली। विभिन्न प्रकार की खुजली के लिए अलग-अलग उपचार तरीके होते हैं, इसलिए किसी भी उपचार से पहले खुजली के प्रकार और कारण की पहचान करना महत्वपूर्ण होता है।
यहाँ जाने खुजली के लक्षण
खुजली के लक्षण अलग-अलग होते हैं। यह त्वचा के संपर्क में आने पर होने वाली एक उत्तेजना होती है जिससे आपको खुजलाहट का अनुभव होता है। खुजली वाले क्षेत्र में खुजलाहट के साथ-साथ चुभन, जलन या तीव्र दर्द की भी अनुभूति हो सकती है। खुजली का संदर्भ समय के साथ बदलता है, जैसे सोने के बाद या त्वचा के संपर्क में आने के बाद होता है। यह त्वचा के रंग, स्वेलिंग या छालों के रूप में भी दिख सकता है। यदि खुजली के साथ-साथ अन्य लक्षण भी होते हैं जैसे कि खुजली वाले क्षेत्र में घाव, बड़ाई या अन्य लक्षण, तो एक चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा।
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खुजली के घरेलू उपाय
खुजली के लिए घरेलू उपचार अक्सर बहुत प्रभावी होते हैं। ये उपचार आपको खुजली से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। अब तक आपने जाना की खुजली क्कुया हैं और खुजली क्यों होती है नीचे कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं:
1. नारियल का तेल: नारियल के तेल में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो खुजली को कम करने में मदद करते हैं। आप नारियल के तेल को खुजली वाले स्थान पर लगाकर रात में सो सकते हैं।
2. तुलसी का पत्ता: तुलसी के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो खुजली को दूर करने में मदद करते हैं। आप तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर ठंडा करके इसके लगाव से राहत पा सकते हैं।
3. जैतून का तेल: जैतून के तेल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण खुजली को कम करने में मदद करते हैं। आप इसे खुजली वाले स्थान पर लगा सकते हैं।
4. नारियल तेल: नारियल तेल मॉइस्चराइजिंग प्रॉपर्टीज वाला होता है जो खुजली को शांत करने में मदद कर सकता है। एक टेबलस्पून नारियल तेल को असरदार तरीके से खुजली वाले स्थानों पर लगाएँ।
5. ओटमील: ओटमील में एंटी-इन्फ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो खुजली को कम करने में मदद कर सकती हैं। अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा ओटमील मिलाएं और 20-30 मिनट तक इसमें भिगो कर सोएं।
6. सेब का सिरका: सेब का सिरका एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लामेटरी प्रॉपर्टीज वाला होता है जो खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। सेब के सिरके को पानी में मिलाएं और इसे खुजली वाले स्थानों पर लगाएं।
7. चमोमाइल: चमोमाइल में एंटी-इन्फ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो खुजली को कम करने में मदद कर सकती हैं। कुछ चमोमाइल टी बनाएं और इसे खुजली वाले स्थानों पर लगाएं।
8. तुलसी: तुलसी के पास एंटी-इन्फ्लामेट्री और खुजली कम करने की गुणवत्ता होती है। कुछ तुलसी के पत्ते पीसकर उनके रस को जले स्थान पर लगाएँ।
9. विच हेजल: विच हेजल का स्त्रावण विशेषता होती है, जो खुजली कम करने में मदद करती है। एक कपड़े के टुकड़ों पर विच हेजल लगाकर इसे खुजले स्थान पर रखें।
10. टी ट्री तेल: टी ट्री तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जो खुजली कम करने में मदद करते हैं। नारियल तेल के साथ टी ट्री तेल मिलाकर इसे खुजले स्थान पर लगाएँ।
ये खुजली के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार हैं। घरेलू उपाय को आजमाने से पहले खुजली के पीछे की वजह को पहचानना महत्वपूर्ण होता है। अगर खुजली बरकरार रहती है या बढ़ जाती है, तो सलाहकार सेहत सेवा संगठन से संपर्क करना सुझावित है।
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