इस पहले की हम घर पर वैरिकाज़ नसों का इलाज करने का आसान तरीका जानें हमें यह समझना चाहिए की वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम क्या होती है और इसके लक्षण क्या है।
क्या है वैरिकाज़ नसें
वैरिकाज़ नसें मुख्य रूप से वह होती है जो पूर्ण रूप से फैली हुईं नही होती है, और ये कटपूर्ण सतही नसे होती है। दरअसल हमारे पैर के नीचे जो बारीक नीली नसें होती है। यह रक्त प्रवाह में मदद करती है। लेकिन क्या आप यह जानते है की यह नसें हम तकलीफ भी दे सकती है। दरअसल बात यह है की हमारी स्किन के नीचे जो नीली नसे होती है यदि वह बढ़ने लग जाए तो यह वैरिकाज़ नसें कहलाती है।
वैरिकाज़ नसे जो होती है ऊतकों से ब्लड को दिल की ओर लें जाती है। इस दौरान वेंस को ग्रैविटी फोर्स के विपरीत ब्लड को पैरो से हार्ट में लें जाना होता है।
नीचे से पैरो में से ब्लड को दिल तक ले जाने में मदद करने के लिए नसों में वाल्व होते है। इन वाल्व का काम यह होता है की ब्लड को सिर्फ ऊपर की ओर ही जाने दे। लेकिन कभी कभी वाल्व कमजोर हो जातें है तो ब्लड को हार्ट तक जानें में बहुत परेशानी होती है। कभी कभी ब्लड ऊपर जानें के बजाय पैरो में नीचे की ओर बहने लगाता है। जब ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है तो यह बारीक नसे फूलने लगती है और इनकी लंबाई भी बढ़ जाती है जिसके कारण ये टेडी होने लगती है। इसी को वैरिकाज़ नसें कहते है।
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वैरिकाज़ नसों के लक्षण क्या है?
नसों का गहरी नीली और बैंगनी नज़र आना, पैरो में भारीपन और ऐठन महसूस करना, पैरो के निचले हिस्से में सुजन आने लगती हैं और थोड़ा सा भी काम करने पर बहुत ज्यादा थकान होने लगती है। ज्यादा देर तक खड़े और बैठे रहने से दर्द होने लग जाता है। किसी एक नस या उस से ज्यादा नसों के पास खुजली होने लगती है।
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वैरिकाज़ नसों की बीमारी का कारण
यह तो हमने आपको बता ही दिया की नसे उतको से ब्लड को जब हार्ट तक नहीं ले जा पाती है तो ब्लड नीचे की ओर ही बहने लगता है। जिसके कारण नसे सूज जाती है।
लेकिन इसके अन्य कारण भी होते है जैसे
बढ़ती उम्र
उम्र ज्यादा होने के साथ नसे कमजोर होने लगती है क्योंकि नसों में पाया जानें वाला लचीलापन कम होने लगता है। और रक्त को दिल की तरफ ले जानें में प्रोब्लम आने लगती है।
महिलाओ में ज्यादा चांस होना
महिलाओ में इसके ज़्यादा चांस होते है उनके पीरियड और प्रेगनेंसी के कारण। क्योंकि उस वक्त महिलाओ की बॉडी में बहुत सारे हार्मोंस चेंज होते है।
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मोटापे की समस्या
ज़्यादा वजन नसों पर दबाव डालता है जिसके कारण रक्त के प्रवाह में प्रोब्लम आती है क्योंकी वाल्व डेमेज होने लगते है।
अनुवांशिक
वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम अनुवांशिक भी होती है। यदि परिवार में पहले यह किसी को हुआ हो तो इसके अगली पीढ़ी में भी होने की संभावना होती है।
घर पर वैरिकाज़ नसों का इलाज करने का आसान तरीका
वैरिकाज़ नसों की समस्या से बचने के लिए आपको अपनी लाईफ स्टाईल में कुछ बदलाव लाने की ज़रूरत होगी। इस परेशानी में दवाई से ज्यादा सावधानी रखने की ज़रूरत है। उसके अलावा आप यहां दीए जानें वाले कुछ उपाय अपना सकते है।
- अपनी शारीरिक कार्यप्रणाली को बढ़ाएं।
- एक्सरसाइज और योग को अपने जीवन में जरुरी बनाएं। ज़्यादा वक्त तक एक स्थान पर ना बैठे और ना खड़े रहें।
- जब भी कही आप बैठे तो यह ध्यान रखे की आपके पैर एक दूसरे पर क्रॉस ना हों।
- अपने वजन को नियंत्रित रखे।
- ज्यादा कसावटी कपड़े ना पहने ढीले वस्त्र पहनने पर ध्यान दें।
- ज्यादा हिल और ऊंची एड़ी वाली सेंडल या चप्पल ना पहने।
- संतुलित आहार
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खाने पर दें ध्यान (घर पर वैरिकाज़ नसों का इलाज करने का आसान तरीका)
- अपने डाइट में विटामिन ए वाले सप्लीमेंट को शामिल करे। विटामिन ए वैरिकाज़ नसों के घाव को भरने में मददगार है।
- विटामिन बी सप्लीमेंट्स को खाने में शामिल करे। जैसे फ्रूट्स, दाल डेयरी प्रोडक्ट आदि। विटामिन बी ब्लड को ले जानें वाली नसों को मजबूत करता है
- ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में विटामिन सी मददगार होता है इसलिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ लें।
- लोकी का जूस पिए क्योंकि उसमे जिंक पाया जाता है। जो वैरिकाज़ नसों के घाव को तेजी से भरता है।
सेव का सिरका
यह ब्लड के फ्लो को सही तरीके से बहने में मददगार है। इसे लेने से बंद रक्त भी बहना शूरू हो जाता है। सेव का सिरका लेने से पैरो का भारीपन और सूजन दोनो कम हों जाते है। यदि आप इससे मालिश करते है तो कुछ महीनो के बाद वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम काफ़ी हद तक कम हो जाती है।
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जैतून के तेल का उपयोग
वैरिकाज़ नसों की समस्या में सबसे जरुरी होता है रक्त के प्रवाह को बढ़ाना और जैतून का तेल रक्त के प्रवाह को काफ़ी अच्छा कर देता है। इसका उपयोग करने के लिए आप डेली इसकी मालिश करे।
लहसुन का उपयोग
दोस्तो लहसुन तो सबके घर पर आसानी से मिल ही जाता है। यह वैरिकाज़ नसों की समस्या के लिए घरेलू उपचार में सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। लहसुन वैरिकाज़ नसों की सुजन को कम करता है, वैरिकाज़ के लक्षणों को कंट्रोल करता है और रक्त वाहिकाओं से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर करने में मददगार है। लहसुन का यूज करने के लिए आप कुछ लहसुन की कलियां लेकर एक जार में डाल ले और उसी जार में संतरे का रस मिलाये उसके बाद इसमें जैतून का तेल भू मीला कर बारह घंटे के लिए रख दें।
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उसके बाद इस मिश्रण में से कुछ बूंदे ले और अपने हाथो से प्रभावित जगह पर लगाएं और मालिश करे। इसके बाद इस पर पुरी रात के लिए सूती कपड़ा बांध कर रहने दे और सुबह खोले। इस उपचार को कुछ महीनो के लिए करते रहें एक दीन ऐसा आएगा की वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम दुर हो चुकी होगी।
अखरोट
इंसान की दिमाग की बनावट जैसा दिखने वाला यह अखरोट वैरिकाज़नसों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकी है रक्त शिराओं को मजबूत बनाता है।
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कुछ सावधानी बरतें जैसे
घर पर वैरिकाज़ नसों का इलाज करने का आसान तरीका तो हमने आपको बता दीया है अब इस से जुड़ी कुछ सावधानी भी आपको क्या रखनी चाहिए यह भी जान लेते है।
- शराब का सेवन नहीं करे।
- शुगर और नमक को अपने खाने में बिल्कुल कम कर दे। जंक फूड और तला हुआ खाना ना खाएं। आइसक्रीम से दुर रहें।
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आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
यदि वेंस में दर्द होना शूरू हो जाए, पेरो में लालिमा और सुजन ज्यादा होने लगे और घाव बढ़ने लगे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।
घर पर वैरिकाज़ नसों का इलाज करने का आसान तरीका क्या है और इस से जुड़ी सावधानी भी हमने आपको बताई। हम आपसे यह उम्मीद करते है की यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आएगी। दोस्तो इस पोस्ट को जरूर शेयर करे क्या पता आपका एक शेयर कहा से कहा पहुंचे और किसकी मदद का जरिया बन जाए। आपका इस पोस्ट पर आने के लिए धन्यवाद।
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FAQ
Q. क्या वैरिकाज़ नसों को घर पर ठीक किया जा सकता है?
Ans: अगर यह प्रोब्लम शुरुआती दौर में है तो आप बिलकुल घरेलू उपचार का सहारा लेकर कुछ ही वक्त में इसे ठीक कर सकते है। इसका सबसे असर दार उपाय योग है जिस से बंद नसें भी खुल जाती है रक्त का प्रवाह अच्छा होता है।
Q. वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम के लिए बेस्ट विटामिन क्या है?
Ans: विटामिन के
Q. ईलाज ना करवाने पर क्या वैरिकाज़ नसें खराब हो जाती है?
Ans: जी बिल्कुल समस्या को नजरंदाज करने से वह बढ़ जाती है। यहां भी कुछ ऐसा ही होता है इलाज ना करवाने पर दर्द ज्यादा बढ़ जाता है और वैरिकाज़ नसों की प्रोब्लम भी।
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