Kalyug Ke Bad Kaun Sa Yug Aaega :- कलयुग को पाप युग भी कहा जाता हैं। इस युग में अन्य युगों की अपेक्षा सबसे ज्यादा पाप और अधर्म होता हैं। आज का वर्तमान समय ही कलयुग के नाम से जाना जाता हैं। हिन्दू धर्म में 4 युग हैं। सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग। सभी युगों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। माना जाता है की जब भगवान श्री हरी विष्णु जी के अवतार श्री कृष्ण की मृत्यु के बाद ही कलयुग शुरू हो गया था। कलयुग का प्रभाव बढ़ता देख परीक्षित ने उसे रोकने की कोशिश की। तब कलयुग ने राजा परीक्षित से कुछ बुरी जगहों जैसे : मांस, मदिरा, काम और सोना पर निवास की अनुमति मांगी।

जिसके बाद कलयुग परीक्षित के मुकुट में जा बैठा। हालांकि तब कलयुग धरती पर पूर्ण रूप से प्रभावी नहीं था। धरती पर कलयुग का प्रभाव तब बढ़ा जब परीक्षित ( अभिमन्यु पुत्र ) की मृत्यु हुई। आइए अब विस्तार से जानते है की कलयुग कब खत्म होगा और इस के बाद ( satyug kab aayega ) कौन सा युग आएगा ।
कलयुग में पाप अपनी चरमसीमा पार कर चुकी हैं। कलयुग का प्रभाव उन लोगों पर ज्यादा होता है जो जुआ, शराब, व्यभिचार और लालच में फंसे रहते हैं। लेकिन कलयुग में कुछ ऐसे लोग भी है जो बढ़ते पाप को देखकर व्यथित हो जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर कलयुग के अंत के विषय में जानने को इच्छुक रहते हैं। लोग अक्सर यह सवाल करते है की कलयुग का अंत कब होगा और इस के बाद कौन सा युग आएगा। तो आइए जानते है की कलयुग के बाद ( kalyug ke bad kya aaega ) कौन सा युग आएगा :-
कलयुग के बाद कौन सा युग आएगा
जैसा की आप जानते है की युग चार है सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग। एक युग के अंत के बाद दुसरे युग की शुरुवात होती हैं। सभी युगों की आयु में अंतर हैं। विष्णु पुराण में कलयुग से जुड़ी छोटी से बड़ी चीजों के बारें में बताया गया हैं। पुराण के अनुसार, कलयुग की अभी शुरुवात ही हुई हैं। इसलिए आप इसके अंत के विषय में तो जान सकते है लेकिन अंत को आंखों से नहीं देख सकते हैं।

पुराणों के अनुसार, कलयुग के समाप्ति में अभी लम्बा समय बचा हैं। कलयुग के अंत में अभी 4 लाख छब्बीस हजार आठ सौ चौहत्तर वर्ष शेष हैं। कलयुग अभी शुरुवाती चरण में है। अभी कलयुग की आयु सिर्फ पांच हजार एक सौ छब्बीस वर्ष ही हुई हैं।
इस तरह कलयुग जब 4 लाख छब्बीस हजार आठ सौ चौहत्तर वर्ष बाद समाप्त होगा तब एक नए युग की शुरुवात होगी। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा की कलयुग के बाद कौन सा युग ( kalyug ke bad kaun sa yug aaega ) आएगा ?। आपको बता दें की कलयुग के अंत होते ही सतयुग का प्रभाव तीव्र हो जाएगा।
हर युग की समाप्ति के बाद एक नये युग का प्रारम्भ होना तय हैं। चारों युग क्रमश: ( सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग ) एक के बाद एक आते हैं। धरती पर युग की शुरुवात सतयुग से हुई थी और सबसे अंत में कलयुग हैं। जैसे ही कलयुग का अंत ( Kalyug Ke Bad Kya Aaega ) होगा एक नए युग सतयुग का प्रारम्भ होगा।
सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलयुग सभी युगों की कुछ विशेषताएं हैं। चारों युगों में से सबसे श्रेष्ठ युग सतयुग को माना गया हैं। दरसल सतयुग में पाप और अधर्म का कोई स्थान नहीं हैं। शास्त्रों के अनुसार, सतयुग में भगवान विष्णु विष्णु ने मत्स्य, कूर्म, वराह और नृसिंह ( सतयुग के अवतार ) अवतार लिया था। नृसिंह ने इसी युग में अवतार लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यपु का वध किया था।
सतयुग में इंसान अपने धर्म पथ से जल्दी भटक नहीं पाते हैं। इस युग के आते ही पाप और अधर्म का पूर्ण नाश हो जाएगा। इस युग में ज्यादात्तर लोग शिक्षा, ज्ञानार्जन, भक्ति और कर्म योग पर फोकस करते हैं। लालच, घृणा, क्रोध, अहंकार और इर्ष्या जैसे भाव व्यक्ति के मन को जल्दी छू नहीं पाते हैं।
सतयुग की कुछ ख़ास बातें / सतयुग में मनुष्य की उम्र कितनी थी
शास्त्रों के अनुसार सतयुग में मनुष्य की औसत आयु 1 लाख साल हैं। अर्थात सतयुग में मनुष्य लगभग 1 लाख वर्ष तक जीते थे। इस युग की खास बात यह है की इस युग में लोग काफी लम्बे और चौड़े होते थे। सत युग में मनुष्यों की औसत हाइट 32 फीट होती थी। इस युग में पैदा होने वाला इंसान किसी भी स्थिति में असत्य और अधर्म के रास्ते पर अपने कदमों को नहीं बढाते थे। किसी भी मनुष्य के मन में झूठ और छल-कपट नहीं था। यही वजह है की इस युग को सबसे श्रेष्ट युग कहा गया हैं।
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सतयुग में कौन से भगवान थे / सतयुग में कौन था
सतयुग में विष्णु जी ( satyug me kon tha ) ने कई अवतार लिए थे। उनके प्रमुख अवतारों में ( satyug mein kaun se bhagwan the ) मत्स्य, कूर्म, वराह और नृसिंह हैं। मत्स्य अवतार लेकर भगवान ने हयग्रीव का अंत किया था। कूर्म अवतार लेकर भगवान ने इंसानों को यह बताया है की जीवन में धैर्य और सहयोग काफी महत्त्व रखता हैं। वराह ( satyug ke bhagwan ) अवतार लेकर भगवान ने हिरण्याक्ष का वध किया।
वही नरसिंह अवतार ने भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप को जीवन से मुक्त किया। हिरण्यकश्यप स्वयं को ही ईश्वर समझता था। आपको बता दे की प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था। प्रहलाद ने अपने पिता को गलत रास्ता छोड़ भगवान विष्णु की शरण में जाने के लिए कहा। लेकिन हिरण्यकश्यप अपने अहंकार में अपने पुत्र को ही परेशान करता रहा। अंतत: भगवान ने उसका अंत किया।
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सतयुग के पहले क्या था / सतयुग से पहले कौन सा युग था
आपको बता दे की पृथ्वी पर जब जीवन शुरू हुआ तब पहला युग सत युग ही था। अत: सत युग से पहले किसी और युग के होने का कोई प्रमाण नहीं हैं। कुछ लोग मानते है की सत युग से पहले कृत युग था। लेकिन सत्य तो यह है की सत युग को ही कृत युग कहा जाता हैं। अत : अगर आपसे कोई पूछे तो कह सकते है की सत युग से पहले कोई युग नहीं था। सतयुग ही सबसे प्रथम युग था।
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निष्कर्ष – Kalyug Ke Bad Kaun Sa Yug Aaega
आज की इस खास जानकारी उनके लिए जिनके मन में अक्सर कुछ प्रश्न जैसे :- सतयुग के पहले क्या था , सतयुग में कौन से भगवान थे , सतयुग में मनुष्य की उम्र कितनी थी , कलयुग के बाद कौन सा युग ( Kalyug Ke Bad Kaun Sa Yug Aaega ) आएगा आदि आते हैं। हर युग की कुछ खासियत हैं। सभी युगों में भगवान विष्णु के अवतार हुए हैं। जब -जब पाप बढ़ता है तब भगवान विष्णु अवतार लेकर पापियों का सर्वनाश करते हैं। कलयुग में भी कल्कि अवतार के पश्चात कलयुग का अंत हो जाएगा। जिसके बाद फिर से एक महान युग की शुरुवात होगी।
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