पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे – पर स्त्री गमन का अर्थ – पर स्त्री से प्रेम या पराई स्त्री से संबंध बनाना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत बड़ा पाप हैं। सनातन धर्म में पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे इसकी जानकारी दी गयी हैं। अगर कोई व्यक्ति विवाह के पश्चात ऐसी गलती करता हैं तो उसे उस गलती की सजा मिलती हैं। पर स्त्री गमन का अर्थ होता हैं पराई स्त्री से संबंध बनाना। पर स्त्री से प्रेम हो जाना गलत नहीं हैं लेकिन अपनी पत्नी को छोड़कर किसी दुसरे स्त्री के साथ सबंध बनाना बिल्कुल गलत हैं। अगर किसी पुरुष से यह गलती हो जाती हैं तो उसे अवश्य ही पश्चाताप करनी चाहिए। पश्चाताप से गलती की सजा कम हो सकती हैं। आइए जानते हैं की पर स्त्री गमन की गलती होने पर क्या करें और पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वालों को नर्क में क्या सज़ा मिलती है ?
हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया हैं की गलती के पश्चताप से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। महाभारत ग्रन्थ में जब अर्जुन यह पूछता हैं की उसे न्याय कब मिलेगा तब श्री कृष्ण कहते हैं की तुम्हारी गलती इतनी बड़ी हैं की उसका पश्चाताप भी आवश्यक हैं। अत: तुम बदले की भावना में सिर्फ न रहों। यह धर्म युद्ध हैं न की तुम्हारा अपना युद्ध। तुमने चौसर में युधिष्ठिर द्वारा द्रौपदी को दाँव पर लगाने के वक्त बड़े भाई का विरोध नहीं किया। पत्नी सम्पत्ति नहीं होती हैं वह जीवन की भागिदारिणी होती हैं। अत: तुम्हें पश्चताप करना ही चाहिए। पर स्त्री गमन एक अपराध भी हैं. अत: इसका सुधार कैसे करे इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं।
पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे
अगर आपसे भी पर स्त्री गमन करने की भारी भूल हो गयी हैं तो सावधान हो जाइए। यह गलती बहुत बड़ा पाप माना जाता हैं। इस स्थिति में हर व्यक्ति को पर स्त्री गमन का प्रायश्चित करना चाहिए। पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे इसके बारें में नीचे विस्तार से बताया हैं। आप नीचे बताए गए तरीके से प्रायश्चित अवश्य करें।
- प्रतिदिन भूखे जानवरों जैसे गाय, कुत्ता, बन्दर आदि को भोजन जरुर करवाएं
- उन लोगों को की मदद करें जिन्हें खाने के पैसे नहीं हैं
- प्राण करें की आज के बाद पर स्त्री गमन का पाप आपसे नहीं होगा
- भगवान की भक्ति सच्चे मन से प्रायश्चित की भावना के साथ करें
- रोज चीटियों, पक्षियों और मछलियों को खाना दें
- अपने गुरु और बड़ों की सेवा जरुर करें
- रोटी और घी को अग्नि देव को समर्पित करें
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पराई स्त्री से संबंध बनाने से क्या पाप लगता है
दोस्तों, शास्त्रों के अनुसार पराई स्त्री को बुरी नजर से देखना भी पाप माना गया हैं। ऐसे में पराई स्त्री से संबंध बनाने को महापाप कहा गया हैं। इस पाप से व्यक्ति का जीवन किसी सूखे हुए पत्ते की तरह छिन्न-भिन्न हो जाता हैं। ग्रंथों में इस पाप की सजा नर्क में कठोर सजा लिखी गयी हैं। अगर आप पत्नी को धोखा देकर किसी दुसरे स्त्री से सबंध बनाते हैं तो ऐसे में परिवार का विश्वास टूट जाता हैं। इस तरह के पाप से बचना चाहिए। पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे इसकी जानकारी ऊपर दी गयी हैं जिसे जरुर करें।
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पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाने वालों को नर्क में क्या सज़ा मिलती है
पराई स्त्री से संबंध बनाने वाले के लिए नर्क का दरवाजा खुला रहता हैं। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी पुरुष को कठोर से कठोर सजा मिलती हैं। यमराज लोहे के खम्बे में बांधकर खम्बे को गर्म कर देते हैं तो व्यक्ति को लम्बे समय तक तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। अत: अगर आपने पराई स्त्री से सबंध स्थापित किया हैं तो पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे इसकी जानकारी को अच्छी तरह पढकर जरुर समाधान निकालने का प्रयत्न करें।
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निष्कर्ष
मुझे आशा हैं की आपको पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे और पर स्त्री गमन का अर्थ क्या हैं इसकी जानकारी अच्छी लगी होगी। इस जानकारी उन लोगों तक शेयर करें जिन लोगों ने पराई स्त्री से सम्बन्ध बनाया हैं। पराई स्त्री से सम्बन्ध रखने से पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं जिसके चलते तलाक जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती हैं। इतना ही नहीं बच्चों का भविष्य भी गर्क में चला जाता हैं। अत: आपको ऐसे पापों से बचना चाहिए।
मुझे उम्मीद हैं की आपको आज की इस पोस्ट की जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए हमारे ब्लॉग के अन्य पोस्ट को जरुर से जरुर पढ़ें।
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