गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई – ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे

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गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई – ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे – गुरु गोरखनाथ की सच्ची और प्रेरणादायक कहानियां तो आपने सुनी और पढ़ी ही होगी। इन्हें कई नामों से जाना जाता हैं। गोरक्ष नाथ और गोरखनाथ ये दो नाम सबसे प्रसिद्ध नामो में से हैं। वे एक महान और ज्ञानी संत थे। जिनके चमत्कार की चर्चा सदियों से होती आ रही हैं। गोरखनाथ नाथ संप्रदाय से थे। जिनका मूल उद्देश्य लोगों को अध्यात्म की तरफ आकर्षित करना था। उनका मानना था की अध्यात्म के जरिये ही व्यक्ति खुद को अच्छी तरह जान सकता हैं। अध्यात्म व्यक्ति को संस्कारी और बेहतर इंसान बनाता हैं। गुरु गोरखनाथ को शिव अवतारी माना जाता हैं। कम लोग ही इनके जन्म और कार्यों को जानते हैं। गूगल पर लोग उनसे जुड़े हजारों प्रश्न करते हैं जैसे – ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे क्या हैं, गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई ? आदि। नीचे विस्तार से आपके सवालों के जवाब दिए गए हैं।

गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई
गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई

गोरक्षनाथ के विषय में कम लोगों को ही ज्ञात हैं। उनके द्वारा दिया गया शाबर और रक्षा मंत्र बहुत ही प्रचलित और शक्तिशाली मंत्र हैं। जिसका इस्तेमाल बड़े-बड़े तांत्रिक तंत्र विद्या में भी करते हैं। अक्सर लोग यह प्रश्न करते हैं की ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे क्या हैं और गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई ?। आपके सभी सवालो के जवाब इस लेख में विस्तृत रूप से दी गयी हैं।

गुरु गोरखनाथ का जन्म कब हुआ

गुरु गोरख नाथ का जन्म वैशाख के महीने में हुआ था। अगर अंग्रेजी कैलेंडर की बात करें तो जन्मदिन की तिथि १६ मई हैं। गुरु गोरखनाथ के जन्म और मृत्यु के विषय में कई कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन ज्यादात्तर शास्त्र कहते हैं की उनका जन्म 8वीं शताब्दी में राजस्थान में हुआ था। द्वापर युग और त्रेता युग में भी इनके अवतार का वर्णन मिलता हैं। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में जन्म लेने के बाद उन्होंने हठयोग को पुरे भारत में फैलाया। साथ ही कई ग्रंथों की रचना भी की हैं। आगे चलकर उन्होंने नाथ संप्रदाय की स्थापना की।

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गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई

गुरु गोरखनाथ की मृत्यु के संदर्भ में भी कई कहानियां प्रचलित हैं। शास्त्रों के अनुसार, वे अजर अमर हैं अर्थात उनकी मृत्यु नहीं हो सकती हैं। उन्होंने स्वयं को मिटटी के अंदर जिंदा दफना दिया था। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में उनके नाम से प्रसिद्द मंदिर भी हैं जहाँ उन्होंने समाधी ली थी। वे आज भी जीवित हैं। कल्कि अवतार होने पर ही वे समाधी से बाहर आएंगे।

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ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे

ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे
ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे

गुरु गोरखनाथ की पूजा और मंत्रों के जाप से हर वह चीज प्राप्त होती हैं जिसकी आवश्यकता सभी मनुष्यों को होती हैं। ज्ञान और धन और वाक् सिद्धि में इनके मंत्र बड़े ही प्रभावी माने जाते हैं। साधक अपने मन के अंदर के अवगुणों को निकालने में सक्षम हो पाता हैं। धर्म और अध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ता हैं। उनकी कृपा से जीवन आसान सा लगने लगता हैं। जीवन का असली मतलब समझ में आने लगता हैं। लोभ, भय और क्रोध से मुक्ति मिलती हैं। मंत्रों का जाप हमेशा हाथों में रुद्राक्ष लेकर ही करना चाहिए। ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे नीचे विस्तार से बताएं गए हैं।

  • ॐ शिव गुरु गोरखनाथ के शाबर मंत्र को हाथों में रुद्राक्ष की माला लिए सुबह-शाम जप करने से व्यक्ति के वर्तमान और पूर्व जीवन के पाप कर्म के फल नष्ट होते हैं। साधक ईश्वर के करीब महसूस करता हैं। साधक की इच्छा भगवान की इच्छा बन जाती हैं। हालांकि अगर मन में किसी गलत भाव को लेकर इस मंत्र का जप किया जाए तो लाभ की जगह हानि भी होती हैं। शास्त्रों के अनुसार शाबर मन्त्र का जप कम से कम २१ दिन जरुर करनी चाहिए अन्यथा इसकी सिद्धि नहीं होती हैं।
  • रक्षा शाबर मंत्र का जप करने से नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता हैं। प्रतिदिन सिर्फ ११ बार दिन में कभी भी इसका जप कर सकते हैं। जप करते वक्त हाथों को की मुट्ठियों को बंद करना जरुरी हैं। उसके बाद आप मुट्ठी खोलकर प्रभावित व्यक्ति के शरीर को टच करें। इससे नकारात्मक शक्तियां स्वत: उनसे दूर हो जाएगी।
  • कार्य की सफलता के लिए गोरख धुना आदेश नाथ मंत्र का जप किया जाता हैं। अगर आप किसी शुभ कार्य को सम्पादित करने जा रहे हैं तो इस मन्त्र का जप अवश्य करें। इस मन्त्र का जप करने के बाद किया गया हर कार्य सफल होता हैं।

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निष्कर्ष – गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई

फ्रेंड्स, आज की इस खास लेख में मैंने आपको बताया हैं की गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई और ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे कौन-कौन से हैं। उनकी मृत्यु को लेकर अक्सर लोग सवाल करते हैं। लेकिन सच तो यह हैं की उनकी मृत्यु असंभव हैं। वे देवों के देव महादेव के अंश हैं जिन्हें अमरता का वरदान हैं। वे आज भी समाधी में लीन हैं और अपने सच्चे भक्तों की सदैव रक्षा करते है। गुरु गोरखनाथ के मंत्र उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं जो किसी न किसी वजह से हमेशा दुखी और बेचैन रहते हैं।

इस पोस्ट में प्रोवाइड की गयी जानकरी ” गुरु गोरखनाथ की मृत्यु कैसे हुई और ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे ” शास्त्रों के अनुसार दी गयी। इसे अधिक से अधिक शेयर करें।

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