काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi

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काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi – काछ लगने की समस्या किसी को भी हो सकती हैं। स्त्री, पुरुष और बच्चे हर किसी को कभी न कभी काछ जरुर लगता हैं। यह समस्या किसी भी मौसम में हो सकती हैं परन्तु गर्मी के मौसम में यह बेहद आम हैं। जब फंगस और बैक्टीरिया कच्छे के आसपास के जगह को प्रभावित करता हैं तो इसे काछ लगना कहते हैं। काछ लगने पर व्यक्ति के उठने-बैठने और चलने के ढंग में काफी परिवर्तन देखा जाता हैं। प्रभावित जगह की त्वचा काली और लाल पड़ जाती हैं। साथ ही बहुत अधिक खुजली भी होती हैं। तो आइए जानते हैं की काछ लगने का कारण और घरेलु उपचार ( kachh ka Gharelu Upchar in hindi ) क्या हैं।

काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi
काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi

काछ लगने का कारण

गर्मी के मौसम में अधिक पसीने और गर्मी की वजह से फंगस और बैक्टीरिया को एक बेहतर वातावरण मिलता हैं। जिससे संक्रमण तेजी से त्वचा को प्रभावित करता हैं। गर्म वातावरण में टाइट, गीले और मोटे कपड़े पहनने से यह समस्या और भी तेजी से बढ़ सकती हैं। इसलिए खासकर गर्मी के दिनों में हवादार पैजामा या हाफ पैंट पहनकर रहना चाहिए। नीचे विस्तार से काछ लगने का घरेलू उपचार ( in hindi ) की जानकारी दी गयी हैं।

काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi

काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi
काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi

जब जांघो के बीच काछ लगता हैं तो चलने पर रगड़ की वजह से भयंकर जलन और होती हैं। लम्बे समय तक उपचार न होने की वजह से लाल चकत्ते काले पड़ने लगते हैं। हालांकि काछ लगना एक आम प्रॉब्लम हैं। इस समस्या के निदान के लिए बाजार में कई एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल क्रीम उपलब्ध हैं। लेकिन घरेलु उपचार की मदद से भी इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता हैं। काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi की सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से पढ़ें।

एलोवेरा जेल

एलोवेरा पेट, स्किन समस्यायों के अलावे और अन्य कई रोगों में बेहद फायदेमंद हैं। इसमें एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण हैं जिसकी मदद से काछ लगने की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता हैं। अगर आपके स्किन पर लाल चकत्ते और खुजली हैं तो इस स्थिति में जेल को स्किन पर अच्छे से अप्लाई कर १ घंटे तक छोड़ दें। उसके बाद स्किन को साफ़ पानी से साफ़ करें। ऐसा दिन में दो बार कभी भी कर सकते हैं। इससे जल्द ही इन्फेक्शन होगा।

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नारियल तेल

पहले के समय में काछ जैसी समस्याओं के लिए कोई भी दवाइयां नहीं थी। पेड़-पौधों से निर्मित आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद से ही इस समस्या का निदान किआ जाता था। इसमें भी वही गुण पाएं जाते हैं जो की एलोवेरा में हैं। रात में सोने से पहले इस तेल को जरुर लगाएं। ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करते रहने से जाँघों की रगड़ से उत्पन्न हुई रैशेज खत्म होने गलती हैं। संक्रमण दूर होते ही जलन की समस्या भी नष्ट हो जाती हैं।

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काछ लगने का घरेलू उपचार हैं नीम ( in hindi )

नीम की पुरानी और कड़वी पत्तियों की पेस्ट काछ की समस्या को जड़ से मिटाने में काफी प्रभावी हैं। दरसल नीम पेस्ट में भी बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण को नष्ट करने के गुण पाएं जाते हैं। पेस्ट को प्रभावित जगह पर आधे घंटे तक लगाकर छोड़ने से स्थिति में जल्दी सुधार देखने को मिलता हैं। अगर रेशेज और जलन ज्यादा हैं तो दिन में दो बार पेस्ट को अप्लाई करें।

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निम्बू और धनिया पत्ता

निम्बू और धनिया के पत्ते को अच्छी तरह से पीसकर प्रभावित जगह पर आधे घंटे तक छोड़ने से संक्रमण दूर होता हैं। दरसल इसके पेस्ट में एंटी-बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक और एंटी फंगल गुण मौजूद हैं जो त्वचा को कई तरह की समस्यायों से बचाता हैं। इस पेस्ट को लगाने से काछ के कारण होने वाले दाग भी नष्ट हो जाते हैं।

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काछ लगने का घरेलू उपचार है एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर में कई तरह के एंजायम, अमीनो एसिड और विटामिन होते हैं जो त्वचा के लिए आवश्यक हैं। इसमें मौजूद एंटी फंगल गुण इन्फेक्शन को बहुत ही तेजी से ठीक कर सकता हैं। नुस्खे को बनाने के लिए सबसे पहले एप्पल साइडर विनेगर और गर्म पानी को मिक्स कर लेना चाहिए। उसके बाद प्रभावित जगह पर कम से कम १ घंटे तक लगाकर छोड़े दें।

जलन और रेशेज को बढ़ने से रोकने के लिए बर्फ की सिंकाई और प्रभावित जगह को साफ़ रखना भी जरुरी हैं। साथ ही कुछ कच्छा न पहने। आप ढीले-ढाले पैंट पहन सकते हैं जिससे प्रभावित जगह पर पसीना न आने पाएं। अगर आपको रगड़ से अधिक जलन हो रही हैं तो पाउडर जरुर लगाएं ताकि रगड़ कम हो।

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निष्कर्ष – काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi

इस पोस्ट ” काछ लगने का घरेलू उपचार in hindi ” की जानकरी आपको निश्चित ही पसंद आयी होगी। काछ लगने पर घर में निर्मित औषधियां भी बहुत ही कारगर हैं। घरेलु उपचार और स्किन का बचाव कर काछ अर्थात स्किन इन्फेक्शन को बढ़ने से तत्काल ही रोक सकते हैं। साथ ही ध्यान रहे की कपड़े का चयन भी सावधानी से करना चाहिए। अगर आप सूती कपड़े या पसीने को सोखने वाले और ढीले कपड़े पहनेंगे तो स्थिति में जल्दी सुधार देखने को मिल सकता हैं।

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