किन परिस्थितियों में बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए – बच्चे से मां कितना प्यार करती हैं इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता हैं। माँ अपने बच्चे के लिए किसी भी परिस्थिति या किसी भी खतरे का सामना कर सकती हैं। माँ अपने बच्चे को कभी दुखी या उदास नहीं देख सकती हैं। माँ अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहती हैं। माँ का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता हैं। चिकित्सक भी माँ को कम से कम 6 महीने तक दूध पिलाने के लिए बोलते हैं। माँ के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो एक बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन्स और फैट बच्चे के सम्पूर्ण विकास में मदद करता हैं। माँ के दूध में लेक्टोफोर्मिन जैसे तत्व होते हैं जो रोगाणुओं से शिशु की रक्षा करने में सहायता करता हैं।
मां के दूध में एंटीबॉडी होती हैं जो बच्चे में हर तरह के इन्फेक्शन के खतरे को कम करता हैं। WHO के अनुसार 2 साल की उम्र तक बच्चे को स्तनपान कराना लाभदायक हैं। स्तनपान न सिर्फ बच्चे के लिए बल्कि यह माँ के लिए बेहद फायदेमंद हैं। स्तनपान कराने से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम हो जाती हैं। माँ के दूध के सेवन से बच्चे का हार्ट स्वस्थ रहता हैं और डायरिया, दस्त जैसी बीमारियों के होने का खतरा बहुत कम हो जाता हैं। साथ ही यह बच्चों में रोग से लड़ने की क्षमता को भी बढाता हैं। लेकिन कभी कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब माँ को दूध पिलाने से पहले सावधानी बरतनी आवश्यक हैं। आइये जानते हैं की किन-किन परिस्थितियों में बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए ।
किन परिस्थितियों में बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए
दोस्तों, बच्चे के सेहत और समुचित विकास के लिए माँ का दूध बहुत ही जरुरी होता हैं। लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर बच्चे को दूध न पिलाने की सलाह देते हैं। तो आइये जानते हैं की किन परिस्थितियों में बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए :-
1. HIV इन्फेक्शन की स्थिति में
जी हाँ अगर माँ HIV से संक्रमित हैं तो इस स्थिति में बच्चे को दूध पिलाना खतरनाक हो सकता हैं। दरसल माँ से बच्चे में संक्रमण फैलने के चांसेज बहुत ज्यादा होते हैं। माँ अगर HIV से ग्रसित हैं तो उसे डॉक्टर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी देते हैं। इस थेरपी के दौरान माँ अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं फिर भी संक्रमण के कुछ चांसेज होते हैं।
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2. कुछ विशेष प्रकार के दवा के सेवन के दौरान
जी हाँ, कई बार माँ को कुछ ऐसी बीमारियाँ हो जाती हैं जिसके दौरान ब्रेस्ट फीडिंग कराना बेहद नुकसानदायक हो सकता हैं। कैंसर रोधी दवा और मिर्गी जैसे रोगों में इस्तेमाल कियें जाने वाले साइकोथेरेपी एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के दौरान स्तनपान कराना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता हैं।
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3. हर्पीस की समस्या में
यह रोग एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलने वाला रोग हैं। यह हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस की वजह से होता हैं जो आपकी त्वचा को प्रभावित करता हैं। दरसल इस स्थिति में त्वचा पे फोले होने लगते हैं। अगर स्तन पर हर्पीस हो तो इस स्थिति में बच्चे को दूध पिलाना खतरनाक हो सकता हैं। हर्पीस की समस्या के निदान के पश्चात आप अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं। अगर हर्पीस स्तन पर न होकर बॉडी के किसी अन्य भाग पर हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। इस स्थिति में स्तनपान सुरक्षित हैं।
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4. गर्भनिरोधक दवा लेने के दौरान
अगर माँ कुछ ऐसी दवाइयां ले रही हैं जिससे गर्भ को रोका जा सके तो इस स्थिति में ब्रेस्टफीडिंग कराना उचित नहीं हैं। इन दवाओं के सेवन शरीर में हार्मोनल चेंजेज हो सकते हैं। इसलिए शिशु को इस स्थिति में स्तनपान नहीं कराना चाहिए।
किन परिस्थितियों में बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए यह जानकारी तो आपको मिल ही गयी होगी। इन सबके अलावे सेप्सिस, टीबी, वेरिसेला इन्फेक्शन आदि में भी स्तनपान शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर आप ऊपर बताएं किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो चिकित्सक की सलाह के बगैर बच्चे को दूध न पिलायें। डॉक्टर आपकी स्थिति को और समस्या के अनुसार उचित दवाओं के माध्यम से उसका निदान करेंगे।
दोस्तों, कुछ परिस्थितियों में शिशु को मां का दूध नहीं पिलाना चाहिए इसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट के द्वारा दी गयी। मुझे उम्मीद हैं की आपको यह जानकारी बहुत पसंद आई होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमारे ब्लॉग के अन्य कंटेंट को पढ़ सकते हैं। इस ब्लॉग पर आपको ब्यूटी टिप्स और हेल्थ टिप्स के साथ साथ रिलेशनशिप और अध्यात्म से जुड़ी जानकारियां भी मिलती हैं। इस लेख को अधिक से अधिक शेयर जरुर करें। sundarta ब्लॉग पर आपको ऐसे ही बहुत सारे आर्टिकल्स मिलते हैं। अन्य आर्टिकल्स को पढने के लिए sundarta ब्लॉग को फॉलो जरुर करें।
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