मुलेठी किस रोग की दवा है :- मुलेठी को भारत में कई नामों से जाना जाता हैं। इसे ही यष्टिमधु, जष्टिमधु, अतिमधुरम और मुलहठी कहा जाता हैं। मुलेठी का पौधा बहुत छोटा और झाड़ीनुमा होता है जिससे कई आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित की जाती हैं। यह पौधा मुश्किल से 6 फीट की ऊंचाई तक जाती हैं। मुलेठी की खेती पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर की जाती हैं। मुलेठी से निर्मित कई आयुर्वेदिक दवाइयां मेडिकल स्टोर पर मिलती हैं। इस एक आयुर्वेदिक दवा से कई रोगों का इलाज किया जाता हैं। मुलेठी पाउडर का उपयोग कई पकवानों के स्वाद को बढाने में भी किया जाता हैं। इसके अलावे कुछ लोग इससे बनी चाय भी पीते हैं। खैर, आज हम आपको बताने जा रहे है की मुलेठी किस रोग की दवा है और इसके फायदे क्या हैं।

मुलेठी ठंडी प्रकृति का होता है। स्वाद में भी यह काफी मीठी और अच्छी होती हैं। खैर दवा का स्वाद से कोई लेना देना नहीं होता हैं। अगर आप बीमार है तो दवा कडवी हो या मीठी लेनी ही पड़ती हैं। मुलेठी जैसी दिखने वाले कई पौधे होते हैं। इसलिए असली मुलेठी की पहचान करना जरुरी हैं। येल्लो कलर की रेशे वाली जड़ असली मुलेठी की पहचान होती हैं। अगर आप मुलेठी खरीद रहे है तो इसकी पहचान को याद रखनी जरुरी हैं। अब आइए जानते है की मुलेठी के फायदे क्या है और यह किस रोग की दवा है ?
मुलेठी किस रोग की दवा है
मुलेठी का उपयोग मुख्य रूप से खांसी, खराब इम्युनिटी, आंख से जुड़ी समस्याएं, गैस, एसिडिटी, अल्सर, यूरिन इंफेक्शन, स्किन एलर्जी, हेयर फॉल, अनियमित पीरियड्स, बुखार, खराब पाचन, कब्ज, गले की सुजन आदि के इलाज में किया जाता हैं। ठंडी प्रकृति की वजह से यह पेट और मष्तिष्क के लिए भी अच्छा माना जाता हैं। मुलेठी या मुलेठी से निर्मित दवाएं इन रोगों के उपचार में बहुत प्रभावी हैं। मुलेठी से बनी दवाओं का सेवन टेबलेट, पाउडर और सीरप के रूप में किया जाता हैं। मुलेठी के बहुत सारे फायदे है लेकिन कुछ स्थितियों में इसके सेवन से शरीर को नुकसान भी पहुंचता सकता हैं। इसलिए आइए मुलेठी के फायदे और नुकसान के बारें विस्तार से जानते हैं :-

मुलेठी खांसी जुकाम की दवा है
मुलेठी के कई फायदे हैं। इसका सेवन खांसी और इसके लक्षणों से राहत देता हैं। खांसी में अक्सर कफ की वजह से गले में सुजन और दर्द होने लगता हैं। खांसी के इन लक्षणों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक मुलेठी से बनी दवाएं सजेस्ट करते हैं। दरसल इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद हैं। ये गुण खांसी और इसके लक्षणों को कम करने में बेहद असरदार हैं। खांसी जुकाम में इसका सेवन काढ़े में डालकर या शहद के साथ मिलाकर कर सकते हैं। इसके रोजाना सेवन से गले की खसखस या खरास और जलन से तुरंत राहत मिलती हैं। दरसल मुलेठी कफ को निकालने और गले को साफ़ करने में मदद करती हैं।
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मुलेठी पाचन को दुरुस्त करने की दवा हैं
आजकल हर 5 में से एक व्यक्ति को पाचन की समस्या रहती ही हैं। ज्यादा तेल मसाले और जंक फ़ूड पाचन को खराब कर देता हैं। जिससे कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या हो जाती हैं। मुलेठी में मौजूद ग्लिसराइजिक एसिड होता है जो की गैस्ट्रिक की समस्या को खत्म करता हैं। फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर मुलेठी से सीरप और दवाएं बनायीं जाती है जिसका इस्तेमाल पाचन प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जाता हैं। जिन लोगों को कब्ज की समस्या है वे इसका सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से मल में चिकनापन आता है जिससे कब्ज से कुछ ही दिनों राहत मिलती हैं।
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मुलेठी पेशाब मार्ग के इन्फेक्शन की दवा है
अक्सर लोग यह सवाल करते है की मुलेठी किस रोग की दवा है ?। आपको बता दे की मुलेठी पेशाब से जुड़ी समस्यायों में भी बेहद फायदेमंद हैं। पेशाब मार्ग के इन्फेक्शन की वजह से जलन और दर्द का होना आम बात हैं। जलन और दर्द की वजह से कभी-कभी पेशाब करना भी मुश्किल हो जाता हैं। जैसा की मैंने आपको बताया है की मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह गुण मूत्र पथ के संक्रमण और सुजन को कम करने में कुछ हद तक प्रभावी हैं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन में मुलेठी बहुत प्रभावी मानी जाती हैं। चुकी यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है इसके बावजूद बिना चिकित्सीय सलाह इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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त्वचा की समस्यायों को दूर करता हैं
मुलेठी रेडनेस, पिगमेंटेशन, ओपन पोर्स, झुर्रियों, डलनेस आदि समस्यायों को दूर कर त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाता हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल खूबियों से भरपूर मुलेठी मुंहासे, रेडनेस और इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकता हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी भी होती है। यह कोलेजन उत्पादन को बढाने में मदद करती हैं। कुछ दिनों तक सेवन से त्वचा की झुर्रियां और डलनेस दूर होती हैं।
इसमें मौजूद ग्लैब्रिडिन टायरोसिनेस को स्लो कर मेलेनिन के उत्पादन को घटाता हैं। इससे त्वचा की चमक बढती हैं।
इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा गहराई से साफ़ होती है और डेड सेल्स निकल जाते हैं। मुलेठी का फेस पैक बनाने के लिए आंवला और गुलाब जल की जरूरत होगी। बराबर मात्रा में तीनों चीजों को मिलाकर पेस्ट बनाकर सप्ताह में एक बार इसे फेस पर लगा सकते हैं।
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तनाव दूर कर मष्तिष्क को शांत करता हैं
आपने कई लोगों को मुलेठी का सेवन करते देखा होगा ऐसे में मन में यह सवाल आता है की मुलेठी किस रोग की दवा है ?। आपको बता दे की इसका इस्तेमाल मानसिक तनाव को दूर करने में भी किया जाता हैं। मानसिक तनाव आज हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चूका हैं। घर और ऑफिस के काम, लड़ाई-झगड़े, बीमारी और खराब आर्थिक स्थिति के अलावे कई अन्य चीजें है जिसकी वजह से मानसिक तनाव हो सकता हैं। कोर्टिसोल हार्मोन के ज्यादा रिलीज होने या बनने से व्यक्ति तनाव महसूस करता हैं। मुलेठी में ग्लाइसीराइज़िन है जो की कोर्टिसोल होर्मोंस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। इसके अलावे इसमें सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढाने और मष्तिष्क को शांत करने के गुण भी हैं।
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हृदय को स्वस्थ रखता हैं
मुलेठी ब्लड सर्कुलेशन को बढाता हैं। रक्त का फ्लो अच्छा होने से हृदय स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। इसके अलावे यह कोलेस्ट्रॉल को भी कण्ट्रोल में रखता हैं। हालांकि इसका ज्यादा सेवन कभी कभी बेहद नुकसान भी पहुंचा सकता हैं। अत: अगर आप बिना चिकित्सीय सलाह इसका सेवन करने के बारे में सोच रहे है तो यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता हैं। दरसल इसके ज्यादा सेवन से या गलत तरीके से सेवन से रक्तचाप और धड़कने बेहद तीव्र हो सकती हैं। इसलिए सेवन से पहले चिकित्सीय सलाह बेहद आवश्यक हैं।
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रोगों से लड़ने की क्षमता बढाता हैं
मुलेठी में मौजूद गुण रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता हैं। खराब इम्युनिटी शरीर को रोगों का घर बना सकता हैं। जी हां, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तो वायरस और बैक्टीरिया आसानी से आपके शरीर में घुसकर आपको रोगग्रस्त कर देता हैं। मुलेठी में वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने और निष्प्रभाव करने के गुण हैं। इसके अलावे इसमें कुछ एंजाइम जैसे लिम्फोसाइट्स, मैक्रोफेज और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये एंजायम और एंटीऑक्सीडेंट इम्युनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से सेल्स के नुकसान को रोकता हैं। फ्री रेडिकल्स इम्युनिटी को कमजोर करता है इसलिए मुलेठी का सेवन फायदेमंद मानी जाती हैं।
ऊपर बताए गए सभी फायदे मुलेठी से मिलते हैं। हालांकि मुलेठी का इस्तेमाल अन्य कई रोगों के उपचार में किया जाता हैं। जी हां, इसका इस्तेमाल लीवर के सुजन को कम करने, मुंह की दुर्गन्ध और दांतों की सडन को दूर करने, पीरियड के दर्द और ब्लीडिंग, घाव को भरने, मिर्गी, खून की कमी , अल्सर आदि के उपचार में भी होता हैं। मुझे यकीन है की आपको पता चला गया होगा की मुलेठी किस रोग की दवा है ।
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मुलेठी का सेवन करने का तरीका
मुलेठी का सेवन पाउडर या चूर्ण के रूप में सबसे अधिक किया जाता हैं। इसके अलावे जड़ों को उबालकर भी पानी का सेवन भी किया जाता हैं। मुलेठी के चूर्ण को पानी और दूध में 6 घंटे फुलाकर सुबह उठने के बाद सेवन कर सकते हैं। खांसी की समस्या में इसका काढ़ा या उबले हुए जड़ों का पानी सबसे लाभदायक हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सकोंएक दिन में 3 से 4 ग्राम ही मुलेठी के सेवन की सलाह देते हैं। इससे अधिक का सेवन नुकसानदायक हो सकता हैं।
निष्कर्ष – मुलेठी किस रोग की दवा है
आज की इस आर्टिकल में मैंने बताया है की मुलेठी किस रोग की दवा है और मुलेठी के फायदे क्या हैं। मुलेठी खांसी जुकाम, खराब ब्लड सर्कुलेशन, हार्ट से जुड़ी समस्याएं, मानसिक तनाव, त्वचा समस्याएं और खराब इम्युनिटी में लाभदायक हैं। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आवश्यकता से अधिक करने पर शरीर को भारी नुकसान भी हो सकता हैं। इससे होने वाले नुकसान में रक्तचाप का बढ़ना, एडिमा, हार्ट डिजीज, सर में दर्द आदि शामिल हैं। इसलिए इसके सेवन से पहले चिकित्सीय सलाह जरुरी हैं।
यह जानकारी ” मुलेठी किस रोग की दवा है : मुलेठी के फायदे ” निश्चित ही आपके लिए उपयोगी साबित होगी। असीमित गुणों वाली इस आयुर्वेदिक जडीबुटी के फायदे की जानकरी अपने दोस्तों के साथ जरुर से जरुर शेयर करें।
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