नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है – बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली का घरेलू उपाय – क्या आप नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट खोलने की कोशिश करती हैं। अगर हाँ तो यह पोस्ट जरुर पढ़ें अन्यथा आपकी एक गलती बच्चे को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अक्सर जबी बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली होती हैं तो मां यह सोचती हैं की प्राइवेट पार्ट के उपरी भाग के बंद होने की वजह से ऐसा होता हैं। यही कारण हैं की महिलाएं अक्सर गूगल पर सर्च करती हैं की नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है तो आइए विस्तार से इसके बारें में जानते हैं।
बच्चे के जन्म के बाद उसके साफ़-सफाई और स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना पड़ता हैं। बच्चे के प्राइवेट पार्ट और उसके आस पास रैशेज और खुजली की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं। नवजात को पहनाया गया डायपर बच्चे को इस तरह की समस्या में डाल देता हैं। इसलिए इस पोस्ट में मैं आपको यह भी बताउंगी की बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली होने पर क्या करें। बच्चे के प्राइवेट पार्ट अर्थात लिंग के ऊपरी त्वचा का हटाया जाना कितना सेफ हैं इसके बारे में भी इस पोस्ट में जानेंगे। नीचे विस्तार से बताया गया हैं की नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है :-
नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है
दोस्तों, शिशु के प्राइवेट अंग बेहद संवेदनशील होते हैं। इसमें लगी हल्की चोट भी शिशु को बेहद तकलीफ पंहुचा सकती हैं। इसलिए शिशु के इन अंगों को साफ़ करते वक्त हर मां को सावधानी बरतनी चाहिए। नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट को साफ़ करते रहना बेहद जरुरी हैं। दरसल गंदगी के कारण कभी-कभी घाव, रैशेज, जलन और कई तरह के संक्रमण का खतरा रहता हैं। अक्सर लोग यह प्रश्न करते हैं की नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है ?।
अगर आप नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट को खोलना चाहते हैं तो ऐसी गलती बिल्कुल न करें। दरसल शिशु का प्राइवेट पार्ट की उपरी चमड़ी जन्म से चिपकी रहती हैं। अगर इसे जबरदस्ती हटाने की कोशिश की जाएँ तो आप शिशु को भयंकर पीड़ा होती हैं। कई बार चमड़ी को जबरदस्ती हटाने से ब्लड निकलने लगता हैं। कई महिलाएं साफ़-सफाई करने के चक्कर में ऐसी गलती कर बैठती हैं जिसका खामियाजा बच्चे को भुगतना पड़ता हैं। बच्चे के लिंग को किसी सूती कपड़े की मदद से या रुई की मदद से ही साफ़ करनी चाहिए। अत: ध्यान रहे की नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट की चमड़ी को खोलने या नीचे करने का प्रयत्न न करें। यह चमड़ी स्वत: ही 2 से 3 वर्षों में नीचे और ऊपर जाने लगती हैं।
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बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली होने पर क्या करें
डायपर और साफ़ सफाई की कमी की वजह से नवजात को रैशेज़ और खुजली की समस्या का होना आम हैं। ऐसी समस्या होने पर आपको नीचे बताएं गए उपाय जरुर करनी चाहिए।
1. नारियल तेल
एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण से भरपूर नारियल का तेल बच्चे को खुजली और संक्रमण की समस्या को बढ़ने से रोकता हैं। लगातार कुछ दिनों तक इसके इस्तेमाल से इस समस्या को दूर किया जा सकता हैं। इस तेल को प्राइवेट पार्ट के आसपास के क्षेत्रों में अप्लाई करें। परन्तु ध्यान रहें की इसे सिर्फ लगाकर छोड़ना हैं मालिश बिल्कुल भी नहीं करनी हैं।
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2. प्राइवेट पार्ट को साफ़ करें और एलोवेरा जेल लगाएं
एलोवेरा का एंटीफंगल गुण बच्चे के प्राइवेट पार्ट के संक्रमण को कम करता हैं। सबसे पहले आपको उस पार्ट की सफाई हल्के गुनगुने पानी से साफ़ कपड़े से करनी हैं। उसके बाद उस जगह पर जेल को लगाकर छोड़ देना हैं। यह शीतल प्रकृति का होता हैं जो तुरंत जलन और खुजली की समस्या से राहत देता हैं।
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3. ओटमील
ओटमील का इस्तेमाल कर बच्चे को खुजली, रैशेज से राहत दे सकती हैं। आधे कप ओटमील को नहाने के तब में डालकर बच्चे के प्राइवेट पार्ट को 10 मिनट तक भींगने के लिए छोड़ दें। ऐसा 2 दिन लगातार करने से खुजली से राहत मिलती हैं। ओटमील पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
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4. गीले डायपर को जल्दी हटाएं
बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली ज्यादा समय तक गीले डायपर को पहने रखने से होता हैं। इसलिए डायपर बदलते रहना चाहिए। अगर बच्चे ने पेशाब कर दिया हैं तो उस कपड़े या पैंट को चेंज करें। ज्यादा देर तक भींगे कपड़े पहने रहने से फंगल इन्फेक्शन का डर रहता हैं। इन्फेक्शन होने पर खुजली की समस्या होती हैं। खुजली और इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए बच्चे के प्राइवेट पार्ट को सुखा रखना बेहद जरुरी हैं। ज्यादा टाइट कपड़े या डायपर भी खुजली होने पर न पहनाएं। दरसल यह समस्या को और बढ़ा देती हैं।
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5. बेकिंग सोडा
आप जिस टब में बच्चे को नहलाती हैं उसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालें। उसके बाद बच्चे को उसमें बिठाकर 5 मिनट के लिए छोड़ दें। इससे बच्चे को होने वाली खुजली से राहत मिलती हैं।
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नवजात शिशु को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए
दोस्तों, नवजात शिशु को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए इसकी कोई लिमिटेशन नहीं हैं। एक नवजात बच्चा 24 घंटे में बेहद कम 2 से 3 बार पेशाब करता हैं। हालाँकि 2 से 3 दिन बाद बच्चा 15 बार तक पेशाब कर सकता हैं। हालाँकि यह सभी बच्चों में भिन्न हो सकता हैं।
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निष्कर्ष – नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है
दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको बताया हैं की नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है – बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली का घरेलू उपाय क्या हैं। मुझे उम्मीद हैं की आपको आज की यह जानकारी अच्छी लगी होगी। एक्सपर्ट्स कहते हैं की शिशु के जन्म के पश्चता प्राइवेट पार्ट के उपरी चमड़ी को खोलने की कोशिश करने चमड़ी फट सकती हैं जिससे शिशु को अत्यंत पीड़ा हो सकती हैं। इसलिए ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए।
मुझे आशा हैं की आपको आज की यह पोस्ट नवजात शिशु का प्राइवेट पार्ट कैसे खोला जाता है – बच्चे के प्राइवेट पार्ट में खुजली का घरेलू उपाय अच्छी लगी होगी। ऐसी ही हेल्थ से जुडी अपडेट्स के लिए आप हमारे ल्बोग के अन्य पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
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