Tanishq Owner और इससे जुड़ी पूरी जानकारी : दोस्तों नमस्कार दोस्तों, हमारी Sundarta को बढ़ाने में ज्वेलरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। आप कितने ही महंगे कपड़े पहन लो या मेकअप कर लो जब तक आपके गले में सोने की चमचमाती हार या हाथों में ब्रेसलेट न हो तो आपको कमी महसूस होती ही हैं। आज की इस फैशन की दुनियां में हर कोई दुसरे से खुबसूरत दिखना चाहता हैं। और इन्हीं कारणों से बड़ी बड़ी ज्वेलरी कंपनियां भारत में सफलतापुर्वक Business कर रही हैं। दोस्तों भारतीय बाजार में सोने से निर्मित आभूषणों की बहुत डिमांड हैं। टाटा ग्रुप की कंपनी तनिष्क इंडिया का सबसे पहला ज्वेलरी रिटेल ब्रांड हैं जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में हैं।
Tanishq Company क्या है?
आभूषण के बिज़नस में तनिष्क भारत का सबसे प्रसिद्ध ब्रांड हैं। तनिष्क टाइटन कम्पनी (Tanishq Jewellery Owner) का प्रभाग हैं। टाइटन फैशन से जुड़े सामान जैसे आभूषण, घड़ी इत्यादि के लिए प्रसिद्ध हैं। तनिष्क 1994 में स्थापित किया गया था। यह भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां में अपने प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती हैं। ऐसे में कई बार आपके मन में यह सवाल जरुर आता होगा की तनिष्क का मालिक (Tanishq Owner Name) कौन हैं।
उद्योग | Jewellery |
स्थापना | 1994 |
मुख्यालय | होसुर (Tamilnadu) |
प्रकार | टाइटन इंडस्ट्री का डिवीज़न |
Official Website | https://www.tanishq.co.in/ |
Tanishq ज्वेलरी से जुड़े हर सवाल का मिलेगा जवाब
दोस्तों आपके मन में कई तरह के सवाल होंगे जैसे तनिष्क का मालिक (Owner Of Tanishq jewellery) कौन है?, तनिष्क कंपनी (Tanishq Company) क्या है?, तनिष्क ओनर की पत्नी (Tanishq Owner wife) का क्या नाम हैं, तनिष्क ओनर की बेटी (Tanishq Owner Daughter) का क्या नाम हैं, तनिष्क ओनर की फॅमिली (Tanishq Owner family) आदि। इन सभी सवालों के जवाब आज की इस आर्टिकल में मैंने देने जा रही हूँ।
भारत में तनिष्क का व्यापार और Meaning of Tanishq in Hindi
आपको बता दें की भारत में तनिष्क के लगभग 520 रिटेल स्टोर हैं। तनिष्क की शुरुवात 1994 में 18k सोने से निर्मित घड़ी के लांच की साथ हुई थी। लेकिन बाद में 22k सोने की अत्याधिक मांग ने तनिष्क को 22 k सोने से निर्मित सामानों को बनाने के लिए विवश कर दिया। आपको बता दे की टाइटन के पहले प्रबंध निदेशक ने वर्तमान समय के सबसे बड़े ज्वेलरी ब्रांड का नाम तनिष्क रखा था। इस नाम को अर्थ होता हैं तन यानी शरीर और निष्क यानी सोने का आभूषण। तो आज की इस पोस्ट में मैं आपको तनिष्क से जुड़ी लगभग सारी जानकारियां आपको देने जा रही हूँ। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।
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टाइटन का ज्वेलरी में प्रवेश की वजह
1990-91 में जब इंडिया आर्थिक संकट झेल रहा था। तब टाइटन (Owner Of Tanishq) ने विदेशी मुद्रा में वृद्धि के लिए तनिष्क लांच किया था। जी हाँ उस समय भारत पर 70 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज था और देश के पास सिर्फ 6 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा ही बचा था। तब सरकार ने विदेशी मुद्रा बढ़ाने के लिए निर्यात पे जोड़ दिया। तब टाटा ग्रुप ने सरकार के नक़्शे कदम पर चलते हुए तमिलनाडु के होसुर में कारखाना खोला और ज्वेलरी बनाकर निर्यात करने लगा। उस वक़्त तनिष्क मुख्य रूप से यूरोप और अमेरिका के बाजारों में निर्यात पे केन्द्रित था।
वित्तीय संकट का हल निकलने के बाद तनिष्क का भारतीय बाजारों में एंट्री
बाद में जब भारत में विनिमय संकट का हल निकल गया तब तनिष्क का भारतीय बाजारों की तरफ रुख हुआ। आपको बता दे की पायलट प्लांट स्थापित करने के बाद 1994 में उत्पादन शुरू कर पहला स्टोर खोला गया। भारत में तनिष्क का पहला स्टोर 1996 में खोला गया था। यह स्टोर चेन्नई में खोला गया था। मई 2000 में टाइटन तनिष्क के प्रबंध निदेशक (Owner Of Tanishq jewellery) जेर्सेस देसाई ने इस कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराधिकारी की तालाश करने लगें। इतने बड़े कंपनी के लिए एक बेहतरीन लीडर का चुनाव करने सबसे कठिन कार्य था। अंत में भास्कर भट जो की टाइटन के डिविसन में काम का अनुभव था उन्हें कंपनी के मुखिया के रूप में चुन लिया गया।
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घाटे में चल रही कंपनी को लाभ में बदल दिया दिया भास्कर भट्ट ने
आपको बता दें की उस समय कंपनी पिछले लगभग 5 सालों से घाटे में चल रही थी लेकिन भास्कर भट्ट ने अपने अनुभव और ग्राहक केन्द्रित दृष्टिकोण के जरिये घाटे को लाभ में बदलने में सफल हो गए। और अब टाइटन का बिज़नस दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा हैं। जी हाँ पिछले कुछ सालों से तनिष्क का बिज़नस में हर साल 20 से 30% ग्रोथ देखने को मिल रहा हैं। आप को बता दे की तनिष्क में ज्वेलरी ब्रांड के राजस्व की हिस्सेदारी 85 % के लगभग हैं।
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Tanishq Company Owner (तनिष्क का असली मालिक)
एके समय था जब Tanishq की पहचान फैशनेबुल घड़ियों से था। लेकिन आज तनिष्क की पहचान वेस्टर्न डिजाईन के आभूषणों से हैं। जब 1984 में टाइटन कंपनी शुरू हुई थी तब इसका नाम टाइटन इंडस्ट्रीज थी जिसे तमिलनाडु की सरकार और टाइटन ग्रुप (Tanishq Owner) के द्वारा शुरू किया गया था। पहली बार सन 1987 में टाइटन की घड़ी मार्केट में उतरी। उस समय टाइटन का सबसे बड़ा मार्किट प्रतिद्वंदी HMT था। विदेश में महंगे घड़ियों की मांग धीरे-धीरे घटने लगी। और एक समय ऐसा आया की टाइटन की घड़ियों का बाजार मंद पड़ गया। लेकिन तनिष्क (Tanishq Company) के बढ़ते बाजार ने टाइटन को संभाल लिया।
भारतीय ग्राहकों ने 18k सोने से बनें Tanishq के Jewellery को किया था रिजेक्ट
भारत में लगभग हर शादी समारोह और त्योहारों में लोग गहने बनवाते हैं। Tanishq jewellery मुख्यतः 18k सोने के आभूषणों को ही निर्मित करता था। विदेशों में तनिष्क के 18 k गोल्ड बेहद पसंद किये जाते थे क्योकिं ये बेहद सस्ते होते थें। लेकिन भारत में जब तनिष्क ने 18k गोल्ड के आभूषण पेश किये तो भारतीय को पसंद नहीं आये। लेकिन समय पर तनिष्क ने कस्टमर की मांग को भांपते हुए 22k गोल्ड वाले गहने भी पेश कर दिए। शुरुवात में गहनों का बिज़नस घाटे का सौदा साबित होता दिख रहा था क्योकिं गहनों को बनाने और मार्केटिंग में बहुत ज्यादा पैसे बर्बाद हो रहे थे। फिर एक समय ऐसा आया जब ये बातें होने लगी की तनिष्टाक के मालिक टाइटन ग्रुप ने ज्वेलरी बिज़नस (Tanishq jewellery) में आकर बहुत बड़ी गलती कर दी।
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कैरेटमीटर डिवाइस के आने पर तनिष्क की चमकी थी किस्मत
लेकिन ज्वेलरी मार्किट में एक बेहतरीन डिवाइस के आने के बाद तनिष्क की किस्मत चमक गयी। जी हाँ (स्पेक्ट्रोस्कोपिक डिवाइस) कैरेटमीटर नाम की डिवाइस ज्वेलरी मार्किट में आया जिसके द्वारा आसानी से गहनों की शुद्धता की जांच की जा सकती थी। तनिष्क ने इसका फायदा उठाया और विज्ञापन जारी किये की ग्राहक अब बिना पैसे खर्च किये सोना खरीदने से पहले स्टोर पर शुद्धता की जांच कर सकते हैं। जिसके बाद गहनें खरीदने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। आपको बता की टाइटन कंपनी की मुख्य कमाई इसी ज्वेलरी Business के द्वारा होता हैं। टाइटन की कमाई का 90% हिस्सा तनिष्क का ही हैं।
तनिष्क को लेकर विवाद (Tanishq Controversy)
तनिष्क जो की टाटा ग्रुप की सबसे बड़ा ब्रांड हैं उसको लेकर कई बार विवाद हुए। दरसल Tanishq Company के द्वारा जारी किये गये एक विज्ञापन में एक हिन्दू लडकी को मुस्लिम बहु के तौर पे दिखाया गया था। जिसके बाद विवाद बढ़ता चला गया। ट्विटर पर तनिष्क को बायकाट भी किया गया था। एक और ऐड में दिवाली के मौके पर तनिष्क द्वारा adverTismenT दिखाया गया जिसमें नीना गुप्ता। सायनी गुप्ता और भी 2 एक्ट्रेस दिवाली पर पटाखें न फोड़ने की सलाह दे रही थी। सोशल मीडिया पर तनिष्क की बेहद आलोचना हुई और Tanishq Owner को विज्ञापन हटाना पड़ा।
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तनिष्क कंपनी (Tanishq Company) क्या है?
तनिष्क भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टाइटन कंपनी (Tanishq Company Owner) का डिविजन हैं। यह भारत का सबसे पहला और सबसे पोपुलर ज्वेलरी ब्रांड हैं। इसका कॉर्पोरेट मुख्यालय बैंगलोर के इलेक्ट्रॉनिक सिटी में स्थित हैं।
तनिष्क महंगा क्यों है?
दोस्तों तनिष्क के गहने महंगे होने का सबसे बड़ा कारण हैं क्वालिटी, अत्याधिक मांग और भारत का सबसे बड़ा ब्रांड का होना।
तनिष्क (Tanishq) पुराना सोना लेता है?
जी हाँ बलकुल आप तनिष्क में अपने पुराने सोने को बेचकर नए गहने खरीद सकते हैं।
तनिष्क का मालिक (Tanishq Owner) कौन है?
तनिष्क टाइटन कंपनी का प्रभाग हैं इसके पहले प्रबंध निदेशक (Owner Of Tanishq jewellery) ज़ेरक्सस देसाई थे। यह कंपनी पर टाटा ग्रुप और तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम (Tanishq Owner) का कब्ज़ा हैं। वर्तमान में २०२३ के अनुसार टाटा के ज्वेलरी डिवीज़न का सीईओ AjOy Chawla हैं।
तनिष्क कितने साल का है?
इसे 1994 में स्थापित किया गया हालाँकि पहला शोरूम 1996 में चेन्नई में खोला गया था। इसलिए 2023 के अनुसार तनिष्क 29 वर्ष से ज्रावेलरी की दुनियां में राज कर रहा हैं।
दोस्तों तनिष्क के पहले प्रबंध निदेशक जेर्सेस देसाई (Owner Of Tanishq) की पत्नी का नाम रजनी देशाई था। और उनकी बेटी का नाम Annahita Desai हैं। वर्तमान में Ajoy Chawla तनिष्क के सीईओ हैं।
दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से मैंने आपको Tanishq Jewellery Company Owner और उसके इतिहास के बारें में डिटेल में बताया हैं। इस जानकारी को आप whatsapp फेसबुक पर शेयर अवश्य करें।
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