शमी का पेड़ की पहचान :- हिंदू धर्म में शमी के पेड़ की पूजा की जाती हैं। इस पेड़ का हिन्दू धर्म में खास महत्त्व हैं माना जाता हैं की इस पेड़ की पूजा से शनि देव प्रसन्न रहते हैं। साथ ही शमी की पेड़ की पूजा घर में सुख समृधि आती हैं। यह वृक्ष ज्यादात्तर राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश और गुजरात जैसे जगहों पे पाया जाता हैं। यह अन्य कई नामों से जाना जाता हैं इसके अन्य नाम कांडी, खेजड़ी, सांगरी आदि हैं। इस पेड़ का तना खुरदुरी सी होती हैं। इस पेड़ के फुल को देवो के देव महादेव पर भी चढ़ाया जाता हैं। इसके पेड़ से घर से नकारत्मकता दूर होती हैं। इस पोस्ट में हम आपको शमी का पेड़ की पहचान के साथ इसके कुछ फायदे भी बताने जा रहे हैं इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
शमी का पेड़ और इस की पहचान
इस वृक्ष का वैज्ञानिक नाम प्रोसोपिस सिनेरेरिया हैं। इसकी पत्तियां इमली की पत्तियां जैसी होती हैं। लेकिन इमली की पत्तियां से काफी छोटी होती हैं। इस पेड़ में छोटे-छोटे कांटे होते हैं। यह वृक्ष 21 मीटर तक ऊँचा हो सकता हैं। इस पेड़ में जो फुल लगते हैं वह पीले और बैगनी रंग के होते हैं। यह बबूल के पेड़ जैसा दिखाई देता हैं। इस पेड़ की छाल का रंग भूरा होता हैं। इस तरह आप शमी का पेड़ की पहचान कर सकते हैं। यह पेड़ आसानी से किसी नर्सरी में मिल सकता हैं। आयुर्वेद में भी शमी का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता हैं। इसकी पत्तियां मरुस्थल जैसी जगहें जहाँ पानी की कमी होती हैं वहा भी हरी रहती हैं।
ऐसे करें शमी का पेड़ की पहचान
पीले और बैगनी कलर के फुल और इमली के पत्ते की तरह दिखने वाला इसका पत्ता होता हैं। हालाँकि इसके पत्ते काफी छोटे होते हैं। इसके तने रुखड़े होते हैं। इस पेड़ में छोटे कचोटे नुकीले कांटे होते हैं। तो इस तरह आप शमी का पेड़ की पहचान कर सकते हैं।
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शमी का पेड़ कैसे लगाना चाहिए
अगर आप शमीं के पेड़ की पूजा करना पारंभ करना चाहते हैं तो किसी नजदीकी नर्सरी से पेड़ खरीद सकते हैं। इस पेड़ को घर के इशान कोण पर लगाया जाना चाहिए। भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी और पीपल के पेड़ की पूजा की जाती हैं। चुकीं पीपल का पेड़ आकार में बहुत बड़ा होता हैं इसलिए उसे घर में नहीं लगाया जा सकता हैं। शमी का पेड़ छोटा होने के कारण इसे आप अपने आंगन में भी लगा सकते हैं। माना जाता हैं की शनि को प्रसन्न करने के लिए हर शनिवार को सरसों तेल का दिया पेड़ के पास जरुर जलाना चाहिए।
इस पेड़ की पूजा से सिर्फ शनी देव ही नहीं बल्कि सभी देव प्रसन्न होते हैं और धन लाभ भी होता हैं। बताया जाता हैं की राम जी ने रावण को मारने के बाद शमी के पेड़ की पूजा की थी। यह पेड़ के घर में रोपण और पूजन से सकारत्मक उर्जा आती हैं और शनि दोष दूर होता हैं।
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माँ लक्ष्मी और गणेश जी को भी बेहद पसंद हैं शमी के फुल और पत्तियां
बताया जाता हैं की पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अपने शास्त्रों को शमी के पेड़ के पास ही छुपा दिया था। इस कारण भी शमी के पेड़ का महत्त्व बढ़ जाता हैं। कहा जाता हैं की यही से शमी का पेड़ की पहचान बनी। सोमवार के दिन भगवन शिव शंकर पर इसके पत्तों और फूलों को चढाने से शिव की कृपा हमेशा बनी रहती हैं। गणेश जी पर बुधवार के दिन पुष्प चढाने से माता लक्ष्मीं प्रसन्न होती हैं। इस तरह घर में धन धान्य की वृद्धि होती हैं। शनि का पेड़ दशमी के दिन लगाया जाना शुभ माना जाता हैं। लेकिन इस पेड़ को आप शनिवार के दिन भी लगा सकते हैं। भगवान शिव पर बेलपत्र के साथ शमी की पत्तियां चढाने से सारे शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।
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धार्मिक द्रष्टिकोण से शमी के फायदे
1. कर्ज में
माना जाता हैं की जो लोग लम्बे समय से लिए गये कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं हैं वे शमी के पेड़ की पूजा कर इस स्थिति से छुटकारा पा सकते हैं। कहा जाता हैं की जो लोग शमी के पेड़ के पास उड़द की दाल में काले तील मिलाकर अर्पित करते हैं उनपर से शनि का दोष ख़त्म हो जाता हैं। इस तरह दोष हटने से कर्ज चुकाने में मदद मिलती हैं।
2 नौकरी पाने के लिए शमी के पेड़ की पूजा
जो लोग बेरोजगार हैं या अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं और नौकरी बदलना चाहते हैं उन्हें शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। शमी के पेड़ की पूजा करने से शीघ्र से नयी नौकरी मिलने के चांसेज होते हैं। इसके लिए व्यक्ति को प्रतिदिन ताम्बे के बर्तन में गंगा जल डालकर शमी के पेड़ पे चढाते हुए ॐ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए।
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शमी के आयुर्वेदिक लाभ – शमी का पेड़ की पहचान
दोस्तों शमी का पेड़ कई रोगों के समाधान में भी जाता हैं। यह धार्मिक रूप से महत्त्व तो रखता ही हैं साथ ही इसके पत्ते के सेवन से अनेक तरह के स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
1. पेट सम्बन्धी समस्यायों में शमी का पेड़ का पत्ता बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। इसके पत्ते पेट के कीड़े को मारने में उपयोग किया जाता हैं। अगर आप पेट सम्बन्धी विकारों से ग्रस्त हैं तो इसकी पत्तियों का रस 1 ग्लास पानी में मिलाकर पियें।
2. शमी के तने का छाल का इस्तेमाल अल्सर रोग में भी किया जाता हैं।
3. कई शोधों से यह पता चला हैं की इस पेड़ का उपयोग सिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोगों के इलाज में भी किया जाता हैं।
4. इसकी पत्तियों को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर हो जाती हैं। इसके अलावे इसकी छाल का उपयोग दांत दर्द में भी किया जाता हैं।
शमी का पेड़ की पहचान क्या हैं या आप इसे कैसे पहचान सकते हैं इसकी पूरी जानकारी इस पोस्ट में मैंने आपको दी हैं। शमी के पौधे का हिन्दू धर्म में खास महत्त्व हैं। इस पेड़ की पूजा से शनि देव प्रसन्न होकर अपनी कुद्रष्टि आपसे हटा लेते हैं। इस पेड़ से कई आयुर्वेदिक औषधियाँ बनायीं जाती हैं।
दोस्तों शमी का पेड़ की पहचान और फायदे की इस पोस्ट में मैंने आपको कुछ महतवपूर्ण जानकारियां आपको दी हैं। अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे शेयर करना बिल्कुल न भूलें।
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