कान में सनसनाहट का इलाज – आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज

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कान में सनसनाहट का इलाज – आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज – कान में सनसनाहट की समस्या बेहद आम है। परन्तु अधिक समय तक इस समस्या का बने रहना गंभीर कर्ण समस्या के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए कान में सनसनाहट के कारण और इलाज की जानकारी आपके लिए जरुरी हैं। सनसनाहट की समस्या के चलते दैनिक कार्यों को सम्पादित करने में काफी समस्या आती हैं। काम पर ध्यान नही लगता और आवाज भी सही से सुनाई नहीं देती हैं। कान में आवाज आना और कम सुनाई देना गंदगी और संक्रमण की वजह से सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। कान में सनसनाहट का आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज की जानकारी नीचे प्रदान की गयी हैं।

कान में सनसनाहट का इलाज - आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज
कान में सनसनाहट का इलाज – आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज

सन-सन की आवाज तब और अधिक परेशान करता है जब आप भीड़-भाड़ या तेज हवाओं के बीच होते हैं। कई बार यह समस्या खुद-ब-खुद कुछ दिनों में पूर्णत: ठीक हो जाती हैं। घरेलु आयुर्वेदिक चिकित्सा के जरिए भी इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता हैं। कान में सनसनाहट की कई वजहें हो सकती हैं। इसलिए आइए सबसे पहले यह जानते है की कान में सनसनाहट के कारण क्या हैं। उसके बाद जानेंगे की कान में आवाज होने पर सबसे बेस्ट आयुर्वेदिक इलाज कौन-कौन सी हैं।

कान में सनसनाहट के कारण

कान में सनसनाहट के कारण
कान में सनसनाहट के कारण

एक कान या दोनों कान में सनसनाहट की आवाज आना इन्फेक्शन और गूंज की वजह से हो सकती हैं। खराब लाइफस्टाइल, खराब खानपान और टिनिटस बीमारी के चलते कान की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती हैं। कान में सनसनाहट के कारणों की लिस्ट नीचे पढ़ें।

  • साइनस होने पर कानों के अंदर अक्सर सनसनाहट की आवाज सुनी जा सकती हैं।
  • कान के अंदर जमी मैल या किसी तरह के ब्लौकेज की कारण
  • कान के पर्दे को माचिस की तीली या किसी अन्य नुकीली चीज से नुकसान पहुंचने पर
  • कान के अंदर घाव और फुंसी की वजह से भी सनसनाहट महसूस होती हैं।
  • कभी-कभी स्नान के वक्त कान में पानी, शैम्पू या साबुन जाने के कारण
  • सर्दी-जुकाम और कफ की वजह से
  • ज्यादा समय तक या अचानक से तेज आवाज से
  • बुढ़ापा, हाई ब्लड प्रेशर, हियरिंग प्रॉब्लम, हृदय रोग और थायरायड भी सनसनाहट की वजह से हो सकती हैं।

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कान में आवाज होना का आयुर्वेदिक इलाज

कान में सनसनाहट और दर्द का अधिक दिनों तक रहना खतरनाक हो सकता हैं। जी हां, कान की इन समस्यायों से चलते फेशियल पैरालिसिस और बहरापन जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती हैं। अधिक समय तक इस समस्या के लगातार बने रहने से सुनने की क्षमता लगातार घटने लगती हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति को कार्यस्थल पर भी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। कान और नाक से जुडी समस्याएं होने पर फ़ास्ट फ़ूड, कोल्डड्रिंक और नशीले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। तो आइए कान में आवाज होना का कुछ बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज बताते हैं।

धनिया चाय

धनिया का इस्तेमाल शब्जियों में सबसे ज्यादा किया जाता हैं। इसलिए हर घर की रसोई में यह जरुर उपलब्ध रहती हैं। धनिया का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी किया जाता हैं। `जी हां, कान की सनसनाहट को दूर करने के लिए साबुत धनिया को पानी में डालकर उबाले और फिर उसमें स्वाद अनुसार चीनी और चायपत्ती मिला दें। ध्यान रहे की चायपत्ती कम मात्रा में ही डालें। दिन में दो बार पीने से सनसनाहट की समस्या दूर होती हैं।

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अदरक

अदरक में रोगानुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है। जिसका इस्तेमाल कई शारीरिक समस्यायों के उपचार में किया जाता हैं। कान में बार-बार सनसनाहट और सिटी जैसी हवा की आवाज को कम करने में अदरक पानी या उससे बनी चाय बेहद फायदेमंद हैं। अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर पानी में उबालकर पीने से बहुत जल्दी लाभ मिलता हैं। इसके अलावे आप अदरक की चाय बनाकर भी पि सकते हैं। अदरक के रस और जैतून तेल का मिश्रण की कुछ बूंदों को कानों में डालने से भी स्थिति में तुरंत सुधार देखने को मिलता हैं।

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तुलसी

एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों वाला तुलसी पत्र सर्दी-खांसी और जुकाम को महज कुछ ही दिनों में दूर कर देता हैं। यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता हैं साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी काफी असरदार हैं। आधे ग्लास पानी में तुलसी के १० पत्ते और २ गोल मिर्च डालकर सुबह-शाम पीने से कान की सनसनाहट दूर होती हैं।

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लहसुन का तेल

लहसुन में मौजूद गुण कानों के इन्फेक्शन और सनसनाहट की समस्या में बेहद असरदार मानी जाती हैं। लहसुन की कुछ कलियों को पीसकर उसका रस निकाल लें। उसके बाद जैतून तेल को बराबर मात्रा में इस रस में मिलाकर ४-४ बूंद सुबह-शाम डालने से सनसनाहट और संक्रमण में लाभ मिलता हैं।

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कान में आवाज होना का होम्योपैथिक इलाज

लाइकोपोडियम, बेलाडोना 30सी एचपीयूएस, नैट्रम सैलिसिलिकम, ग्रैफ़ाइट्स नेचुरलिस, काली म्यूर और कैल्केरिया कार्बोनिका 30सी एचपीयूएस आदि दवाओ का उपयोग कान में सनसनाहट और संक्रमण की समस्या दूर करने के लिए किया जाता हैं। हालांकि बिना चिकित्सीय सलाह इसका सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता हैं।

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निष्कर्ष

उम्मीद है यह जानकारी ” कान में सनसनाहट का इलाज – आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज ” आपको पसंद आयी होगी। अगर आपकी सनसनाहट की समस्या लगातार बढती जा रही है तो शोर-शराबे वाले स्थानों से खुद को दूर रखें। संक्रमण और मैल से निपटने के लिए साफ़-सफाई का खास ध्यान रखना जरुरी हैं। सनसनाहट और संक्रमण की समस्या दूर करने के लिए कई तरह के तेल, आयुर्वेदिक नुस्खे और होमियोपैथी इलाज की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में प्रोवाइड की गयी हैं।

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