कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी – प्राथमिक उपचार की जानकारी

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कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी – प्राथमिक उपचार की जानकारी – कई बार राह चलते वक्त अचानक स्ट्रीट डॉग्स काट लेते हैं। कुत्ते का काटना आम बात नहीं हैं। स्ट्रीट डॉग्स के काटने पर आपको रेबीज हो सकता हैं। ऐसा नहीं हैं की सिर्फ स्ट्रीट डॉग्स या पागल कुत्ते के काटने से ही आपको रेबीज हो सकता हैं। अगर आप पालतू कुत्ते को भी टिका नहीं लगाते हैं तो उसके काटने से भी यह बीमारी हो सकती हैं। थोड़ी से लापरवाही आपके जीवन के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता हैं। 28 सितंबर को रेबीज दिवस के दिन लोगों को जागरूक करने का काम जोरों शोरों से किया जाता हैं। क्योकि रेबीज वायरस से संक्रमित व्यक्ति का उपचार नहीं होने पर मौत निश्चित हैं। कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी कौन सी हैं इसकी जानकरी नीचे प्रदान की गयी हैं।

कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी - प्राथमिक उपचार की जानकारी
कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी – प्राथमिक उपचार की जानकारी

एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष सिर्फ भारत में ही १८ से २० हजार लोग इस वायरस के कारण अपनी जाना गवां देते हैं। कुत्ते के काटने के तुरंत बाद ही रेबीज का टीका जरुरी हैं। अत: अगर आपको कुत्ता काट लेता हैं तो किसी नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर फ्री में टीका लगवा सकते हैं। रेबीज वायरस सिर्फ कुत्ते से ही इंसानी शरीर में नहीं आता हैं बल्कि यह किसी अन्य जानवरों के काटने से भी आ सकता हैं। अगर आपके भी शरीर पर किसी कुत्ते ने दांतों को हला दिया हैं तो घर पर प्राथमिक उपचार के बाद टिका अवश्य लगवाएं। कुत्ता काटने पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी का इस्तेमाल कैसे और कब करना हैं इसके बारें में विस्तार से नीचे पढ़ें।

कुत्ता काटने की दवा और जड़ी बूटी – कुत्ता काटने की देसी दवा

कुत्ता काटने की दवा और जड़ी बूटी - कुत्ता काटने की देसी दवा
कुत्ता काटने की दवा और जड़ी बूटी – कुत्ता काटने की देसी दवा

कुत्ते के काटने पर प्रभावित स्थान पर घाव हो जाता हैं। अगर तुरंत प्राथमिक उपचार न किया जाएं तो खून अधिक निकल सकता हैं। इसके अलावे इन्फेक्शन होने का भी खतरा रहता हैं। कुत्ते के काटने के बाद कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। रेबीज वायरस से सक्रमित होने पर लक्षण कभी-कभी लम्बे समय बाद दिखाई देते हैं। अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं। कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी की लिस्ट नीचे दी गयी हैं।

गोरखमुंडी

इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में किया जाता हैं। यह फंगस और बैक्टीरियल इन्फेक्शन के रोकने में काफी प्रभावी हैं। गोरखमुंडी चूर्ण को गाय के मूत्र के साथ मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होने लगता हैं। ध्यान रहे की घाव को साफ़ कर लेप को लगाने के बाद खुला छोड़ना अनिवार्य हैं। अर्थात आपको पट्टी या कपड़े से नहीं बांधना हैं।

लहसुन और जीरा का पेस्ट

लहसुन और जीरा दोनों में ही एंटीबैक्टीरियल गुण हैं। यह घाव को जल्दी भरने में मदद करता हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको १ आधा चम्मच जीरा पाउडर और १ लहुसन का पेस्ट पानी के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार करना हैं। अब इसमें थोड़ा सा नारियल तेल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाना हैं। लगाने के बाद जलन होगी लेकिन इस लेप को कम से कम १ घंटे तक त्वचा पर रहने देना हैं।

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एंटी रेबीज

जी हाँ, कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लेना सबसे जरुरी हैं। अगर आप २ दिन के भीतर वैक्सीन नहीं लेते हैं तो आपको रेबीज हो सकता हैं। रेबीज वायरस बेहद खतरनाक वायरस हैं। एक बार शरीर में फ़ैल जाने के बाद इलाज मुश्किल हो जाता हैं। इसलिए प्राथमिक उपचार के बाद इंजेक्शन लिया जाना आवश्यक हैं।

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कुत्ते के काटने के बाद की सावधानी और लक्षण

कुत्ते ने अगर अगर आपको घाव दिया हैं तो प्रभावित जगह को तेज पानी की धारा से धोना चाहिए। उसके बाद साबुन लगाकर प्रभावित जगह को पूरी तरह से साफ़ करें। उसके बाद किसी अच्छे एंटी बैक्टीरियल पेस्ट को घाव पर लगाएं। घाव को खुला छोड़ना ज्यादा अच्छा होगा। कुत्ता काटने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसका भी ख्याल रखना आवश्यक हैं। आमतौर पर रेबीज के लक्षण तुरंत नहीं दीखते हैं। हो सकता हैं की लक्षण दिखने में महीने और साल लग जाएं इसलिए बचाव और सावधानी जरुरी हैं।

रेबीज के लक्षणों में तेज बुखार, सर में दर्द, भ्रम, उल्टी, बार-बार रोने का मन करना, अकारण डर लगना, चलते-चलते गिर जाना, मूड में अचानक बदलाव, प्रभावित स्थान में सनसन होना, मानसिक रोग, और मुंह में अधिक लार बनना शामिल हैं। अगर आपको कोई भी लक्षण कुत्ते के काटने के बाद दिखाई दे रहे हैं तो इलाज में देरी न करें। तुरंत किसी नजदीकी डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन शुरू करें।

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कुत्ते के काटने पर क्या नहीं खाना चाहिए

कुछ खाद्य पदार्थ रेबीज वायरस को शरीर में फ़ैलाने में सहयोग करती हैं। मीट, मछली, आलू और टमाटर ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिसका सेवन कुत्ते के काटने के बाद वर्जित हैं। रेबीज का इंजेक्शन लगाने के बाद ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसे आसानी से पचाया जा सके। मीट, मछली पचाने में काफी समय लगता हैं इसलिए इसका सेवन बिल्कुल न करें।

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कुत्ता काटने पर क्या खाना चाहिए

किसी भी रोग से बचाव के लिए यह जरुरी ही आप स्वस्थ और पोषक तत्वों से युक्त भोजन करें। कुत्ता काटने के बाद आसानी से पचने और इम्युनिटी को बूस्ट करने वाले भोजन का सेवन ही करना चाहिए। आप सभी तरह के हरी शब्जियां और फल जैसे – मटर, पालक, कच्चा केला, बीन्स, लहसुन, अदरक, सेब, अनार, केला, बीज वाली शब्जियां, सेम, गाजर, मुली, कद्दू, शिमला मिर्च और अंगूर आदि का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे की लक्षण दिखने पर चिकित्सीय सलाह अनिवार्य हैं।

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निष्कर्ष – कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी

कुत्ते का काटना व्यक्ति के जीवन के लिए बड़ा संकट हैं। अक्सर गाँव देहात में कुत्ते के काटने पर लोग झाड़-फुक जैसी चीजों में अपना समय व्यर्थ करते हैं। ऐसा करना बेहद खतरनाक भी हो सकता हैं। क्योकि हर साल हजारों लोगों की मौत कुत्ते या अन्य जीवों द्वारा इंसानों को काटने से होती हैं। दरसल जब कुत्ता इन्सान को काटता हैं तो रेबीज वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता हैं। जिसकी वजह से इन्सान की मौत भी हो सकती हैं। इसलिए कुत्ते के काटने के बाद प्राथमिक उपचार करें और तत्पश्चात रेबीज का इंजेक्शन जरुर लें।

आशा हैं की यह जानकारी ” कुत्ता काटने की दवा जड़ी बूटी ” आपको रेबीज से सुरक्षित रहने में मदद करेगी। इस लेख को अपने सगे-सम्बन्धियों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर से जरुर शेयर करें।

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