भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉक पर जहां हम लेकर आते हैं आपके लिए हर बार किसी ना किसी टॉपिक पर नई जानकारी और आज भी हम लेकर आए हैं आपके लिए एक और नया टॉपिक भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए। दोस्तों आज हम इसके बारे में बात करने वाले हैं क्योंकि भगवान में हम सब की आस्था होती है और हम उन्हे बहुत मानते भी हैं।
लेकिन हमारे ग्रंथ और वास्तु शास्त्र के अनुसार हर एक चीज की एक सही दिशा बताई गई है ठीक इसी प्रकार हमारे मंदिर और पूजा के स्थान के बारे में भी सही स्थान बताया गया है। यदि स्थान सही ना हो तो घर में वास्तु दोष हो सकता है और कई तरह की परेशानियां हो सकती है यहां तक कि नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश हो सकता है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए।
मन्दिर बनाए तो भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए
पूजा करने के लिए हर कोई अपने घर में मंदिर बनवाता है। लेकिन हमारे शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर बनाने की सही दिशा ईशान कोण होती है यानी उत्तर पूर्व की दिशा। पूजा करते समय हमारा मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में दिशा में होना चाहिए और भगवान का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रखें। हमारे वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्कुल सही दिशा है। अगर बात करे सबसे सही दिशा की तो भगवान मुख पूर्व दिशा की ओर रखें। यह सूर्य के उदय होने की दिशा है। जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
अगर आप सही दिशा की तरफ मुंह करके पूजा करेंगे तो वह अवश्य फलित होती है। नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आपके घर से दूर होता है। और सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में प्रवेश करती है। घर का माहौल खुशहाल रहता है। भगवान का मुख्य सही दिशा में हो और आप भी सही दिशा में मुंह करके पूजा करते हैं तो घर में शांति का वातावरण बनता है और सभी का मन अपने कार्य में एकाग्र रहता है।
भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए यह जानने के अलावा यह भी जानना जरुरी है की मन्दिर बनाते वक्त किन बातो का ख्याल रखें। क्योंकि हमारे घर का मन्दिर ऊर्जा पर प्रभाव डालता है। मन्दिर का सही तरह से बना होना भी मायने रखता है। वर्ना भगवान का मुख सही दिशा में होने के बाद भी पूजा महत्व नहीं रख पाती है।
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मन्दिर बनाते वक्त रखे इन बातों का ख्याल
• भगवान का स्थान हमसे ऊंचा है तो जाहिर सी बात है मंदिर का स्थान भी घर में ऊंचा ही होना चाहिए। अर्थात घर में मन्दिर इतनी ऊंचाई पर हो की भगवान की मूर्ति हमारे पैरो से ऊपर हो। हमारे चरण भगवान के चरणो के बराबर ना आए। इसलिए इस बात का ध्यान रखे की भगवान की मूर्ती आपके हृदय के बराबर आए यानी मन्दिर की ऊंचाई नाभी से ऊपर हो क्योंकी नाभि से ऊपर का स्थान शुद्ध माना जाता है। कई घरों में लोग बिना वास्तु का ध्यान रखे मन्दिर को जमीन पर बना देते है जो बिल्कुल भी सही नहीं होता है। अगर आपके घर में ज्यादा जगह है तो मंदिर के लिए अलग से एक कमरा बनवा ले।
• मन्दिर बनाते वक्त रखे रंगो ध्यान। जी हां मन्दिर को आप अलग अलग रंगो से बिल्कुल ना रंगे आप इस बात का ध्यान रखे की पूरा मन्दिर एक ही रंग का हो। इसके अलावा मंदिर में पीले, हरे रंग, और हल्के गुलाबी रंग इसके साथ ही सफेद रंग का उपयोग कर सकते है।
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• अपने पूर्वजों की तस्वीर को मन्दिर में भगवान की फ़ोटो के साथ ना लगाएं। अक्सर हमने कई घरों में देखा है कि लोग अपने पूर्वजों की तस्वीर भगवान के मंदिर में लगाकर रखते हैं और दोनों की एक साथ पूजा करते हैं। लेकिन यह बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है। इसलिए अपने पूर्वजों की तस्वीर अलग स्टैंड बनवा कर अलग से लगाए और पूजा घर में पूर्वजों की तस्वीर बिल्कुल ना लगाएं।
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• मूर्ती की ऊंचाई का रखे ख्याल। हमारे पौराणिक ग्रंथ जिसका नाम वत्थू विज्जा है, के अनुसार पूजा घर में भगवान की मूर्ती ग्यारह अंगुली से बड़ी नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा आप यह भी ध्यान में रखे की पूजा घर में स्थिर मूर्ती नहीं लगानी चाहिए। कहते है भगवान की स्थिर मूर्ती घर में लगाने से घर के जीवन में स्थिरता आ जाती है।
• पूजा घर में ज्यादा बड़ी घंटी का उपयोग बिल्कुल भी ना करे। इस को पूजा के लिए अशुभ माना जाता है। इसलिए पूजा करने हेतु घर में छोटे साइज की घंटी का ही उपयोग करें।
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• घर किसी भी देवी या देवता की तीन से ज्यादा तस्वीर या मूर्ती न लगाएं। तीन मूर्तियां एक साथ लगाने से घर में तनाव का माहौल बना रहता है।
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• मन्दिर और बाथरूम कभी भी एक दिशा में नहीं बनाने चाहिए। और ना ही आमने सामने बनाए।
• मन्दिर बनाते इस बात का ख्याल रखे की मंदिर में सूरज की रोशनी अच्छे से आ पाए। क्योंकि मन्दिर वाले स्थान पर अंधेरा रहना या कम रोशनी रहना सही नहीं माना जाता है।
दोस्तो यह थी जानकारी भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए के बारे में। हम यह उम्मीद करते है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपका इस ब्लॉग पर आने के लिऐ धन्यवाद।
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FAQ
Q. भगवान का मुख दक्षिण दिशा में करना चाहिए या नही?
Ans: भगवान मुख दक्षिण दिशा में कभी भी ना करे यह अशुभ माना जाता है। भगवान का मुख हमेशा उतर- पूर्व दिशा की तरफ ही करना उचित माना जाता है।
Q. पूजा के वक्त भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए?
Ans: पूजा के वक्त आपका पश्चिमी दिशा की ओर होना चाहिए और भगवान का मुख का पूर्व दिशा की ओर हो।
Q. रसोई या अलमारी में भगवान का फोटो लगा सकते है या नहीं?
Ans: भगवान की फ़ोटो या मूर्ति को अलमारी ना रखें और ना ही रसोई में दीवारों पर भगवान की फ़ोटो न लगाएं।
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