लेटकर दूध पिलाने के नुकसान – हैलो दोस्तो आज हम बात करेगें लेटकर दूध पिलाने के नुकसान के बारे में। अक्सर महिलाए इस बात से वाकिफ नही होती है। इसलिए शिशु को लेटकट दूध पिलाने के नुकसान जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढे।
कहते है की बच्चे के जन्म लेने पर उसे सबसे पहले मां का दूध पिलाया जाता है। क्योंकि एक मां के दुध से ही बच्चे को गर्भ पोषण मिलता है और जन्म लेने के बाद भी बच्चा मां के दुध को ही पचा पाता है। बच्चे की मां का दूध ही उसकी बीमारियो से लड़ने में मदद करता है। क्योंकि दुध के जरिए बच्चे को मां की एंटीबोडिज मिलती है। जो उसे बिमारी से सुरक्षित रखती है।
लेकीन क्या आप यह जानती है की अपने बच्चे को लेटकर दूध पिलाने के नुकसान भी हो सकते है। अगर नहीं तो आज हम आपको इस बारे में बताऐंगे इसलिए आर्टिकल पर बनी रहिए और पुरी जानकारी ले।
लेटकर दूध पिलाने के नुकसान: एक परिचय-
जब बच्चा जनम लेता है तो उसकी सबसे पहली आवश्यकता अपनी मां का दूध ही होता है। जन्म लेने पर उसे मां का दूध पिलाया जाता है। जो उसी अनेक बीमारियो से रक्षा भी करता है और पोषण भी देता है। कहते है की बच्चे की अच्छी सेहत के लिए कम से कम छः महीने तक बच्चे को अपनी मां का दुध पिलाना बहुत आवश्यक होता है। बच्चे को दूध पिलाने के अलावा आपको यह भी जानकारी होनी चाहिए की आप किस तरह और किस पोजिशन में अपने बच्चे को दूध पिला रही है और इसका उस पर क्या असर हो सकता है। अगर आप किसी गलत स्थिति में बच्चे को दूध पिलाती है तो उसकी सेहत को नुकसान हो सकता है।
हमने अक्सर यह देखा है बहुत सारी महिलाएं अपने बच्चे को लेटकर दुध पिलाती है या लेटकर साइड की करवट लेके दूध पिलाती है। शायद उनको लेटकर दुध पिलाने के नुकसान के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। क्योंकि नवजात शिशु को लेटकर दूध पिलाने का तरीका बिलकुल गलत होता है। क्योंकि यह बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
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बच्चे को लेटकर दूध पिलाने के नुकसान क्या है
सांस की नली में परेशानी
नवजात शिशु को जब लेटकर दूध पिलाया जाता हैं। तो उसे कई तरह के नुकसान हो सकते है जैसे जब आप लेटकर दूध पिलाती है तो यह दूध बच्चे की सांस की नली में जा सकता है। सांस की नली में दूध जानें से शिशु सांस नहीं ले पाएगा और उसकी स्किन नीली पड़ने लग जायेगी। इसकी वजह से बच्चे को चोकिंग हो सकती है। लेकिन कई बार यह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। जब बच्चे की सांस की नली में दूध जाता है और बच्चा सांस लेने में असमर्थ हो जाता है तो कई बार उसकी मृत्यु भी हो जाती है। नाक की नली में प्रोब्लम होने से इसको एक खास प्रक्रिया से खोला जाता है। लेकिन कई बार यह ऑपरेशन से ही ठीक होता है। कुछ बच्चो में लगातार तीन महीने तक आंख से आंसू गिरते रहते है। इसलिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।
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आंखों की समस्या
जब मां बच्चे की लेटकर दूध पिलाती है तो उन दोनो का एंगल सही नहीं होता है। जिससे कई बार दूध बच्चे की नाक में भी चला जाता है और वह नाक में आंसु की थैली में एकत्रित हो जाता है। जिसके कारण लगातार बच्चे की आंखों से आंसू गिरने लगते है और उसकी आंखे लाल हो जाती है। एक्सपर्ट्स का माने तो शिशु की आंखो से लगातार आसू गिरने और आंखे लाल होने के मामले पिछले वक्त से बीस फीसदी बढ़ गए है। इस लापरवाही में कई बार शिशु के ऑपरेशन तक बात पहुंच जाती है।
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कान के पर्दे को नुकसान
कई बार दूध बच्चे के मुंह पर फेल कर कान की नली तक पहुंच जाता है जिसके कारण उसके कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है और सुनने की क्षमता कम हो सकती है।
पेट में दर्द होना
लेटकर बच्चे को दूध पिलाने से कई बार थोड़ी बहुत हवा भी बच्चे के पेट में चली जाती है। जिसके कारण बच्चे के पेट में दर्द होने लगता है और वह लगातार रोता रहता है।
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फेफड़ों में दूध जाना
लेटकर दूध पिलाने से हो सकता है की बच्चे के फेफड़ों में दूध चला जाए क्योंकि ऐसा भी कई बार हो जाता है। जो की नुकसानदाई है।
बच्चे को दूध पिलाने का सही तरीका
नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए उसके सिर को सीधा रखें। बच्चे को दूध पिलाते वक्त ध्यान रखे की उसका सिर सीने से ऊंचा रहे यानी 45 डिग्री का कोण बनना चाहिए। इसके लिए आप बच्चे को बैठकर दूध पिलाएं।
शिशु को दूध पिलाने के तुरंत बाद उसे बिस्तर पर ना लेटाए वर्ना वह मुंह से सारा दूध वापस निकाल सकता है। इसलिए उसे अपने कंधे पर लेकर उसकी पीठ पर धिरे धिरे हाथ घुमाएं।
आपने अभी लेटकर दूध पिलाने के नुकसान के बारे में जाना। हम उम्मीद करतें है की यह आपको जरुर पसंद आएगा। इस आर्टिकल पर आने के लिए आपका धन्यवाद।
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FAQ
Q. दूध पिलाने के बाद शिशु फटा हुआ दूध क्यों निकालते है?
Ans: नवजात शिशु की भोजन नली पुरी तरह विकसित नहीं होती है। जिसके कारण कई बार दूध वापस भोजन नली में आ जाता है जिसे शिशु बाहर निकल देता है।
Q. दूध पिलाने के बाद शिशु को उल्टी होने पर क्या करना चाहिए?
Ans: आमतौर पर सभी बच्चे उल्टी करते है तो यह नॉर्मल है। लेकिन आपका शिशु बार बार ज्यादा उल्टी कर रहा है तो डॉक्टर से सलाह ले।
Q. नवजात शिशू को दूध कितने अंतराल पर पिलाएं?
Ans: लगभग 2 से 4 घंटे 4के अंतराल पर दूध पिलाएं।
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