दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना देता है ये संकेत

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दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना देता है ये संकेत :- हिंदू धर्म में दीपक को उजाले अर्थात साकारात्मक उर्जा का प्रतिक माना जाता हैं। पूजा-पाठ और दिवाली जैसे प्रमुख मौकों पर दीपक जलाना अनिवार्य हैं। दीपक की लौ न सिर्फ अंधकार को दूर करता है बल्कि लौ को देखते रहने से माइंड शांत होता हैं। सामान्यत: पूजा-आराधना के दौरान ही दीप को प्रज्वलित किया जाता है। पूजा के दौरान तील, घी और सरसों तेल के दिए जलाए जाते हैं। दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना तो अच्छा माना जाता है लेकिन कई बार ऐसा होता है की दीपक अचानक से जलते-जलते बुझ जाता हैं। आइए जानते है की दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना , बुझ जाना और लौ में फुल बनना कैसा होता हैं।

दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना देता है ये संकेत
दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना देता है ये संकेत

कई बार हम दीपक जलाते तो है लेकिन छोटी बत्ती, कम तेल या फिर हवा की वजह से बुझ जाता हैं। शास्त्रों में बताया गया है की दीपक का बुझना अशुभ घटना के संकेत देता हैं। यही वजह है की दीपक बुझने की घटना व्यक्ति के मन को भय ग्रस्त कर देता हैं। अब विस्तार से जानते है की दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना कैसा होता हैं।

दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना

दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना शुभ माना जाता है जिसका अर्थ है की आपकी सफलता आपके परिश्रम और कर्म पर निर्भर करती हैं। अर्थात कड़ी मेहनत के बलबूते उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है जिसकी कल्पना औरों के लिए बिल्कुल सपने जैसा हैं। आपका प्रयत्न बेकार नहीं जाएगा। भले ही लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए हजारों मुश्किलें आएंगी लेकिन अंतत: उसका समाधान निकालकर लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता हासिल करेंगे। दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना दर्शाता है की आपके ऊपर दैवीय कृपा है जिसकी बदौलत लाइफ में चल रही चीजें आसान हो सकती हैं।

दीपक की बत्ती का अचानक से बुझना

दीपक की बत्ती का अचानक से बुझना

कभी-कभार पूजा के दौरान हम जब दीपक जलाते है तो कई कोशिशों के बावजूद बत्ती जल नहीं पाती हैं। अगर बत्ती जलने के बाद भी किसी वजह से बुझ जाती है तो इसे अपशकुन माना जाता हैं। इसलिए दीपक को जलाने से पहले यह सुनिश्चित करे की उसकी बत्ती अच्छी तरह डूबी हो और हवा की तीव्रता कम हो। शकुन शास्त्र के अनुसार, पूजा के दौरान दीपक की बत्ती का बुझना संकेत है की निकट समय आपके लिए शुभ नहीं हैं। जिस इच्छा या मनोकामना को मन में लेकर पूजा कर रहे है उसमें विघ्न उत्पन्न हो सकता हैं। यह स्थिति यह भी दर्शाता है आपके द्वारा हाल ही में किये गए किसी गलत कार्य की वजह से भगवान अप्रसन्न हैं। अगर पूजा के समय दीपक गलती से बुझ जाता है तो इस स्थिति में भगवान से गलतियों की क्षमा मांगते हुए दुबारा दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

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दीपक की लौ में फूल बनना

कई बार जब हम दीपक जलाते है तो उसकी लौ कई आकृतियां ले लेती हैं। पूजा के वक्त लौ का दिल, डमरू और फुल की आकृति लेना शुभ माना जाता हैं। अगर ऐसी आकृतियां ज्योत में दिखती है तो आपको खुश हो जाना चाहिए। दीपक की लौ में फूल बनना अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग संकेत देते हैं। अगर कोई नया शादी-शुदा जोड़ा दीपक की लौ में फूल बने देखता है तो समझ लीजिए की उनकी किस्मत खुलने वाली हैं। घर में नये मेहमान के साथ खुशियों के आगमन के योग बन रहे हैं। आपके द्वारा की गयी ईश्वर से प्रार्थना या पूजा व्यर्थ नहीं जाएगी। ईश्वरीय आशीर्वाद आपके साथ है जिसके होने मात्र से ही व्यक्ति की किस्मत रंग दिखाना शुरू कर देती हैं।

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दीपक में डमरू बनना

दीपक की लौ का डमरू के समान दिखना आम दृश्य नहीं माना जाता हैं। अगर आप इस दृश्य के साक्षी बनते है तो इसका साफ़ मतलब है की महादेव की कृपा आपके उपर हैं। शिव कृपा से आपकी लाइफ की समस्याएं किसी पेड़ के सूखे डालियों की तरह टूटकर अलग हो जाएगी। भगवान शंकर का आशीर्वाद आपकी लाइफ को सुगम और आसान बना देगी। अकाल मृत्यु का भी दूर होगा और लम्बी बीमारी से मुक्ति मिलेगी।

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दीपक का हाथ से छूटकर नीचे गिरना

दीपक का हाथ से छूटकर नीचे गिरना कुछ बेहद बुरा होने की ओर इशारा करता हैं। कड़ी मेहनत के बावजूद आपकी इच्छाएं और सपने अधूरे रह सकते हैं। आपको उम्मीद और मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलेंगे। जिसकी वजह से मानसिक परेशानी हो सकती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में मंथन कर सही लक्ष्य का चयन करें।

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दीपक में दिल बनाना

किसी शादी-शुदा कपल्स का दीपक की लौ में दिल जैसी आकृति दिखाई देना संकेत है की रिश्ते में मिठास आएगी। पति-पत्नी के सम्बन्ध पहले से और भी बेहतर और मजबूत होंगे। वही कोई अविवाहित लडका/लड़कीयह दृश्य देखता है तो समझ लीजिये की उसकी जिन्दगी में कोई खुबसुरत लड़की/लड़का आने वाला हैं। अथवा जल्दी ही शादी हो सकती हैं।

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दीपक किस धातु का होना चाहिए

सामान्यत: पूजा कार्य में मिट्टी, सोना, चांदी, तांबा और लोहे के दीपक का उपयोग किया जाता हैं। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोहे के दीपक जलाने की सलाह दी जाती हैं। वही तांबा के दीपक मंगल, चांदी के चंद्रमा और सोने के दीपक जलाने से सूर्य और गुरु प्रसन्न होते हैं। इन सभी ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सोना, चांदी, तांबा और लोहे के धातुओं से बनी दीपक को जलाना चाहिए। अगर आप धातुओं से बनी दीपक खरीदने में असमर्थ है तो मिटटी के दीपक जला सकते हैं। मिट्टी के दीपक समस्त ग्रहों के दुष्प्रभाव को को नष्ट करता हैं।

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शाम के समय दीपक का मुंह किधर होना चाहिए?

हिन्दू घरों में रोजाना दीपक जरुर जलाया जाता हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में दीपक को किसी भी दिशा में रख देते हैं। जबकि गलत दिशा में दीपक का मुख रखना शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान दे सकता हैं। दक्षिण दिशा की ओर मुख कर दीपक को रखना अशुभ माना जाता हैं। सुबह के समय दीपक का मुंह हमेशा पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। अगर शाम में दीपक जला रहे है तो दीपक का मुंह पश्चिम में रखें। पूर्व और पश्चिम में दिए का मुख सकारात्मकता को आकर्षित करता हैं।

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निष्कर्ष – दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना

उम्मीद है आज की यह खास पोस्ट ” दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना देता है ये संकेत ” आपको पसंद आयी होगी। दीपक का कार्य अंधकार को दूर करना हैं। जिस तरह से दीपक अंधकार को दूर उजाला लाती हैं। ठीक उसी तरह देवता घर या दरवाजे के पास दीपक को जलाने से घर से नकारात्मकता दूर होती हैं। दीपक चाहे किसी भी धातु का बना हो उसका कार्य अंधकारमयी वातावरण और जीवन में प्रकाश फैलाना हैं। लेकिन दीपक का संबंध अध्यात्म, पूजा और धर्म से भी हैं। यही वजह है की दीपक की बत्ती का पूरा जल जाना और अचानक से बुझना अलग-अलग संकेत देते हैं।

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