शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम – शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में कारगर – शीशम का पेड़ आपने अपने आस पास के क्षेत्रों में जरुर देखा होगा। यह विशालकाय वृक्ष हैं जिसके पत्ते और लकड़ियों का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता हैं। इस पेड़ की लकड़ी बेहद मजबूत होती हैं जिसका उपयोग पलंग, चौकी इत्यादि बनाने में किया जाता हैं। इस पेड़ की पत्तियों का उपयोग आयुर्वेद में औषधियों के निर्माण में किया जाता हैं। शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में और शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में बेहद प्रभावी माना जाता हैं। इतना ही नहीं इसका उपयोग अन्य कई रोगों और समस्यायों को दूर करने में किया जाता हैं। ऐसे में इस्तेमाल से पहले लोग यह जानना चाहते हैं की शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम तो आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
शीशम का पेड़ कैसा होता है
अगर आप शीशम के पेड़ की पहचान नहीं कर पा रहे हैं तो नीचे फोटो देख सकते हैं। शीशम का पेड़ भारत में आसानी से देखने को मिल जाता हैं। यह पेड़ आकार में बहुत बड़ा होता हैं। इसकी पत्तियां गोलाकार और छोटी-छोटी होती हैं। इसका तना 135 cm तक मोटा हो सकता हैं। डैल्बर्जिया सिसो इसका वैज्ञानिक नाम हैं। भारत के कई स्थानों पर इसे सिसो नाम से ही संबोधित किया जाता हैं।
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शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम
फ्रेंड्स, शीशम के पत्ते बर्फ के समान शीतल अर्थात ठंडी प्रकृति का होता हैं। शीशम के पत्ते के फायदे अनेकों हैं। शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में और शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में कारगर हैं। स्किन इन्फेक्शन और जलन में इसकी पत्ती से बना पेस्ट लाभ देता हैं।
शीशम के पत्ते के फायदे
शीशम के पत्तों का उपयोग त्वचा संबंधी समस्या, मधुमेह, बुखार, धातु रोग, पीरियड की समस्या, मोटापा, उल्टी जैसे अन्य कई समस्यायों में किया जाता हैं। शीशम के छाल और पत्तों से निर्मित आयुर्वेदिक औषधियाँ इन रोगों के नियत्रण और इलाज में कारगर माना जाता हैं।
शरीर में खून की कमी होने पर
एनीमिया जैसी समस्या में इसके पत्ते का रस बेहद फायदेमंद हैं। जी हाँ, अगर आपके शरीर में खून की कमी हैं तो इसके रस का सेवन इस समस्या का बेहतर इलाज हैं। प्रतिदिन सुबह दवा के रूप में 10ML रस के सेवन से रेड ब्लड सेल्स में बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं।
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पेशाब की समस्या में
अगर आपको पेशाब में जलन, दर्द या पेशाब का जल्दी न निकलना जैसी समस्या हैं तो पत्ते को रोज चबाएं। अगर आप चबाकर इसे खाना नहीं चाहते हैं तो एक कप पानी में 3 से 4 पत्ते को डालकर हल्का नमक मिलाकर काढ़ा बनाकर पियें। ऐसा करने से जल्द लाभ मिलता हैं।
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शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में
दोस्तों, शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में भी हैं। प्रतिदिन 10 दिन तक लगातार इसके पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से धातु रोग की समस्या में आराम मिलता हैं। धातु रोग से छुटकारा पाने के लिए इसका सेवन सुबह-सुबह खाली पेट करने की सलाह दी जाती हैं। आप चाहे तो इस पत्ते को चबाकर भी खा सकते हैं।
शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में
मासिक धर्म में हो रहे अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या को भी यह कम करता हैं। इसके अलावे यह दर्द से राहत देता हैं।अगर मासिक धर्म खुलकर नहीं आता हैं तो भी इस पत्ते का सेवन कर सकते हैं। इसके पत्ते को मिश्री के साथ चबाकर खाना ज्यादा लाभ देता हैं।
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त्वचा संबंधी समस्या में
त्वचा पर जलन महसूस होने या घाव होने पर इसके पत्ते को पीसकर लगाने से जल्द आराम मिलता हैं। शीशम के पत्ते ठंडी प्रकृति का होता हैं जिसके कारण जलन दूर होती हैं। त्वचा पर फुंसी होने पर इसके रस का सेवन करना चाहिए। ऐसी समस्या में तील के तेल में इसके पत्ते को पीसकर लगाने से फुंसी खत्म हो जाती हैं।
मधुमेह, बुखार, उल्टी और दस्त में भी इसके पत्ते बेहद फायदेमंद हैं। दरसल या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। इसके पत्ते या छाल का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरुर लें।
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शीशम के पत्ते से बवासीर का इलाज
एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण इसके पत्ते से बने हुए काढ़े का सेवन बवासीर के इलाज में लाभदायक हैं। इसके सेवन से बवासीर रोगियों को आराम मिलता हैं। हालाँकि ज्यादा कब्ज होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। बवासीर के इलाज में इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर लें।
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शीशम के पत्ते के नुकसान
दोस्तों, शीशम के पत्ते के नुकसान बेहद कम ही हैं। इसके ज्यादा इस्तेमाल से कब्ज की समस्या बढ़ सकती हैं। इसके अलावे प्रेग्नेंट महिला को इसके इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती हैं। किसी भी रोग में इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह आवश्यक हैं।
निष्कर्ष – शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम
इस पोस्ट में मैंने आपको बताया हैं की शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम – शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में और शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में हैं या नहीं। इन सबसे जुडी सम्पूर्ण जानकारी इस आर्टिकल द्वारा प्रोवाइड की गयी हैं। इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। शीशम का पत्ता शीतल प्रकृति का होता हैं जो त्वचा की जलन में बेहद लाभदायक हैं।
मुझे आशा हैं की आपको आज की यह पोस्ट “शीशम के पत्ते ठंडे होते हैं या गरम – शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में और शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में” अच्छी लगी होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए आप हमारे ब्लॉग के अन्य पोस्ट को जरुर पढ़ें।
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