कलयुग में जीवन जीने का तरीका – जीवन जीने के लिए अच्छे विचार – शास्त्रों के अनुसार कलयुग का आरम्भ आज से 3102 ईसा पूर्व हुआ था। इस युग को अन्य युगों की तुलना में अधिक शक्तिशाली माना जाता हैं। इस युग में पाप, अधर्म बढ़ता हैं। व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के विषय में सोचता हैं और दूसरों को हानि पहुंचाकर आगे बढ़ना चाहता हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कलयुग में कुछ भी सही तरीके से नहीं हो हो रहा हैं। व्यक्ति कुछ अच्छा करने की सोचता हैं तो भी वह इस युग के प्रभाव के कारण अच्छा नहीं कर पाता हैं। दरसल यह इसलिए हैं क्योकिं हमारे आस पास के अधिकत्तर लोग सिर्फ सिर्फ अपने स्वार्थ के बारें में सोचते हैं। इसलिए कलयुग में जीवन जीने का तरीका क्या हैं यह जानना बेहद आवश्यक हैं ताकि आप पाप के दलदल से निकलकर कलयुग को कमजोर कर सकें।
कलयुग क्या हैं ?
युग के चार प्रकार हैं कलयुग भी उन्हीं में से एक हैं। सतयुग (मतस्य अवतार, नृसिंह, कुर्म, वाराह) , त्रेता युग (राम अवतार), द्वापरयुग (कृष्ण अवतार) और कलयुग (कल्कि अवतार) इन चारों युगों का अपना एक अलग महत्त्व हैं। कलयुग को छोड़कर बाकी युगों में व्यक्ति का ईश्वर के प्रति अटूट श्रधा थी लेकिन कलयुग में व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता हैं। कलयुग की शुरुवात महाभारत युद्ध ख़त्म होने और श्री कृष्ण की मृत्यु के पश्चात हुआ था। अगर आप भी कलयुग के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो कलयुग में जीवन जीने का तरीका सीखना आपके लिए बेहद आवश्यक हैं।
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कलयुग में जीवन जीने का तरीका
कलयुग का प्रभाव ऐसा हैं की व्यक्ति चाहकर भी जरुरतमंदों का साथ नहीं दे पाते हैं। हर जगह हिंसा होती रहती हैं। कलयुग में लोग निर्दोष जीवों को निजी स्वार्थ के चलते हानि पहुंचाते हैं। जहाँ देखों अन्याय और अधर्म होता दिख रहा हैं। एक युग था जब लोग बेहद कम बीमार पड़ते थे और आज इस युग में हर व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए संघर्ष कर रहा हैं। एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए कलयुग में जीवन जीने के तरीके को जानना बेहद आवश्यक हैं। आइये जानते हैं कलयुग में जीवन जीने का तरीका क्या हैं।
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1. कलयुग में जीवन जीने का तरीका – स्वयं को स्वस्थ रखना
स्वस्थ सोच, गलत सही की पहचान तभी आप कर पाएंगे जब आप स्वस्थ रहेंगे। एक स्वस्थ व्यक्ति ही दुसरे व्यक्ति की मदद कर सकता हैं। आज के समय में ऐसी-ऐसी बीमारियाँ हैं जो क्षण भर में व्यक्ति को यमराज के पास पहुंचा देती हैं। इसलिए संतुलित और पोषक तत्वों से युक्त भोजन करें। प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर भोजन आपको स्वस्थ रखता हैं। दरसल ज्यादात्तर व्यक्ति गलत खान पान की ही वजह से बीमारी पड़ता हैं।
आप स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योग और व्यायाम जरुर करें। क्योकिं एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ शुद्ध मन का वास होता हैं। योग हमें प्रकृति के समीप लाता हैं। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि योग की शिक्षा देते आ रहे हैं। योग करने से व्यक्ति मानसिक रूप से फिट रहता हैं उसकी सोचने समझने की शक्ति में इजाफा होता हैं।
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2. करुणा और उदारता का भाव रखें
कलयुग की अभी तो सिर्फ शुरुवात हुई हैं। शुरुवात में ही आप कलयुग की शक्ति का अंदाजा लगा सकते हैं। इस युग में छोटे मोटे लड़ाई झगड़े भी इतने बड़े हो जाते हैं की लोग हिंसा पर उतर आते हैं। लेकिन अगर हर व्यक्ति खुद को सुधारने का प्रयत्न करें तो निश्चित ही हमारा समाज पाप और अधर्म से सुरक्षित रहेगा। एक दुसरे की मदद करें। कोई बीमार हैं या किसी अन्य तरह की समस्याएं हैं तो उनकी सहायता करें। इससे प्रेम भाव जागृत होता हैं और प्रेम और करुणा का भाव किसी भी समस्या को सोल्व करने में मदद करता हैं। जब आप किसी के प्रति अच्छा सोचेंगे या किसी का अच्छा करेंगे तो निश्चित ही सामने वाला भी आपके लिए अच्छा ही सोचेंगे।
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3. कलयुग में जीवन जीने का तरीका हैं ईश्वर की भक्ति
कलयुग में ईश्वर की भक्ति ही व्यक्ति को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। अपने धर्म ग्रंथों के अध्ययन करें और उससे अच्छी अच्छी बातें सिखने की कोशिश करें। हर व्यक्ति को गीता जरुर से जरुर पढनी चाहिए। यह व्यक्ति को अच्छा करने और अच्छा सोचने के लिए उत्साहित करता हैं। अपने विचारों को को शुद्ध करने की कोशिश करें ताकि आपके अंदर नकारात्मकता, क्रोध, द्वेष जैसी भावना दूर हो सकें। सकारात्मक सोच व्यक्ति को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करती हैं इसलिए अपनी सोच को सकारात्मक रखें। जीवन जीने के लिए अच्छे विचार और अच्छे सोच की आवश्यकता होती हैं।
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कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता
कई लोग अक्सर प्रश्न करते हैं की कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता इसका कारण क्या हैं। दोस्तों विष्णु पुराण में कलियुग के बारें में स्पष्ट वर्णन मिलता हैं। कहा गया हैं की कलयुग में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा तो पूर्णत: श्रेष्ट हो। कलयुग में हर एक व्यक्ति पापी होगा। ईश्वर के प्रति भक्ति में कमी आयेगी और अपने अनेक पापों की वजह से श्राप देने में असमर्थ हो जायेगा। अगर आपकी वाणी से किसी को ठेस पहुंची हो, आपने स्वार्थ के कारण झूठ बोला हैं तो यह भी पाप की श्रेणी में ही आता हैं।
जाने अनजाने मनुष्य कई तरह के पाप करते हैं जबकि मनुष्य को सोचना चाहिए की आपके एक झूठ का परिणाम किसी को कंगाल भी कर सकता हैं। दुनियां में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं हैं जो क्रोध, मोह, इर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ आदि से परें हो। यही कारण हैं की कलयुग में श्राप नहीं लगता हैं।
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कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र
दोस्तों कलयुग का सबसे शक्तिशाली मंत्र हैं ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। – यह मंत्र शिव जी को प्रसन्न करने हेतु उपयोग में लाया जाता हैं। यह मंत्र यजुर्वेद में लिखा हैं। इसके अलावे कलयुग में भगवान विष्णु फिर से कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेने वाले हैं इसलिए व्यक्ति को ॐ कल्कि देवी नम: का जाप अवश्य करना चाहिए।
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दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको कलयुग में जीवन जीने का तरीका – जीवन जीने के लिए अच्छे विचार के बारें में विस्तारपूर्वक बताया हैं। मुझे उम्मीद हैं की आपको यह पोस्ट आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हुई होगी।
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