नमस्कार Bhatkoiya (भटकोईया) जो एक झाड़ीनुमा छोटा सा पौधा होता हैं यह 1 से डेढ़ फीट तक ऊँची हो सकती हैं। इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता हैं। Bhatkoiya(भटकोईया) को भारत में कई नामों से जाना जाता हैं। इसे भारत के हर राज्य में अलग अलग नामों से लोग जानते हैं। इसे Makora, Bhatkoiya, Bhatkun, Night Shade, Gurmi, Makko, Garden Night Shade, केचुमेच, कूदा, काकमाची, झामकोइया, सोलेनम इंडिकम, वनभंटा, इंडियन नाइटशेड, काला नाइट शेड, मकोय (Makoy), Solanum Nigrum, बनफुटका, American black Nightshade के नाम से भी लोग जानते हैं।
Bhatkoiya Khane ke Fayde
दोस्तों Bhatkoiya के अनेकों फायदें हैं। तो आज की इस खास पोस्ट में मैं आपको Bhatkoiya (भटकोईया) से होने वालें हेल्थ बेनेफिट्स के बारें में बताने वाली हूँ। तो चलिए आपको डिटेल में इसकी जानकारी देती हूँ। Bhatkoiya (भटकोईया) के फल कई कलर्स के होते हैं जिनमें लाल, पिला और काला मुख्य हैं। आपको बता दे की भारत में काले रंग के भटकोईया अत्यधिक पायें जाते हैं। आपको बता दे की Bhatkoiya को मुख्यतः इम्युनिटी बढ़ाने और दर्द निवारण के लिए प्रयोग में लाया जाता हैं। यह आपके शारीरिक थकान और सुजन को कम करने में सहायक हैं। हालाँकि ध्यान रहें की Bhatkoiya(भटकोईया) की कुछ प्रजातियाँ जहरीली भी होती हैं इसलिए इसका प्रयोग चिकित्सीय सलाह के साथ करना चाहिए। मैं यहाँ आपको Bhatkoiya(भटकोईया) से जुडी सामान्य जानकारी प्रदान कर रही हूँ।
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Black Nightshade Uses ( Bhatkoiya )
दोस्तों जैसा की मैंने बताया की Bhatkoiya का प्रयोग मुख्यतः औषधि बनाने में किया जाता हैं। हालाँकि आपने अपने बचपन में कई बार इसका सेवन स्वाद की वजह से किया होगा। यह खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होता हैं। इसके फल बेहद मीठे होते हैं। इसके फल को बच्चे बड़े चाव से खाते है। वही इसकी पत्तियों का प्रयोग साग और सब्जी बनाने में भी किया जाता हैं। यह इंडिया में साल के बारहों महीने देखने को मिल जाते हैं। यह मुख्यतः छाया युक्त स्थान पे मिलते हैं। औषधि के रूप में इसका प्रयोग मुख्यतः पेट रोग, खुनी बवासीर, कान दर्द, सफ़ेद दाग, बुखार, अनिद्रा, दांत दर्द, पाचन शक्ति को मजबूत करने, त्वचा रोग आदि में किया जाता हैं। Bhatkoiya(भटकोईया) की पत्तियों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन C होती हैं। वही इसके फल में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और विटामिन C पायें जाते हैं।
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Bhatkoiya (भटकोईया) से स्वास्थ्य लाभ
- सफ़ेद दाग :- सफ़ेद दाग में एंटीऑक्सिडेंट और एंटीपीयरेटिक गुणों से भरपूर Bhatkoiya का पौधा किसी वरदान से कम नहीं हैं। सफ़ेद दाग में काली Bhatkoiya (भटकोईया) के पत्तों को पीसकर कर लगाने से सफ़ेद दाग ख़त्म हो जाता हैं। इसके प्रयोग से नई त्वचा कोशिकाओं का निर्माण होता हैं। इसकी पत्तियां आपकी त्वचा को बेदाग बना देती हैं।
- बुखार :- व्यक्ति को बुखार होने पर Bhatkoiya(भटकोइंया का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार जल्दी उतर जाता हैं।
- बॉडी पेन:- Bhatkoiya (भटकोईया) में एंटीपीयरेटिक एजेंट पायें जाते हैं। यह आपके बॉडी के दर्द वाले हिस्से की पहचान करता हैं और दर्द से राहत देता है।
- पीलिया रोग :- जौंडिस या पीलिया में Bhatkoiya (भटकोईया) के पौधे की पत्तियां उबाल कर पीने से पीलिया रोग से ग्रसित व्यक्ति जल्द ठीक हो जाते हैं।
- दांत दर्द:- मकोय या भटकोईया दांत दर्द में काफी असरदार होती हैं। १० पत्तियों के रस में थोडा सा घी मिलाकर इसका सेवन करने से दांत दर्द में जल्द आराम मिलता हैं।
भटकोईया या मकोय के नुकसान
- Bhatkoiya (भटकोईया) की कई प्रजातियाँ जहरीली भी होती हैं। जहरीली मकोय के प्रयोग से आपको पेट सम्बन्धी और त्वचा सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बिना किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की मदद के इसका प्रयोग बिलकुल न करें।
- गर्भवती महिलाओं को इसक सेवन से बचना चाहिए।
सावधानी
यह सलाह आपको सामान्य जानकारी प्रदान करती हैं। बिना चिकित्सक की मदद के इसका प्रयोग न करें। क्योकिं अगर आप इसका सही तरीके से प्रयोग नहीं करते हैं तो आपको त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की मदद अवश्य ले।
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