डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ( depression se bahar kaise nikle ):- डिप्रेशन की समस्या को हल्के में लेना ठीक नहीं हैं। अगर आपका कोई फॅमिली मेम्बर इस समस्या से जूझ रहा है तो इलाज आवश्यक हैं। इस समस्या का शिकार किसी भी उम्र का व्यक्ति हो सकता हैं। डिप्रेशन ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति लाइफ से हताश, निराश और उदास हो जाता हैं। व्यक्ति को लगने लगता है की उसकी लाइफ में अब सब कुछ खत्म हो चूका हैं। लाइफ में अब कुछ भी करने को शेष नहीं बचा हैं। डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति के मुख पर शायद ही कभी स्माइल देखने को मिलती हैं। जी हाँ, व्यक्ति हर हमेशा नकारात्मक विचारों के दलदल में डूबा रहता हैं। आम तौर पर व्यक्ति को डिप्रेशन ( depression se bahar kaise nikle ) से स्वत: ही एक समय के बाद मुक्ति मिल जाती हैं। लेकिन जब यह समस्या महीनों तक बनी रहती है तो धीरे-धीरे विकराल रूप ले लेती हैं।

इस मानसिक विकार से पुरे विश्व की जनसंख्या का 3।8% प्रतिशत व्यक्ति पीड़ित हैं। यह संख्या काफी बड़ी हैं। डिप्रेशन की वजह से बड़ी संख्या में लोग कदम उठा लेते हैं। WHO के अनुसार, डिप्रेशन की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में अधिक देखी जाती हैं। आजकल कम उम्र के बच्चों मे भी डिप्रेशन की समस्या देखी जा रही हैं। माता-पिता की छोटी सी फटकार और पढाई में अच्छा न कर पाने की तनाव बच्चों को डिप्रेशन ( depression se bahar kaise nikle ) में डाल रही हैं। इस सब की वजह ओवरथिंकिंग हैं। जब आप जरूरत से ज्यादा किसी विषय को लेकर सोचते है तो यह धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लेती हैं।
डिप्रेशन के कारण
आमतौर पर मन के निराश और उदास अवस्था को ही डिप्रेशन कहते हैं। इस मानसिक विकार की वजह आपके साथ हुआ किसी तरह का दुर्व्यवहार, बड़ी घटनाएं या फिर कोई साधारण सी समस्या भी हो सकती हैं। जॉब, शादी, लड़ाई-झगड़े, किसी अपने के खोने का दर्द, स्कूल की टेंशन, तनाव पूर्ण घटनाएं और आपके साथ हुआ गलत व्यवहार आदि जैसी स्थितियां डिप्रेशन को जन्म देने में मदद कर सकती हैं। जब आप इस तरह की समस्याओं के विषय में लगातार सोचते रहते है तो डिप्रेशन का रूप ले लेती हैं। डिप्रेशन के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।
- डिप्रेशन का पारिवारिक इतिहास
- किसी अप्रिय घटना के घटित होने से जैसे :- किसी करीबी की मृत्यु, धोखा, दुर्व्यवहार आदि
- दूसरों द्वारा बार-बार अपमानित होना
- किसी विषय पर सामान्य से अधिक सोचना
- हार्मोनल चेंजेज
- बार-बार असफलता मिलना
- व्यक्ति द्वारा हुआ कोई गलत कार्य
ये सभी स्थितियां डिप्रेशन की वजह बन सकती हैं। डिप्रेशन में माइंड को खुद के कण्ट्रोल में रखना जरुरी हैं। अत्याधिक तनाव महसूस होने पर माइंड को भटकाना आवश्यक हैं। इस मानसिक स्थिति से पीड़ित व्यक्ति हमेशा बुरे ख्यालों में डूबा रहता हैं। जिसकी वजह से डेली लाइफ प्रभावित होती हैं। आइए अब जानते है की डिप्रेशन ( depression se bahar kaise nikle ) जड़ से खत्म कैसे करें?
डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ( depression se bahar kaise nikle )
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति के फेस पर सिर्फ एक ही एक्सप्रेशन नजर आता हैं। व्यक्ति हमेशा उदास, चिडचिडा और गुस्सैल नजर आता हैं। परिवार की खुशियों में भी वह ठीक से हंस नहीं पाता हैं। डिप्रेशन का बुरा असर दैनिक कार्यों पर भी पड़ता हैं। किसी भी में मन नहीं लगता हैं। पढाई-लिखाई और काम-धंधा बेकार सा लगने लगता हैं। मष्तिष्क में हमेशा उथल-पुथल होती रहती हैं। अशांत मन नींद में भी व्यवधान उत्पन्न करता हैं। व्यक्ति को लाइफ में एक अजीब खालीपन महसूस होता हैं।
ये सभी लक्षण आपकी डेली लाइफ को बुरी तरह प्रभावित करती है। जिसकी वजह से लोग अक्सर यह सवाल करते है की मैं बहुत डिप्रेशन में हूं, मैं क्या करूं? । इसलिए आपके लिए यह जानना जरुरी है की डिप्रेशन ( Depression se bahar nikalne ke liye kya karen ) से बाहर कैसे निकले ?

स्वस्थ खान-पान है सबसे जरुरी
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते है की इस समस्या में मेंटल हेल्थ में सुधार करने वाले खाद्य पदार्थो जैसे :- मछली, आम, बीन्स, घी, अखरोट, पपीता, हरी शब्जियां और फलों का सेवन करना लाभप्रद हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ विटामिन्स, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। ये सभी पोषक तत्व मष्तिष्क स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं।बादाम, काजू और सूखे फलों में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होता हैं। इसके अलावे बादाम में फोलेट और विटामिन ई, एल-कार्निटाइन और रिबोफ्लेविन होते है जो ब्रेन को सेल्स को रिपेयर करता है।
इसमें मौजूद तत्व दिमाग की क्षमता को बढाता है जिससे आप नकारात्मक विचारों से लड़ पाते हैं। वही काजू में मौजूद मैग्नीशियम, कॉपर और जिंक जैसे खनिज तत्व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन भी ` मूड में हो रहे नकारात्मक बदलाओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के लिए दाल, दूध, दही, अंडे, सेब मछली चावल सोयाबीन आदि का सेवन कर सकते हैं। हाल के ही ताजा अध्ययन से पता चला है की डिप्रेशन में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन और धुप में बैठना फायदेमंद हैं।
भरपूर नींद है आवश्यक ( depression se bahar kaise nikle )
भरपूर नींद सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरुरी हैं। दिन भर की मानसिक थकान को पर्याप्त नींद की मदद से ही कम किया जा सकता हैं। नींद में आप उल्टे-सीधे ख्यालों से भी बचे रहते हैं। अपर्याप्त नींद आपके मष्तिष्क की कार्य क्षमता को बाधित करती हैं। इसलिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरुर लें।
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लक्ष्य निर्धारण
अवसाद में व्यक्ति का मन नकारात्मक विचारों से भर जाता हैं। व्यक्ति को न आज की सुध होती है और न ही आने वाले भविष्य की। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती हैं। नकारात्मक विचारों से मुक्ति के लिए खुद को व्यस्त रखना जरुरी होता हैं। जिनके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं होता अथवा जो खाली बैठे रहते है वे डिप्रेशन का शिकार जल्दी होते हैं। खाली मन शैतान का, यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी। डिप्रेशन में ज्यादात्तर लोग भविष्य के बारे में सोचना ही छोड़ देते हैं। इस वजह से स्थिति और भी बदत्तर हो जाती हैं। आप खुद को बीजी रख माइंड को नकारात्मक विचारों से मुक्त कर सकते हैं।
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व्यायाम करना है जरुरी
हलके-फुल्के व्यायाम, योग और हंसने जैसी शारीरिक एक्टिविटीज से शरीर में प्राकृतिक दर्द निवारक और मष्तिष्क को फ्रेश करने वाले एंडोर्फिन का स्त्राव होता हैं। इस होर्मोन का स्त्राव माइंड को नकारात्मक विचारों से मुक्त करने में मदद करता हैं। भरपूर नींद, अनुलोम विलोम, प्राणायाम और एक्यूपंक्चर भी एंडोर्फिन के लेवल को इनक्रीज करने में मदद करता हैं।
अकेले रहने के बजाय दोस्तों और फॅमिली मेम्बर्स के साथ समय बिताएं
अकेले में व्यक्ति हमेशा उल्टा-सीधा ही सोचता हैं। अकेलापन आपको डिप्रेशन की तरफ धकेलने में अहम भूमिका निभा सकता हैं। इसलिए अपने चाहने वालों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। ऐसे लोगों से दुरी बनाकर रखे जो नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। जहां से आपकी बुरी यादें जुड़ी है वहां से कुछ समय के लिए दुरी बना लें। आप चाहे तो दोस्तों और फॅमिली मेम्बेर्स के साथ किसी शांत जगह प् घुमने जा सकते हैं। अगर आप घर पर अकेले है पसंदीदा म्यूजिक और गेम्स प्ले कर सकते हैं। इसके अलावे मोटिवेशनल वीडियोज और स्टोरीज देख अथवा पढ़ सकते हैं। अगर आप आस्तिक है तो रोज मन्त्रोच्चार और भगवान की पूजा कर सकते हैं। इससे मन में सकारात्मक विचार आएंगे और डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलेगी।
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थेरेपी और दवाएं ( depression se bahar kaise nikle )
डिप्रेशन के गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह आवश्यक हैं। कभी-कभी लोग डिप्रेशन से बचने के लिए नशीली चीजों का सेवन करने लगते हैं। जिसकी वजह से शरीर को भी भारी नुकसान पहुंचता हैं। डिप्रेशन में कई बार लोग गलत कदम उठा लेते हैं। अगर आपके मन में भी बार-बार गलत करने का विचार आ रहा है तो चिकित्सीय सलाह आवश्यक हैं। डिप्रेशन के गंभीर लक्षणों में भयंकर सर दर्द, खुद के साथ गलत करने का विचार, नींद न आना, बेचैनी, उदासी, निराशा, थकान और ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई आदि शामिल हैं। थेरेपी और दवाओं की मदद से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता हैं।
टॉक थेरेपी, व्यवहार थेरेपी या काउंसलिंग से चिकित्सक आपकी मनोदशा को समझने और उसका निदान करने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर आपको बताते है की आपकी कौन-कौन सी आदते डिप्रेशन को बढाने और कम करने में योगदान दे सकती हैं। साथ ही थेरेपी के बाद अवसाद से निपटने के के तरीके बताए जाते हैं। इसके अलावे लक्षनों को दूर करने के लिए चिकित्सक एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लेने की सलाह देते हैं। एंटीडिप्रेसेंट दवा की मदद से डिप्रेशन के कारण बनने वाले रसायनों को नियंत्रित किया जाता हैं।
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निष्कर्ष
आज की इस खास पोस्ट में मैंने बताया है की डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ( depression se bahar kaise nikle )। डिप्रेशन एक आम समस्या है। यह एक टेम्परोरी समस्या है जो अक्सर कुछ दिनों में स्वत: ही दूर हो जाती हैं। डिप्रेशन से सुधार के लिए अकेलेपन से बचना जरुरी हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा समय सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों के साथ बिताना चाहिए। अगर आप किसी दुर्घटना या किसी की मृत्यु की वजह से अवसाद की स्थिति में है तो जगह बदलना बेस्ट उपाय साबित हो सकती हैं।
उम्मीद है की आपको यह जानकारी ” डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ( depression se bahar kaise nikle ) ” आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। इस जानकारी को उन लोगों के साथ शेयर कर सकते है जो डिप्रेशन के शिकार हैं।
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