टीबी क्या हैं – लक्षण, कारण इलाज और टीबी के इलाज के बाद सावधानियां

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टीबी क्या हैं – लक्षण, कारण इलाज और टीबी के इलाज के बाद सावधानियां – नमस्कार दोस्तों, एक समय था जब टीबी बीमारी का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे। आज के समय में भी अगर टीबी का इलाज टाइम पर नहीं किया जाएँ तो यह खतरनाक रूप धारण कर सकती हैं। टीबी को हिंदी में क्षय रोग या तपेदिक कहते हैं। यह बीमारी ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया द्वारा फेफड़ों में संक्रमण के कारण होती हैं। हालाँकि यह बैक्टीरिया शरीर के दुसरे अंग जैसे मष्तिष्क और किडनी आदि को भी प्रभावित करता हैं। सही समय पर रोगी को इलाज न मिलने के अभाव में व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं।

TB KYA HAI ISKE KARAN LAKSHAN AUR ILAJ KE BA SAWDHANIYAN
टीबी क्या हैं – लक्षण, कारण इलाज और टीबी के इलाज के बाद सावधानियां

यह रोग मुख्य रूप से फेफड़े को प्रभावित करती हैं। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी आसानी से संक्रमित हो सकता हैं। दरसल यह रोग रोगी के छिकने और खांसने से फैलता हैं। टीबी की बीमारी प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को हो सकती हैं। आइयें इस पोस्ट के माध्यम से टीबी के इलाज और टीबी के इलाज के बाद सावधानियां बरतने को लेकर सभी जानकारी देते हैं। साथ ही आपको महिलाओं में टीबी के लक्षण और टीबी का देशी इलाज भी इस पोस्ट के माध्यम से बताएँगे।

टीबी के प्रकार

दोस्तों, टीबी बीमारी मुख्यत: दो ही प्रकार के होते हैं सक्रीय और निष्क्रिय। हालाँकि यह शरीर के अंगों तक फ़ैल सकती हैं। सक्रीय टीबी में ग्रस्त या बीमार व्यक्ति में लक्षण संक्रमित होने के तुरंत बाद दिखाई देने लगते हैं। साथ ही इस तरह के टीबी से पीड़ित व्यक्ति से दूसरों व्यक्ति में संक्रमण तेजी से फ़ैल सकता हैं। वही निष्क्रिय टीबी, टीबी की वह अवस्था जिसमें बैक्टीरिया सक्रीय न होकर निष्क्रिय अवस्था मी रहता हैं। इस स्थिति में संक्रमित व्यक्ति को कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता हैं। साथ ही यह एक व्यक्ति से दुरे व्यक्ति में नहीं फैलता। हालाँकि निष्क्रिय टीबी का उपचार भी बेहद आवश्यक हैं क्योकिं जो बैक्टीरिया निष्क्रिय अवस्था में हैं वह कभी भी सक्रीय हो सकता हैं। जिनकी इम्युनिटी मजबूत होती हैं उनमें टीबी के लक्षण कम दिखाई देते हैं या नहीं दिखाई देते हैं।

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टीबी के लक्षण

टीबी के लक्षण इसके प्रकार और ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया से प्रभावित अंगों पर डिपेंड करता हैं। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से व्यक्ति के फेफड़ो को निशाना बनाता हैं इसलिए आइये जानते हैं की फेफड़ो में संक्रमण के बाद कौन कौन से लक्षण प्रकट हो सकते हैं:

1. लम्बे समय तक खांसी का रहना
2. बहुत थकान और कमजोरी जैसा महसूस होना
3. वजन में कमी देखना
4. भूख में कमी
5. बुखार के साथ ठण्ड का अनुभव होना
6. रात के वक्त नार्मल temprature के बावजूद बहुत अधिक पसीना आना
7. सांस में लेने में परेशानी महूसस होना
8. कफ के साथ खून आना

हालाँकि ऊपर बताएं गए लक्षणों के अलावे आपको अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। अगर इस बैक्टीरिया से शरीर का कोई अन्य अंग प्रभावित हुआ हैं तो कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। अगर बैक्टीरिया से पाचन तंत्र, हड्डिया, मष्तिष्क आदि प्रभावित हैं तो नीचे बताएं गए लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं:

1. दस्त और डायरिया
2. पेट में दर्द होते रहना
3. संक्रमण वाले स्थान पर हड्डी में दर्द की स्थिति
4. सर दर्द
5. लकवा
6. बार बार भ्रम की स्थिति

अगर आप ऊपर बताएं गए लक्षण महसूस करते हैं तो आपको चिकितिस्क की सलाह के बाद इलाज शुरू कर देना चाहिए। इस रोग का सही समय पर इलाज न होने पर यह बेहद गंभीर रूप धारण कर सकती हैं।

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महिलाओं में टीबी के लक्षण

महिलाओं में भी टीबी के सभी ऊपर बताएं गए लक्षण दिखाई दे सकते हैं। फीमेल जेनाइटल ट्यूबरक्‍यूलोसिस की स्थिति में मासिक धर्म की अनियमितता और पेट के निचले भाग में दर्द जैसी समस्या देखी जाती हैं। कई बार इस महिलाएं इस तरह के टीबी के कारण बांझपन का भी शिकार हो जाती हैं। साथ ही योनी मार्ग से गंध के साथ पीले या उजले कलर का स्त्राव भी महिलाओं में टीबी के लक्षण हैं।

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टीबी होने के कारण

दोस्तों टीबी होने के कई कारण हो सकते हैं। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होने वाला रोग हैं। नीचे टीबी होने मुख्य कारण बताएं गए हैं ध्यान से पढ़ें:

1. कमजोर इम्युनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी
2. एड्स, HIV, किडनी सबंधी रोगों के कारण
3. रोगी व्यक्ति के खांसने या छिकने के माध्यम से
4. साथ खाना खाने से
5. संक्रमित व्यक्ति के निकट रहने से

टीबी का इलाज

टीबी बीमारी के इलाज के लिए अंग्रेजी दवाओ या आयुवेदिक दवाओं के माध्यम से कर सकते हैं। सबसे पहले डॉक्टर परिक्षण के लिए स्किन टेस्ट और टीबी ब्लड टेस्ट की सहायता लेते हैं। इसके अलावे अन्य कई टेस्ट जैसे ट्यूबरक्लोसिस टेस्ट, xray आदि का भी सहारा लिया जाता हैं। इस रोग का इलाज लम्बे समय तक चलता हैं। डॉक्टर 6 महीने तक एंटीबायोटिक दवा और अन्य दवाओं को चलाने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावे डॉक्टर खान पान और इम्युनिटी को बूस्ट करने की सलाह देते हैं। टीबी के इलाज के बाद सावधानियां बरतनी भी जरुरी हैं।

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टीबी के इलाज के बाद सावधानियां

कई बार टीबी के मरीज दवाओं से आराम होने के बाद कुछ महीने में ही दवा खाना छोड़ देते हैं। टीबी का इलाज कम से कम 6 महीने तक चलता हैं। टीबी का इलाज पूरा होना आवश्यक हैं। अगर टीबी के मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं तो इससे टीबी फिर से होने की सम्भावना रहती हैं।

टीबी के मरीज को चावल खाना चाहिए या नहीं

कई लोग यह सवाल करते हैं की टीबी के मरीज को चावल खाना चाहिए या नहीं ?। दोस्तों टीबी के मरीज चावल का सेवन कर सकते हैं। टीबी में चावल का सेवन बिल्कुल सुरक्षित हैं। चावल का सेवन टीबी में बहुत फायदेमंद माना जाता हैं। यह शरीर को उर्जा प्रदान करता हैं। इसमें पायें जाने वाले फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, नियासिन, राइबोफ्लेविन शरीर को उर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। यही नहीं चावल आसानी से पाच जाता हैं जिससे शरीर को जल्दी उर्जा मिलती हैं।

टीबी की दवा कितने दिन में असर करती है

टीबी की दवा 14 से 15 दिनों में असर दिखाना शुरू कर देती हैं। 15 दिनों के बाद एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में संक्रमण के चांसेज बेहद कम हो जाते हैं। लेकिन ध्यान रहें की टीबी की दवा का सेवन का पूरा कोर्स करना बेहद जरुरी हैं नहीं तो टीबी दुबारा होने के चांसेज होते हैं। डॉक्टर आपको 6 महीने तक इसकी दवा लेने की सलाह दे सकते हैं।

टीबी का देशी इलाज

टीबी रोग होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर इसका निदान किया जाना चाहिए। इसके अलावे आप कुछ टीबी का देशी इलाज भी कर सकते हैं जिससे आपको टीबी रोग से जल्द छुटकारा मिल सकता हैं:

लहसुन

लहसुन एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता हैं यह टीबी के बैक्टीरिया को नष्ट करता हैं। साथ ही इसके सेवन से आपकी इम्युनिटी भी बूस्ट होती हैं। इसका सेवन आप कच्चा भी कर सकते हैं। साथ ही आप इसक सेवन दूध में उबालकर दूध के साथ पीने में करें।

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कैल्शियम

कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ भी इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं। इसके लिए आप केले का सेवन कर सकते हैं। केला का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा। संक्रमित व्यक्ति को गर्म दूध के साथ रोज केला खाना चाहिए। इसके अलावे आप चाहे तो केले का जूस बनाकर दूध के साथ पि सकते हैं।

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निष्कर्ष

टीबी का इलाज संभव हैं। लक्षणों के माध्यम से टीबी की बीमारी को आसानी से पकड़ा जा सकता हैं। टीबी के मरीज को अपने खान पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए कम से कम 6 महीने तक दवा का सेवन करना चाहिए। इस पोस्ट में मैंने आपको टीबी से सबंधित सभी जानकारियां दी हैं जैसे टीबी के मरीज को चावल खाना चाहिए या नहीं , टीबी के इलाज के बाद सावधानियां , महिलाओं में टीबी के लक्षण टीबी के कारण आदि। इन जानकारियों की मदद से आप टीबी रोग से बचाव कर सकते हैं।

टीबी के मरीज को चावल खाना चाहिए या नहीं , टीबी के इलाज के बाद सावधानियां , महिलाओं में टीबी के लक्षण टीबी के कारण की पूरी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से प्रदान की गयी हैं। यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट के द्वारा जरुर बताएं।

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