दूब घास की पहचान – क्यों माना जाता हैं दूब घास को चमत्कारी सम्पूर्ण जानकारी

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दूब घास की पहचान – क्यों माना जाता हैं दूब घास को चमत्कारी सम्पूर्ण जानकारी – आप अक्सर ही अपने आसपास दूब घास देखते होंगे। कई लोग दूब घास की पहचान नहीं कर पाते हैं। दूब जैसे दिखने वाले अन्य प्रकार के घास भी होते हैं जिसकी वजह से लोग अक्सर यह सर्च करते हैं की दूब घास की पहचान करने का तरीका क्या हैं। दूब एक बेहद चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती हैं जिसका उपयोग कई तरह की शारीरिक समस्यायों को दूर करने में किया जाता हैं। हिन्दू धर्म में इस घास का इस्तेमाल पूजा पाठ में भी किया जाता हैं। आइए जानते हैं की दूब घास की पहचान कैसे की जा सकती हैं और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं।

इस घास को अन्य कई नामों से जाना जाता हैं। इसे दूर्वा, भार्गवी, पाढरी भी कहा जाता हैं। यह भारत में लगभग हर जगह देखने को मिल जाती हैं। दूर्वा इसका संस्कृत नाम हैं। पूजा कार्यों में दूब बेहद अनिवार्य चीज हैं। दूब घास सामान्यत: स्वत: ही उग जाती हैं। पार्क, दरवाजे के बाहर आदि के सामने इसे लगाया जाता हैं। यह धरती की खूबसूरती को निखार देती हैं। नीचे बताया गया हैं की दूब घास की पहचान कैसे कर सकते है और दूब घास के फायदे और नुकसान क्या हैं।

दूब घास की पहचान

दूब घास की पहचान
दूब घास की पहचान

दोस्तों, दूब घास की पहचान करना बेहद आसान हैं। यह घास ज्यादा ऊँची नहीं होती हैं। इसकी ऊंचाई सतह से 6 से 7 इंच तक जाती हैं। जानवर इस घास को बड़े चाव से खाते हैं। गाय, भैंस का यह प्रिय भोजन हैं। यह जमीन पर फैलती चली जाती हैं। इसके तने जैसे ही जमीन से टच करती हैं वहां जड़े बनाकर आगे की ओर बढती रहती हैं। अगर इस घास को पानी मिलता रहें तो यह और भी तेजी से बढती हैं। बरसात के दिनों में इसकी ऊंचाई काफी बढ़ जाती हैं। यह ज्यादात्तर धरती की सतह से चिपकी रहती हैं। खेत खलिहानों में भी यह घास अक्सर दिखाई देती हैं।

इसकी पत्तियां बेहद छोटी होती हैं। पत्तियों की लम्बाई 3 से 12 सेंटीमीटर तक हो सकती हैं। अत्यधिक गर्मी में इसका ग्रोथ स्लो हो जाता हैं। यह फसलों के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। जिस खेत में यह ज्यादा मात्रा में उगती हैं उस खेत की फसल पूर्णत: बर्बाद हो सकती हैं। इस घास की खास बात यह हैं की इसे उखाड़ कर फेंक देने से भी यह जल्द ही स्वत: जम जाता हैं। इसका कारण हैं जमीन में फैली हुई इसके जड़े जो फिर से पनप जाती हैं।

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दूब घास के फायदे और नुकसान

दूब घास के फायदे और नुकसान
दूब घास के फायदे और नुकसान

दोस्तों, दूब घास के कई फायदे हैं वही इसके कुछ नुकसान भी हैं जो नीचे विस्तार से बताया गया हैं:-

दूब घास के फायदे

दूब घास एक औषधीय घास हैं जिसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में किया जाता हैं। इस घास में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन हैं। इसका इस्तेमाल शारीरिक कमजोरी दूर करने और लीवर से सबंधित रोगों के अलावे पेट से जुडी समस्याओं में भी किया जाता हैं।

फायदे

  • दस्त की समस्या होने ओर इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद हैं। इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग दस्त की समस्या को दूर करने में किया जाता हैं। पत्तियों के सेवन से दस्त की समस्या होने से रोका जा सकता हैं।
  • दूब इम्युनिटी बूस्टर की तरह कार्य करती हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण के साथ-साथ एंटीवायरल गुण भी हैं। यह शरीर को रोगों से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुणों से युक्त इस घास को पीसकर तवचा पर लगाने से फोड़े, फुंसी और त्वचा सबंधी अन्य कई समस्यायों से छुटकारा मिलता हैं। कुष्ठ रोग में भी यह बेहद फायदेमंद हैं। इसका पेस्ट त्वचा की जलन और खुजली की समस्या को दूर करती हैं।
  • यह अनिद्रा की समस्या में भी उपयोगी हैं। इसके सेवन से थकान और पुरुषों की कमजोरी दूर होती हैं। शरीर में उर्जा बनायें रखने में मदद करती हैं।
  • इस घास पर गिरे हुए शीत पर नंगे पैर चलने से आँख तेज होती हैं और तनाव दूर होता हैं। यह शीतलता प्रदान कर चिंता को दूर करने में मदद करता हैं।
  • इस घास की पत्तियों का सेवन पेट की समस्या जैसे कब्ज, गैस, अपच आदि में लाभ देता हैं। साथ ही पायरिया जैसी बीमारी में भी यह लाभदायक हैं। यह मुंह की गन्दी स्मेल को खत्म करता हैं।
  • मधुमेह और बवासीर रोगियों को भी इसके इस्तेमाल की सलाह दी जाती हैं। यह दोनों ही बीमारियों को नियंत्रित करने में कारगर औषधि हैं।
  • एनीमिया रोगियों के लिए यह बेहद फायदेमंद हैं। इसके रस का सेवन लाल रक्त कोशिकाओं की बढ़ोतरी में सहायक हैं। यह रक्त शोधक भी हैं।

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दूब घास के नुकसान

दूब घास के नुकसान बेहद कम ही देखने को मिलते हैं। गर्भवती महिला और अस्थमा के मरीजों को इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती हैं। अधिक मात्रा में इसके सेवन से आपको त्वचा सबंधी समस्या जैसे जलन, मसुढे में दर्द और हाथ पैरों में झुनझुनी हो सकती हैं। फसलों के लिए यह बेहद नुकसानदेह हैं। यह फसलों की जड़ों को बढ़ने से रोकती हैं। यह तेजी से फैलने वाला घास हैं जो कुछ ही दिनों में फसलों की जगह ले लेता हैं और जमीन से सभी पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेता हैं।

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निष्कर्ष – दूब घास की पहचान

इस पोस्ट में मैंने आपको बताया हैं की दूब घास की पहचान क्या हैं और क्यों माना जाता हैं दूब घास को चमत्कारी घास। दूब घास साल के 12 महीने मिलने वाली घास हैं। यह मैदान और दरवाजे की सुंदरता बढ़ाने के लिए भी लगायी जाती हैं। इसका उपयोग कई रोगों की रोकथाम और उपचार हेतु किया जाता हैं। इसके बहुत सारे फायदे हैं जिसकी जानकारी ऊपर दी गयी हैं। ध्यान रहें की किसी भी बीमारी में इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह आवश्यक हैं।

मुझे आशा हैं की अब आपको दूब घास की पहचान करने में दिक्कत नहीं होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें।

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