अक्सर लोग यह सवाल करते हैं की हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है। दोस्तों वैसे तो हनुमान जी की पूजा सभी रूपों में फलदायी होता हैं परन्तु हिन्दू पुराणों के अनुसार सभी रूपों की पूजा के तरीके और फल अलग-अलग होते हैं। अगर आप भी शिव के अवतार भगवान हनुमान जी के भक्त हैं तो उनके हर रूप के पूजा के तरीके को जानना आवश्यक हैं। हनुमान जी की पूजा करने के लिए समय और और तरीके की जानकारी बेहद जरुरी हैं। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं की हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए और हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है ?
बजरंग बली को संकट मोचन अर्थात संकट को हर लेने वाला कहा जाता हैं। हनुमान जी की पूजा से शनि दोष और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर आपकी कुंडली में किसी प्रकार दोष हैं तो इस स्थिति में हनुमान जी पूजा करने से कुंडली दोष दूर होता हैं और निर्बल गृह मजबूत होता हैं। साथ ही बजरंग बाली की सच्चे मन से पूजा करने से हर तरह के दुःख दूर होते हैं। हनुमान जी ऐसे देवताओं में से एक हैं जिन्हें कलयुग में जागृत देवता के रूप में भी जाना जाता हैं। दरसल भगवान विष्णु के अवतार श्री राम जी ने हनुमान जी से कलयुग में भी भक्तों की रक्षा करने का दायित्व सौपा था। आइये जानते हैं की हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है और पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए।
हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है
हनुमान जी को कई रूपों में पूजा जाता हैं। हनुमान जी को अलग-अलग रूपों में पूजने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। नीचे हनुमान जी के रूपों के बारें में विस्तार से मैंने बताया हैं।
बजरंग बली का का पंचमुखी स्वरुप
हनुमान जी ने राम जी और लक्ष्मण जी की सहायता करने के लिए पंचमुखी हनुमान का रूप धारण किया था। दरसल जब अहिरावण ने लक्ष्मण जी और राम जी का अपहरण कर लिया था तब हनुमान जी ने पाताल लोक में जाकर अहिरावण का वध किया था। अहिरावण ने राम जी और लक्ष्मण जी का बाली देने के लिए पांच दिशाओं में दीपक जलाएं थे। अहिरावण का अंत उन पांच दीपक को एक साथ बुझाकर ही किया जा सकता था। ऐसे में हनुमान जी ने पंचमुखी हनुमान का रूप धारण कर दीपक को बुझाया और अहिरावण का अंत कर दिया।
भगवान हनुमान के पंचमुखी रूप धारण करने के विषय में अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं। हनुमान जी के इस रूप की पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता हैं। हनुमान जी के इस रूप की पूजा अन्य रूपों की तुलना में ज्यादा फलदायी हैं।
हनुमान जी के पंचमुखी रूप की पूजा से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। अगर आपके किसी कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही हैं तो आपको पंचमुखी रूप की पूजा करनी चाहिए।
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सूर्य मुखी हनुमान जी
भगवान श्री राम के अनन्य भक्त बजरंग बली की पूजा सूर्यमुखी रूप में करने से ज्ञान और मान सम्मान में वृद्धि होती हैं। सूर्यमुखी हनुमान जी की प्रतिमा भगवान सूर्य की पूजा करते हुए या सूर्य की ओर मुख की दिशा में होता हैं।
उत्तरमुखी हनुमान जी
शास्त्रों के अनुसार सभी देवी देवता उत्तर दिशा में हैं। अगर हनुमान जी का मुख उत्तर दिशा की तरफ हैं तो पूजा करने से घर में सब शुभ ही होता हैं। घर में सकारात्मकता आती हैं। भुत प्रेत व्यक्ति को परेशान नहीं करता हैं।
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दक्षिण मुखी हनुमान
कई ऐसे मंदिर हैं जिसमें भगवान हनुमान की दिशा अर्थात उनका मुख दक्षिण की ओर होता हैं। दक्षिण दिशा हिन्दू धर्म में मृत्यु की दिशा यानी काल की दिशा मानी जाती हैं। बजरंग बली महाकाल के भक्त के साथ-साथ उनके अवतार भी हैं। इसी कारण दक्षिण मुखी हनुमान जी की पूजा करने से अकाल मृत्यु टल जाता हैं।
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हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी की पूजा प्रातः काल या शाम के वक्त ही की जानी चाहिए। प्रातः काल में हनुमान जी की पूजा स्नान के पश्चात कभी भी किया जा सकता हैं। लेकिन संध्या काल में हनुमान जी की पूजा शाम को 8 बज के बाद ही करना चाहिए। 8 बजे के बाद पूजा करना सबसे ज्यादा फलदायी बताया गया हैं। दोपहर के वक्त हनुमान जी की पूजा वर्जित हैं। दरसल विभीषन जी को हनुमान जी ने यह वचन दिया था की वे प्रतिदिन दोपहर के समय लंका में आयेंगे और शाम को भारत लौट जायेंगे।
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हनुमान जी की पूजा करने का तरीका
हनुमान जी की पूजा सुबह या शाम के वक्त सुंदर काण्ड या हनुमान चालीसा के पाठ के द्वारा किया जाता हैं। पाठ शुरू करने से पहले हनुमान जी के समक्ष घी या सरसों तेल के दियें जलाने चाहिए। प्रतिदिन बजरंग बाली की इस तरह पूजा करने से भय दूर होता हैं और गृह दशा में सुधार होता हैं।
निष्कर्ष
हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है और हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए आदि जैसे कई सवालों के जवाब मैंने इस पोस्ट के माध्यम से दी हैं। हनुमान जी की पूजा सभी रूपों में फलदायी मानी जाती हैं। इनकी पूजा से घर में सुख शांति आती हैं और हर तरह के दोष दूर होते हैं।
दोस्तों मुझे उम्मीद हैं की आपको हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमारे ब्लॉग के अन्य पोस्ट को जरुर पढ़ें।
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