गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं – शिव पूजा का सही समय, नियम और लाभ की जानकारी

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गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं – देवो के देव महादेव जिन्हें महाकाल के नाम से भी जाना जाता हैं वे स्रष्टि के संहारकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। त्रिदेवों में से एक भगवान शिव की पूजा बेहद फलदायी हैं। महादेव का एक नाम भोला भी हैं। अगर सच्चे और शुद्ध मन से उनसे कुछ माँगा जाएँ तो वे भक्तो की इच्छा अवश्य पूरी करते हैं। आज की इस खास पोस्ट में मैं आपको शिवजी की पूजा के संबंध में कई जानकारियां देने जा रही हूँ इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।

गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं - शिव पूजा का सही समय, नियम और लाभ की जानकारी
गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं – शिव पूजा का सही समय, नियम और लाभ की जानकारी

बहुत से लोग यह प्रश्न करते हैं की गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं और पूजा करने का सही समय और नियम क्या हैं। महाशिवरात्रि हो या सावन का महिना शिव की पूजा करने और मंदिर में उनके दर्शन हेतु लाखों श्रधालुओं की भीड़ उमड़ती हैं। दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको शिव पूजा की विधि , मंत्र, और अन्य कई जानकारियां दी हैं तो आइये विस्तार से जानते हैं।

गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं

दोस्तों गर्भवती महिला को डॉक्टर किसी भी प्रकार के व्रत को न करने की सलाह देते हैं। दरसल प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। प्रेगनेंसी में चक्कर आना, हाथ-पैर में दर्द रहना, कमजोरी होना, खून की कमी का होना आम बात हैं। ऐसी स्थिति में भोजन और जल काक त्याग करना प्रेग्नेंट महिला और बच्चे की सेहत को ख़राब कर सकता हैं।

अगर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं हैं तो भी बीना डॉक्टर के सलाह के व्रत करना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता हैं। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर ले क्योकिं कई बार शरीर की कमियों को हम भांप नहीं पाते हैं। शास्त्रों के द्रष्टिकोण से देखें तो गर्भवती महिला शिवजी की पूजा कर सकती हैं। लेकिन इस दौरान अन्न जल का त्याग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके साथ-साथ बच्चे को भी नुकसान पहुँचता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गर्भवती महिला का अन्न जल का त्याग शिवजी की दृष्टी में पाप के समान हैं क्योकिं इससे नवजात शिशु को नुकसान पहुँच सकता हैं।

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गर्भवती महिला के लिए शिव पूजा नियम और सावधानी – शिव पूजा सामग्री

अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं और आप इस व्रत को कर रही हैं तो ध्यान रहें की पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस आदि का सेवन करें। क्योकिं डिहाइड्रेशन की समस्या से आपको काफी नुकसान पहुँच सकता हैं। इस दौरान आप साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही दूध और दूध से बनी चीजें जैसे साबूदाना, फल, आदि का सेवन जरुर करें।

भगवान शिवजी की पूजा जल और बेलपत्र चढ़ाकर किया जाता हैं। जल चढाने के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुख रखना चाहिए। साथ ही ध्यान रहें की जल चढाते वक्त थोड़ा झुकना जरूरी हैं। आप जल के रूप में गंगा के पानी या दूध और पानी का मिश्रण उपयोग में ला सकती हैं। शिव जी पर 3 पत्तों का वाला बेलपत्र ही चढ़ाया जाना चाहिए। बेलपत्र शिवजी पर कभी भी उल्टा नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवजी की पूजा शुरू करने से पहले स्नान करना बेहद आवश्यक हैं। पूजा के लिए आप हल्दी, फुल, चन्दन, सिंदूर, नारियल, शंख, बेलपत्र, जल आदि उपयोग में ला सकती हैं।

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शिवलिंग की पूजा किस दिशा में बैठकर करनी चाहिए

शिवजी पर जल पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुख करके चढ़ाने का विधान हैं। शिव जी पूजा आप दक्षिण और पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके भी कर सकते हैं। हालाँकि की भारत में कही कही पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शिव पूजन करने की मनाही हैं क्योकिं कहां जाता हैं की पश्चिम दिशा की तरफ शिव जी की पीठ रहती हैं। लेकिन ध्यान रहे की पूजा करते वक़्त खड़े नहीं रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को शिवलिंग या फोटो के करीब जाकर झुककर या बैठकर ही पूजा करना चाहिए।

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शिव जी की मूर्ति घर में रखनी चाहिए या नहीं

भगवान शिवजी की पूजा घर में सुख समृधि लाती हैं। कहा जाता हैं की जो लोग सच्चे मन से शिवजी की पूजा करते हैं उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता हैं। अक्सर लोग सवाल करते हैं की शिव जी की मूर्ति घर में रखनी चाहिए या नहीं तो मैं आपको बता दूँ की आप शिव जी की मूर्ति की स्थापना अपने घर में कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार शिवजी की मूर्ति घर में रखने से घर से नकारात्मक एनर्जी दूर होती हैं। वही शिव जी की मूर्ति पूजा से शनि और राहू केतु का दोष भी दूर होता हैं।

लेकिन ध्यान रखें की शिव जी की मूर्ति हमेशा उत्तर दिशा में रखना चाहिए। कहां जाता हैं की शिव कैलाश पर उत्तर दिशा में ही रहते हैं। उत्तर दिशा में शिवजी की मूर्ति रखने और उनकी पूजा करने से घर में सकारात्मक एनर्जी का संचार होता हैं और सारे रुके हुए कार्य संपन्न हो जाते हैं।

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शिव पूजा का सही समय – शिव पूजा मंत्र

शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा प्रात: काल ही करनी चाहिए। अगर आप सुबह 5 बजे स्नान आदि से निवृत होकर शिव की पूजा करते हैं तो आपको मचाहे फल की प्राप्ति होती हैं। इतना ही नहीं घर में तनाव से तनाव का माहौल खत्म होता हैं और सुख शांति आती हैं। शिव जी की पूजा के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मंत्र हैं :- ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय।

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शिव पूजा से लाभ

शिवजी का सनातन धर्म के सबसे शक्तिशाली और कष्ट हरने वाले देवता माने जाते हैं। इनकी पूजा से अकाल मृत्यु का नहीं आती हैं। शिव जी की पूजा से कुंडली दोष भी दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं अगर आप किसी बड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं तो शिव जी आपके कष्टों को हर लेते हैं।

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निष्कर्ष

गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं यह जानकारी इस पोस्ट के द्वारा दी गयी हैं। शिव जी पूजा अगर सच्चे मन और श्रधा भाव से किया जाएँ तो शिव कृपा प्राप्त होती हैं। शिव जी कृपा से व्यक्ति के जीवन से हर तरह की बाधा दूर हो जाती हैं। लेकिन गर्भवती महिला को शिव व्रत के दौरान निर्जला व्रत करने की सलाह नहीं दी जाती हैं। दरसल इससे पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँच सकता हैं।

मुझे उम्मीद हैं की आपको गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए आप हमारे ब्लॉग को फॉलो कर सकते हैं।

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