नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए / कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें

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नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए / कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें – सनातन धर्म में नारियल का उपयोग पूजा हेतु किया जाता हैं। पूजा में प्रसाद के लिए नारियल का खास महत्त्व हैं। भगवान पर प्रसाद हेतु नारियल चढ़ाना बेहद फलदायक माना जाता हैं। नारियल का पानी सकारात्मक एनेर्जी को आकर्षित करती हैं। नारियल त्रिदेवों अर्थात भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता हैं। किसी भी पूजा के कार्य में नारियल का उपयोग बेहद शुभ हैं। शास्त्रों के अनुसार, नारियल भगवान विष्णु द्वारा धरती पर लाया गया था। जानवरों की बलि देने से रोकने हेतु ही नारियल का उपयोग किया जाता हैं।

नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए
नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए

दरसल प्राचीन समय में बलि देने की परम्परा जोरो पर थी जिसके कारण ऋषि मुनियों ने जानवरों की बली देने की जगह नारियल फोड़ने की परम्परा शुरू की। आइये जानते हैं की नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए और कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें जिससे पूजा सही तरीके से सम्पन्न हो सकें।

पुत्र प्राप्ति के लिए नारियल का बीज कब खाना चाहिए

हिन्दू धर्म में स्त्रियों का नारियल फोड़ना मना हैं। दरसल नारियल को बीज माना जाता हैं जिसका इस्तेमाल पुत्र प्राप्ति हेतु किया जाता हैं। दरसल नारियल का बीज या नारियल को भगवान पर चढ़ाकर इसकी पूजा करने और इसे खाने से संतान की प्राप्ति होती हैं। शास्त्रों में कहा गया हैं की स्त्री के गर्भ में बच्चा भी बीज की ही तरह होता हैं और यही कारण हैं की स्त्रियों को नारियल फोड़ने की मनाही हैं। अगर आपको पुत्र या सन्तान प्राप्ति के उद्देश्य से इसका सेवन रकना हैं तो इसका सेवन करने का तरीका नीचे विस्तार से बताया गया हैं।

  • सबसे पहले सोमवार के दिन सुबह स्नान करके पूजा कक्ष में सफ़ेद कलर के आसन को लगाकर उसपर बैठ जाएँ।
  • अब भगवान शिव का स्मरण करते हुए ॐ नम: शिवाय का जाप करें।
  • उसके बाद दीपक और अगरबत्ती जलाकर नारियल के बीज को चढ़ाएं।
  • ध्यान रहें की नारियल को गंगा जल से धोकर ही चढ़ाएं।
  • इस पूरी प्रक्रिया को सिर्फ सुबह के वक्त ही बीना किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के करना चाहिए।
  • चढ़ाया गया नारियल का बीज एक दिन बाद सुबह -सुबह उठाकर पूजा करने के पश्चात दूध के साथ ग्रहण करें।

शास्त्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया से भगवान शिव की कृपा से आपको सन्तान की प्राप्ति होती हैं। यह प्रक्रिया पुत्र या पुत्री रत्न प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। आइये अब जानते हैं की नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए और शिवलिंग पर नारियल चढ़ाने के फायदे क्या हैं।

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शिवलिंग पर नारियल चढ़ाने के फायदे

शिव जी पर नारियल का बीज चढाने से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इसके बीज को शिवलिंग पर चढाने से संतान प्राप्ति होती हैं साथ ही अशांत मन को शांति मिलती हैं। व्यक्ति के अंदर सकारात्मकता आती हैं और कार्य सफल होते हैं। अगर आप किसी रोग से परेशान हैं या आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं तो इस स्थिति में शिवलिंग पर नारियल चढाने से व्यक्ति इन परेशानियों से आसानी से छुटकारा पा सकता हैं। वही नारियल का ऊपरी कवच अर्थात कठोरतम भाग अहंकार या घमंड का सूचक हैं इसलिए कहा गया हैं की जो लोग नारियल फोड़ते हैं उनका अहंकार भी नष्ट हो जाता हैं।

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नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए

पूजा करने के लिए नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए इसकी जानकारी बेहद आवश्यक हैं। ऐसे तो आप नारियल किसी भी दिन तोड़ सकते हैं। परन्तु अगर आप कुछ विशेष दिन पर नारियल को तोड़ेंगे तो इससे अशुभ होने के कोई चांसेज नहीं होंगे। शास्त्रों में नारियल तोड़ने को लेकर भी विस्तार से बताया गया हैं। पूर्णिमा, अष्टमी, नवमी, अमावस्या और मंगलवार के दिन पूजा के लिए नारियल तोड़ना सबसे शुभ होता हैं।

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कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें

दोस्तों अक्सर लोग कलश पर नारियल रखने में छोटी मोती गलतियाँ करते हैं। शास्त्र कहते हैं की कलश पर अगर गलत तरीके से नारियल रखा जाएँ तो नारियल चढ़ाना व्यर्थ हो जाता हैं। अत: कलश पर नारियल को सही तरीके से रखा जाना चाहिए। कलश पर जो नारियल रखते हैं उसे किसी साफ़ और नयें कपडे में ही बांधना चाहियें। दरसल नारियल ब्रह्मा विष्णु और महेश का प्रतिक हैं। कलश पर नारियल को रखकर पूजा को सफल करने हेतु त्रिदेवों का आह्वाहन किया जाता हैं। अत: कपड़े का शुद्ध होना अति आवश्यक हैं। कलश में जल डालने के पश्चात उसमें सिक्का डालना जरुरी हैं। सिक्का माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए डाला जाता हैं। उसके बाद आप कलश के ऊपर आम के पल्लव और नारियल को रख सकते हैं।

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पूजा के बाद नारियल का क्या करें

पूजा के बाद नारियल का क्या करें
पूजा के बाद नारियल का क्या करें

पूजा के बाद नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। नारियल का प्रसाद ग्रहण करने से निर्धनता दूर होती हैं। इसके अलावे शास्त्रों में बताया गया हैं की अगर आवश्यकता से अधिक नारियल हैं तो उसे किसी नदी के बहते जल में डाल देना चाहिए।

हनुमान जी को नारियल चढ़ाने के फायदे

हनुमान जी पर नारियल चढाने से हर तरह के संकट टल जाते हैं। हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता हैं। जो लोग हनुमान जी पर सच्चे मन और श्रधा से नारियल, सिंदूर आदि चढाते हैं उनपर राहू-केतु और शनि कुंडली दोष मिट जाता हैं। इसके अलावे हनुमान जी की पूजा में इस्तेमाल किये गए नारियल को राई के साथ एक शुद्ध कपडे में बंधकर घर के मुख्य गेट के सामने टांग देने से घर में नकारात्मक शक्ति नहीं आती हैं।

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पूजा में नारियल कैसे रखना चाहिए

पूजा में नारियल हमेशा उस व्यक्ति के मुख की दिशा की तरफ रहना चाहिए। अर्थात नारियल की जो आँख वाला भाग हैं उसे पूजा में बैठने वाले व्यक्ति के मुख की तरफ होना चाहिए। कलश पर नारियल को रखने से पहले इसे शुद्ध और स्वच्छ कपडे में लपेटकर ही रखें और मौली बांधना बिल्कुल न भूलें।

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निष्कर्ष

नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए की इस जानकारी में मैंने विस्तार से नारियल चढाने के महत्त्व के बारें में बताया हैं। भगवान शिव पर नारियल चढाने के अनेकों फायदे हैं। इस पोस्ट में आपने जाना की नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए और कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें जिससे पूजा सफल हो। पूजा को सफल करने के लिए मन से कुछ विकारों जैसे द्वेष, घृणा, क्रोध आदि भावों को निकालना बेहद आवश्यक हैं। आपकी पूजा तभी सफल हो सकती हैं जब आप सभी नियमों का पालन करते हैं।

मुझे उम्मीद हैं की आपको नारियल किस दिन तोड़ना चाहिए / कलश स्थापना में नारियल कैसे रखें इसकी पूरी जानकारी आपको बहुत ही अच्छी लगी होगी। धर्म से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आप हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें।

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