ब्रह्मचर्य के लिए भोजन – ब्रह्मचर्य से दिमाग और शरीर कैसा रहता है -अक्सर लोगों के मन में ब्रह्मचर्य को लेकर कई प्रश्न उठते रहते हैं जैसे ब्रह्मचर्य से दिमाग और शरीर कैसा रहता है, ब्रह्मचर्य के लिए भोजन क्या होना चाहिए और ब्रह्मचर्य का प्रभाव कितने दिन में दिखता है आदि। दोस्तों ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता हैं। हिन्दू धर्म ग्रंथों में ब्रह्मचर्य के बारें में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हैं। आज की इस पोस्ट में मैं आपको शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मचर्य के बारें में सभी जानकारियां देने जा रही हूँ इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढकर ब्रह्मचर्य के बारें में विस्तार से जान सकते हैं।
दोस्तों ऋषि मुनि लाखों साल पहले ब्रह्मचर्य का पालन कर दुनियां की मोह माया का त्याग कर इश्वर को प्राप्त करते थे। हालाँकि ब्रह्मचर्य परिवार को त्यागने का नाम नहीं हैं गृहस्थ जीवन में भी व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन कर सकता हैं। इसलिए इस पोस्ट में आपको यह भी बताउंगी की गृहस्थ जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें ?। कहते हैं की ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला व्यक्ति असाधारण ज्ञान को भी प्राप्त करने में सक्षम हो जाता हैं। तो आइयें विस्तार से इसके बारें में जानते हैं।
ब्रह्मचर्य क्या हैं ?
ब्रह्मचर्य अर्थात ब्रह्म +चर्य, इसका अर्थ हैं ज्ञान को पाने हेतु किया जाने वाला प्रयास या खोज। जब कोई व्यक्ति सांसारिक सुखों का त्याग कर, क्रोध, भोग-विलास, मोह, माया आदि से मुक्त होकर ज्ञान की प्राप्ति हेतु सात्विक तरीके से इश्वर की भक्ति करता हैं तो उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना कहते हैं। ब्रह्मचर्य में इन्द्रियों को वश में करना भी शामिल हैं अर्थात हम वही देखें सुने या करें जो आवश्यक हैं। ध्यान के भटकाव से ब्रह्मचर्य में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं। हमारा मन बेहद चंचल प्रकृति का होता हैं लेकिन जब हम अपने मन को वश में कर लेते हैं और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं तो यह हमें अपनी मंजिल या ज्ञान के उस अथाह सागर तक पहुँचने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती हैं।
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ब्रह्मचर्य से दिमाग और शरीर कैसा रहता है
दोस्तों जो लोग ब्रह्मचर्य का पालन सभी नियमों के साथ करते हैं उनका जीवन बेहद सरल हो जाता हैं। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति में एक अद्भुत उर्जा का अनुभव होता हैं। इन्द्रियों पर सयंम रखते हुए व्यक्ति हर तरह के पाप से रहित रहता हैं। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं उन्हें 14 वर्षों के कठिन नियमों के पालन के पश्चात मेधा नाड़ी खुलने का आभाष होने लगता हैं। दरसल इस स्थिति में व्यक्ति जो कुछ भी सुनता हैं, पढता हैं या देखता हैं उसे कभी भूल नहीं पाता हैं।
अर्थात उनकी यादाश्त शक्ति कई गुणा तक बढ़ जाती हैं। कहते हैं की ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति की आयु भी बढ़ जाती हैं और दिमाग काफी तेज कार्य करता हैं। निश्चित तौर पर जब आप हर तरह के तनाव, मोह माया आदि से दूर रहेंगे तो इससे आपके दिमाग की कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती हैं।
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ब्रह्मचर्य का प्रभाव कितने दिन में दिखता है
ब्रह्मचर्य का प्रभाव आपके द्वारा नियमों के सही तरीके से पालन करने पर डिपेंड करता हैं। ब्रह्मचर्य के लिए भोजन आदि को संतुलित करने की आवश्यकता होती हैं। इस स्थिति में मांस का आहार पूर्णत: वर्जित होता हैं। सच कहे तो ब्रह्मचर्य का प्रभाव 5 से 6 महीने में दिखना प्रारम्भ हो जाता हैं। क्योकिं व्यक्ति को सांसारिक बन्धनों और इन्द्रियों को नियंत्रित करने में इतना समय लगता ही हैं।
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गृहस्थ जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें
गीता में गृहस्थ जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें इसके बारें में विस्तार से बताया गया हैं। आपको बता दे की बताया गया हैं की कर्मयोग की गृहस्थ जीवन का ब्रह्मचर्य हैं। अर्थात जो स्त्री या पुरुष अपने इन्द्रियों को संतुलित कर सांसारिक जिम्मेदारियों का वहन करता हैं और किसी पराएं पुरुष या स्त्री को गलत दृष्टी से नहीं देखता हैं वह गृहस्थ आश्रम का ब्रह्मचर्य पालन करने वाला कर्मयोगी हैं। गीता के माध्यम से कृष्ण जी ने सम्पूर्ण विश्व को एक उदाहरण देते हुए कहा मनु और इक्ष्वाकु वंश के राजाओं के बारें में अर्जुन को बताया और कहा की इन सभी ने गृहस्थ-आश्रम में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए मुझे प्राप्त किया। जो लोग गृहस्थ जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं उन्हें अपने सभी कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
अपने देश, समाज और परिवार के सभी कर्तव्यों और उत्तरदायित्वो का निर्वहन करते हुए, छल कपट, क्रोध और अपनी इन्द्रियों को नियंत्रित करते हुए भी इश्वर को प्राप्त किया जस सकता हैं। उस ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता हैं जो व्यक्ति को उत्तम बनाता हैं। गृहस्थ आश्रम में भी ब्रह्मचर्य के लिए भोजन की जानकारी आवश्यक हैं। आइये आपको बताते हैं की ब्रह्मचर्य के लिए भोजन कैसा होना चाहिए।
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ब्रह्मचर्य कैसे टूटता है?
जब आप किसी स्त्री के साथ भोग विलास में लिप्त हो जाते हैं या जब व्यक्ति का अपनी इन्द्रियों पर कण्ट्रोल नहीं रहता तब ब्रह्मचर्य टूट जाता हैं।
ब्रह्मचर्य के लिए भोजन
ब्रह्मचर्य के लिए भोजन सात्विक होना चाहिए। आपको किसी भी स्थिति में मांसाहार का सेवन न ही करना चाहिए और न ही करने के बारें में सोचना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को प्याज, लहसुन, मिर्ची, जंक फ़ूड, आदि बिल्कुल नहीं खाने चाहिए। अगर आप ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो आपको दूध, फल, हरी शब्जियाँ, सूखे फल, हर तरह के अनाज आदि का सेवन करना चाहिए। जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं उन्हें खाते वक्त कभी भी बात नहीं करनी चाहिए और न ही टीवी मोबाइल आदी देखना चाहिए। खाने से पहले इश्वर के लिए एक निवाला जरुर निकाल कर रख देना चाहिए और इश्वर को स्मरण करने के पश्चात ही भोजन को ग्रहण करना चाहिए।
दोस्तों ब्रह्मचर्य के लिए भोजन – ब्रह्मचर्य से दिमाग और शरीर कैसा रहता है और ब्रह्मचर्य का प्रभाव कितने दिन में दिखता है इन सबकी जानकारी मैंने आपको इस पोस्ट के द्वारा दी हैं। यह जानकारी आपको शास्त्रों द्वारा प्रदान की गयी हैं। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करना न भूलें।
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