गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके – गलगुटिकाशोथ के लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी

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गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके – गलगुटिकाशोथ के लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी – गलगुटिकाशोथ एक ऐसी समस्या हैं जिससे आज के समय में अधिकत्तर लोग परेशान रहते हैं। जब किसी व्यक्ति की गलगुटिका ज्यादा सुजन हो जाती हैं तो इसे गलगुटिकाशोथ कहते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती हैं। गलगुटिका हमारे मुख में गले के पास होती हैं। यह हर व्यक्ति में २ की संख्या में होती हैं। गलगुटिका हमारे शरीर को रोगों से बचाने का कार्य करती हैं। दरसल यह बाहरी आक्रमणकारी सूक्ष्मजीवों को बॉडी में जाने से रोकने का भरपूर प्रयत्न करती हैं। गलगुटिका में किसी भी तरह की समस्या होने पर इसका कार्य बाधित हो सकता हैं। ऐसे में बाहरी खतरनाक सूक्ष्मजीव जैसे वायरस और बैक्टीरिया शरीर को प्रभावित कर सकती हैं।

गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके - गलगुटिकाशोथ के लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी
गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके – गलगुटिकाशोथ के लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी

गलगुटिका आकार में बहुत छोटा होता हैं लेकिन इसका कार्य बहुत बड़ा हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी की वजह से होती हैं। इसके अलावे भी कई अन्य कारण हैं जो नीचे बताएं गए हैं। इस छोटे से अंग में जब किसी तरह की समस्या होती हैं तो संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता हैं। गलगुटिकाशोथ रोग के चलते बोलने में कठिनाई महूसस होती हैं। सुजन के कारण खाने में काफी परेशानी होती हैं। आइए विस्तार से गलगुटिकाशोथ के बारें में जानते हैं। इस पोस्ट में मैं आपको गलगुटिकाशोथ के लक्षण, सर्जरी और इलाज के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रही हूँ। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।

गलगुटिकाशोथ रोग के कारण

दोस्तों, यह समस्या ज्यादात्तर खराब भोजन , अधिक ठंड, खराब इम्युनिटी और गंदे और दूषित पे पदार्थों के सेवन से होती हैं। दूषित खाद्य या पेय पदार्थों में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस इस रोग का मुख्य कारण हैं। यह समस्या बच्चों में बेहद आम हैं। इस समस्या का जल्द से जल्द उपचार आवश्यक हैं। दरसल कई मामलों में देखा गया हैं की जो लोग इसका इलाज नहीं करवाते हैं उनका गलगुटिकाशोथ रोग ठीक नहीं होता हैं। ऐसे में कुछ समय पश्चात स्थिति और बिगड़ सकती हैं। इस शोथ के चलते आपके पुरे मुंह में भयंकर दर्द जैसी स्थिति भी बन सकती हैं। बच्चे में यह समस्या जब होती हैं तो उन्हें सांस लेने में भी कठिनाई होने लगती हैं।

गलगुटिकाशोथ के लक्षण

गलगुटिकाशोथ के लक्षण
गलगुटिकाशोथ के लक्षण

गलगुटिका में सुजन या अन्य किसी तरह की समस्या होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। खाने-पीने की किसी भी चीज को जब व्यक्ति निगलने की कोशिश करता हैं तो अत्यंत पीड़ा का अनुभव होता हैं। गलगुटिकाशोथ के कुछ प्रमुख लक्षण नीचे बताएं गए हैं।

  • सांस छोड़ते वक्त गंदी स्मेल का आना
  • गलगुटिका पर उजले कलर का परत जमना
  • तेज या हल्का बुखार बार-बार होना
  • गलगुटिकाशोथ आवाज में परिवर्तन लाता हैं
  • मुंह के दीवारों में दर्द के साथ-साथ सर में दर्द
  • गलगुटिका का फुल जाना
  • बार-बार थूक बनना

दोस्तों, गलगुटिकाशोथ के लक्षण अगर आपमें भी दिखाई देता हैं तो इसके इलाज के बारे में जानकारी का होना आपके लिए जरुरी हैं। आइए आपको विस्तार से गलगुटिकाशोथ के इलाज के बारे में जानकारी देते हैं।

गलगुटिकाशोथ के इलाज के बारे में जानकारी

गलगुटिकाशोथ रोग बच्चे और बूढों में ठंड के मौसम में अधिक देखने को मिलता हैं। जब यह समस्या किसी व्यक्ति को होती हैं तो गलगुटिका के रंग में परिवर्तन देखा जाता हैं। इसका रंग लाल या सफ़ेद हो सकता हैं। कभी-कभी गलगुटिका पर पीले रंग के गंदी परत चढ़ जाती हैं जो देखने में बेहद गंदा सा लगता हैं। समय पर उपचार के अभाव में यह समस्या स्थायी रूप ले सकती हैं। अगर सही समय पर इसका घरेलु इलाज किया जाएं तो इस रोग को नष्ट किया जा सकता हैं। अगर यह स्थिति लम्बे समय से आपको परेशान कर रही हैं तो डॉक्टर गलगुटिकाशोथ की दवाएं देते हैं। दवाओं से समस्या दूर नहीं होती हैं तो गलगुटिकाशोथ की सर्जरी की जाती हैं। आइए पहले इसके कुछ घरेलू इलाज जाने लेते हैं जो काफी प्रभावकारी मानी जाती हैं।

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1. अदरक

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अदरक इस रोग में बहुत फायदेमंद औषधि मानी जाती हैं। गलगुटिकाशोथ के इलाज करने के लिए अदरक का उपयोग जरुर करें। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी हैं जो संक्रमण को कम करता हैं। अदरक गलगुटिका के सुजन को कम करने के साथ-साथ इसके रोगों को नष्ट करती हैं। अदरक का सेवन शहद के साथ किया जा सकता हैं। इसके अलावे अदरक को पीसकर रस निकालकर भी इसका सेवन करना फायदेमंद हैं। अदरक का एक छोटा टुकड़ा लेकर एक गिलास गर्म पानी में उबाल लें। उसके बाद अदरक को छानकर हटा दें। इस पानी से गरारा करने से भी सुजन और दर्द से काफी आराम मिलेगा। दिन में 3 से 4 बार इस क्रिया को जरुर करें।

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2. तुलसी पत्र

तुलसी पत्र औषधि का इस्तेमाल कई रोगों को दूर करने में किया जाता हैं। गलगुटिकाशोथ के इलाज के लिए यह रामबाण औषधि मानी जाती हैं। इसमें मौजूद एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण गलगुटिकाशोथ की समस्या को जड़ से नष्ट कर सकती हैं। इसका सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं। कुछ लोग तुलसी की चाय बनाकर इसका सेवन करते हैं। ध्यान रहे की तुलसी की चाय फायदेमंद हैं लेकिन इसमें चायपत्ती डालकर नहीं पीना चाहिए। तुलसी की कुछ पत्तियों को तोड़कर हल्के नमक के साथ ग्रीन चाय बनाएं। इस चाय को आप दिन में 3 से 4 बार पी सकते हैं। इसके अलावे तुलसी की पत्तियों को एक कप पानी में उबालकर निम्बू के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं।

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3. नमक पानी

नमक तेजी से बढ़ते हानिकारक बैक्टीरिया पर लगाम लगाता हैं। ध्यान रहे की गरारे के लिए आप जिस पानी का उपयोग कर रहे हैं वह नार्मल होना चाहिए। ठंडा पानी स्थिति को और भी बिगाड़ सकती हैं। नमक पानी इन्फेक्शन को दूर कर सुजन को कम करता हैं। गरारे करने के बाद पानी को पीना नहीं हैं। पानी को का कुल्ला मुंह से बाहर फेंक देना चाहिए। एक दिन में आपको इस क्रिया को 5 से 6 बार करना हैं। यह गलगुटिकाशोथ के सबसे अच्छे इलाज में से एक हैं। इसके अलावे खूब सादा पानी भी पीना चाहिए।

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4. फिटकरी

गलगुटिकाशोथ के इलाज में फिटकरी भी बहुत फायदेमंद हैं। रोजाना दिन में 3 से 4 बार फिटकिरी के पानीसे गरारा करना दर्द और सुजन को दूर करता हैं। इसके लिए मार्किट से किसी किराने की दुकान से आपको फिटकिरी खरीदना होगा। फिटकिरी के एक छोटे टुकड़े को एक ग्लास पानी में उबालकर उतार लें। अब इस पानी से 2 से 3 मिनट तक गरारा करते रहें। कुछ ही दिनों में आपको लाभ देखने को मिल जाएगा।

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5. हल्दी

गलगुटिकाशोथ से परेशान हो चुके हैं तो एक बार हल्दी से बने घरेलु नुस्खें को जरुर आजमा कर देखें। इसमें एंटीवायरल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो संक्रमण को कम तो करता ही हैं साथ ही फुले हुए गलगुटिका को नार्मल शेप में लाने में मदद करता हैं। इसका सेवन दूध और मिश्री के साथ कर सकते हैं। आप चाहे तो तीनों को एक साथ मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। इसका सेवन करने के लिए सुबह और शाम का वक्त बेस्ट हैं। दूध को गर्म कर उसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर और मिश्री के दाने मिला दें। अब इसे धीरे-धीरे पिएं। महज कुछ ही दिनों में आपको फायदा दिखने लगेगा।

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गलगुटिकाशोथ की दवाएं

अगर गलगुटिकाशोथ के लक्षण बेहद गंभीर रूप से आपको प्रभावित कर रहे हैं तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलकर उचित इलाज करवाएं। डॉक्टर इलाज करने से पहले कुछ टेस्ट करते हैं। गलगुटिकाशोथ के इलाज के लिए CBC टेस्ट, थ्रोट स्वैब टेस्ट, गलगुटिकाशोथ टेस्ट की जा जाती हैं। गलगुटिकाशोथ टेस्ट के अंतर्गत ट्यूब की सहायता से गलगुटिका और आसपास के क्षेत्रों की जांच की जाती हैं। डॉक्टर इस रोग के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां जैसे – Cefadroxil, Cefetamet, Cefixime, amoxicillin, azithromycin , Zithromax, cefprozil आदि उपयोग करते हैं। किसी भी दवा के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक हैं।

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गलगुटिकाशोथ के प्रकार और इसकी सर्जरी

गलगुटिकाशोथ के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं। क्रोनिक गलगुटिकाशोथ, एक्यूट गलगुटिकाशोथ, रिकरिंग गलगुटिकाशोथ इसके मुख्य प्रकार हैं। क्रोनिक संक्रमण लम्बे समय तक रहने वाला गलगुटिकाशोथ हैं। एक्यूट गलगुटिकाशोथ वायरस या बैक्टीरिया द्वारा होने वाला संक्रमण हैं जो कुछ दिनों तक व्यक्ति को प्रभावित करता हैं। व्यक्ति को जब यह समस्या कुछ महीने के अन्तराल पर बार-बार होती हैं तो इसे रिकरिंग गलगुटिकाशोथ कहते हैं। यह बीमारी अगर दवाएं लेने पर भी ठीक नहीं होती हैं तो इसकी सर्जरी की जाती हैं।

रिकरिंग गलगुटिकाशोथ और क्रोनिक गलगुटिकाशोथ होने पर सर्जरी द्वारा प्रभावित भाग को हटाया जाता हैं। सर्जरी के लिए सबसे पहले एनेस्थीसिया दी जाती हैं। यह ऑपरेशन 30 मिनट तक चलता हैं। उसके बाद सामान्य ऑपरेशन या लेजर आपरेशन के द्वारा इस समस्या का समाधान किया जाता हैं।

गलगुटिकाशोथ में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

गलगुटिकाशोथ से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को ज्यादा कड़े खाद्य पदार्थों के साथ-साथ ठंडे चीजों के सेवन से बचना चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से गलगुटिकाशोथ की समस्या और बढ़ सकती हैं। गलगुटिका में दर्द की समस्या बढ़ सकती हैं। इसके अलावे ज्यादा तेल मसाले वाले चीजों से परहेज करें। मुलायम और नर्म खाद्य पदार्थों जैसे कद्दू की शब्जी, नेनुवा की शब्जी, चावल, दही, मठ्ठा, केला, तरबूज, आलू, हरी शब्जियां, पानी से भरपूर फल आदि का सेवन कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको बताया हैं की गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके क्या हैं। साथ ही इसके लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में प्रदान की गयी हैं। गलगुटिकाशोथ की समस्या स्वत: भी ठीक हो जाती हैं। अगर यह समस्या आपको बार-बार परेशान कर रही हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना जरुरी हैं। एंटीबायोटिक दवाइयां इस बीमारी को जड़ से नष्ट कर देती हैं। कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती हैं। जब किसी व्यक्ति को बार-बार यह समस्या होती हैं तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।

मुझे उम्मीद हैं की आज की यह पोस्ट ” गलगुटिकाशोथ का खुद इलाज करने के तरीके – गलगुटिकाशोथ के लक्षण, दवाएं और सर्जरी की सम्पूर्ण जानकारी ” आपको बेहद पसंद आयी होगी। इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें।

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