प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए? – प्रेगनेंसी के 8 महीने पुरे होने पर महिला को छोटी से छोटी चीजों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपकी एक छोटी सी गलती बड़ी समस्या का कारण बन सकती हैं। आज की इस विशेष लेख में मैं आपको प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए? इसके बारें में बताने जा रही हूँ। इस महीने महिला को अपने खान पान और उठने बैठने और सोने के तरीके में भी थोड़े बदलाव की जरूरत हो सकती हैं। प्रेगनेंसी के आठवें में एंट्री का मतलब हैं की जल्द ही आपकी गोद में आपका बच्चा होगा। इस महीने परिवार के सदस्यों को प्रेग्नेंट महिला का ध्यान रखना चाहिए। महिला को ज्यादा भारी चीजें उठाने से बचना चाहिए। आइये विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?
गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वस्थ रखने और डिलीवरी में परेशानी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरुरी हैं। इस महीने गर्भ में पल रहे शिशु के आकार में काफी बढ़ोतरी होती हैं। आठवें महीने में शिशु का वजन लगभग डेढ़ kg से लेकर 2 kg तक हो सकता हैं। वही शिशु की लम्बाई 14 से 17 इंच हो सकती हैं। शिशु के आकार में तेजी से हो रहे परिवर्तन की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन देखें जाते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी हैं की प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?
प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?
दोस्तों प्रेगनेंसी के आठवें महीने में शिशु के कई महत्वपूर्ण अंग विकसित हो जाते हैं। इस महीने में शिशु गर्भ के अंदर आखें खोलने में सक्षम हो जाता हैं। इसके अलावे फेफड़ा और मस्तिष्क भी तेजी से विकसित होते हैं। महिला को अपने जीवनशैली और खाने की चीजों में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती हैं। खाने में महिला को सभी पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करना चाहिए ताकि शिशु के विकास में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो। 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए इसकी जानकारी ध्यान से पढ़ें।
1. प्रेगनेंसी के 8 महीने में खान-पान पर ध्यान देना चाहिए
प्रेगनेंसी के 8वे महीने में महिला को खून की कमी जैसे गंभीर समस्या से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। खून की कमी के कारण अक्सर डॉक्टर्स कैल्शियम और आयरन की गोलियां लेने की सलाह देते हैं। परन्तु अगर आप अपने खान-पान पर ध्यान रखेंगे तो इसकी जरूरत आपको नहीं होगी। इसके अलावे शिशु और माँ के को स्वस्थ रहने के लिए उन्हें भोजन में फाइबर, विटामिन, खूब पानी, प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों को भी शामिल करना चाहिए।
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गर्भवती महिला को 8 महीने में क्या खाना चाहिए
पत्तेदार शब्जी, ब्रोकली, गेहूं, ओट्स, बीज वाली शब्जियाँ जैसे चिया के बीज आदि में भरपूर मात्रा में फाइबर हैं जिसका सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। इस महीने में कब्ज की समस्या बेहद आम हैं ऐसे में फाइबर का सेवन इस समस्या से निजात दिला सकता हैं। बच्चे और मां के स्वास्थ्य को बनायें रखने के लिए विटामिन और कैल्शियम युक्त आहार जैसे अंडा, दूध और दूध से बनी चीजें, हरी शब्जियाँ आदि जरुर लें।
कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से युक्त भोजन जैसे भूरे चावल, मछली, मुंग का दाल आदि। मछली का सेवन गर्भावस्था के दौरान बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। ऊपर बताएं गए सभी पोषक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में योगदान देते हैं। मछली में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होती हैं साथ ही इसमें आयरन भी होता हैं। इसके सेवन से बच्चे की हड्डी मजबूत होती हैं।
2. नुकसान करने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें
दोस्तों प्रेगनेंसी के 8 वे महीने मे कुछ चीजों के सेवन से बचना चाहिए। कुछ चीजों का प्रेगनेंसी के दौरान सेवन करना बच्चे और माँ दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। प्रेगनेंसी के 8 वे महीने में कॉफ़ी, चाय या कैफीन युक्त चीजों का सेवन कम कर देना चाहिए। इसके अलावे कच्चे दूध, कच्चा अंडा, अधपका मछली, तम्बाकू, शराब आदि का सेवन बिल्कुल न करें।
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3. शरीर में पानी की कमी न होने दे
शरीर में पानी की कमी की वजह से शिशु के विकास पर असर पड़ सकता हैं। भरपूर पानी पीना मां के लिए भी बेहद आवश्यक हैं। उचित मात्रा में पानी पीना आपको हाइड्रेट रखता हैं जिससे कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती हैं।
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4. गलत तरीके से बिल्कुल न बैठें
गलत तरीके से उठना, बैठना, सोना बच्चे को नुकसान पंहुचा सकती हैं। आठवें महीने में ज्यादा भारी समान उठाने से बचना चाहिए। सीढियों पर चढ़ने से बचे और अगर चढ़ना ही पड़े तो सावधानी से धीरे-धीरे ही पैर आगे बढ़ाएं। सोने और बैठने के तरीके में सुधार करें। जब भी बेड पर सोने जाएँ बाएं करवट लेकर ही सोयें। बैठने के दौरान पीठ का सहारा ले और पीछे तकिया जरुर रखें। ज्यादा देर तक खड़े रहने या झुकने से भी बचना चाहिए।
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5. तनाव से बचने की कोशिश करें
तनाव, चिंता जैसी समस्यायों से बचने की कोशिश करें। अपने घर में नन्हें मेहमान के आगमन के विषय में सोचें। डिलीवरी को लेकर अगर आपके मन में किसी तरह की चिंता हैं तो अपने परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिताएं। दरसल इस महीने में महिलाओं के मन में डिलीवरी को लेकर स्ट्रेस रहता हैं। ज्यादा चिंता करने या स्ट्रेस में रहने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। तनाव से बचने के लिए 8 घंटे जरुर सोयें। आप चाहे तो दिन में भी 2 घंटे आराम कर सकती हैं।
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निष्कर्ष
प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए? इसके बारें में मैंने आपको इस पोस्ट के द्वारा विस्तार से बताया हैं। प्रेगनेंसी का आठवां महिना बेहद स्पेशल हैं क्योकिं इस इसके अगले महीने डिलीवरी हो सकती हैं। ऐसे में महिला के अंदर कई बार चिंता जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। इस स्थिति में पति को पत्नी का ख्याल रखना चाहिए। गलत तरीके से सोना, बैठना बच्चे के साथ-साथ आपके लिए भी समस्या पैदा कर सकती हैं।
मुझे उम्मीद हैं की आपको प्रेगनेंसी के 8 महीने में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए? इसकी जानकारी पसंद आई होगी। इस जानकारी को अपने दोस्तों तक शेयर जरुर करें।
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