बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार – घरेलू तरीके हैं बेहद कारगर

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बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार – घरेलू तरीके हैं बेहद कारगर – जब बच्चा बोलता हैं तो उसकी मधुर आवाज सब को मोह लेती हैं। कई बार उम्र हो जाने के बाद भी बच्चे बोलने में असमर्थ नजर आते हैं। इस स्थिति में मां बाप का चिंता करना जायज हैं। 1 साल की उम्र के बच्चे माँ पापा आदि कहना सीख जाते हैं। वही कुछ बच्चे इस उम्र में भी कुछ नहीं बोल पाते हैं। अगर बोलने का प्रयत्न भी करते हैं तो ठीक से बोल नहीं पाते हैं। यह समस्या कई बच्चों के साथ होती हैं। अगर आपका बच्चा भी 1 से 2 साल की उम्र तक ठीक से हल्के शब्दों को भी नहीं बोल पाता हैं तो आप इस स्थिति में कुछ घरेलु आयुर्वेदिक उपचार कर सकते हैं। आइए जानते हैं की बच्चों को बोलने में दिक्कत का आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं।

बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार
बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार

दोस्तों, कई बच्चे तो 3 साल की उम्र तक भी हल्के शब्दों को बोल नहीं पाते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चे का खास ध्यान रखना पड़ता हैं। इतनी उम्र के बाद भी अगर बच्चा बोल नहीं पाता हैं तो यह एक गंभीर समस्या के लक्षण हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं की बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार और इसके मुख्य कारणों के बारें में :-

बच्चों को बोलने में दिक्कत को होना किन कारणों से होता हैं

अगर आपका बच्चा उम्र हो जाने के बाद भी कुछ बोल नहीं पा रहा हैं या शब्दों को बोलते वक्त हमेशा गलती होती हैं तो इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं :-

  • 7वे या 8वे महीने में जन्मे बच्चे अक्सर देरी से कुछ भी सीखते हैं। अर्थात अगर आपके बच्चे का जन्म 9 महीने से पहले ही हो गया हैं तो यह संभव हैं की आपका बच्चा सबकुछ देरी से करें या सीखें।
  • एक्सपर्ट्स कहते हैं की जुड़वा बच्चे जन्मोपरांत अन्य बच्चों की तुलना में थोड़े आलसी होते हैं। ऐसे बच्चे जल्दी बोलना नहीं सीख पाते हैं।
  • अगर जन्म से ही बच्चे के कान में किसी तरह की समस्या हैं तो ऐसी स्थिति में उसे कुछ भी सुनाई नहीं देता हैं। इस वजह से दुसरे द्वारा बोले गए शब्दों को वह सुन नहीं पाता हैं। अगर बच्चा सुनेगा नहीं तो सिखने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता हैं।
  • अगर आपका बच्चा लड़का हैं तो वह देर ही बोलेगा। कई रिसर्च के अनुसार, लड़के लडकियों की तुलना में देर बोलते हैं।
  • कई बार किसी कारण वश जन्म के समय या जन्म के बाद बच्चे का मष्तिष्क चोटिल हो जाता हैं। यह भी बच्चे को बोलने में दिक्कत आने का एक बड़ा कारण हैं। इसके अलावे अगर तालू कटा हुआ हैं तो भी यह समस्या उत्पन्न होती हैं।
  • कई बार ऐसा होता की बच्चे से माता-पिता बात करने की कोशिश नहीं करते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे देरी से कुछ भी सीखते हैं।

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बच्चों को बोलने में दिक्कत आयुर्वेदिक उपचार – घरेलू तरीके हैं बेहद कारगर

जिन बच्चों को बोलने में दिक्कत होती हैं उनकी यह समस्या स्वत: ही ठीक हो सकती हैं। परन्तु इसके चांसेज सिर्फ 60% ही हैं। अत: आपको कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपचार जरुर आजमाने चाहिए। अगर बच्चा किसी बड़ी समस्या के वजह से नहीं बोल पा रहा हैं तो इस स्थिति में डॉक्टर से इलाज करवाना बेहद जरुरी हैं। नीचे कुछ बच्चों को बोलने में दिक्कत के आयुर्वेदिक उपचार बताएं गए हैं।

बादाम

बच्चों का देर से बोलना और तुतलाना जैसी समस्या में बादाम का सेवन लाभप्रद हैं। प्रतिदिन बादाम को पीसकर दूध में मिक्स कर बच्चे को देने से बोलने की क्षमता में विकास होता हैं। सबसे पहले आपको बादाम को रात भर पानी में फुलने के लिए छोड़ देना हैं इसके बाद उसे पीसकर दूध में मिलाकर बच्चे को पिलाना हैं।

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आंवला

सूखे आंवले को पीसकर इसका पाउडर को घी में मिलाकर बच्चे को खिलाने से बोलने में दिक्कत दूर होती हैं। आप चाहे तो आंवला पाउडर मार्किट से भी खरीद सकते हैं।

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काली मिर्च

अगर आपके बच्चे को बोलने में दिक्कत महसूस होती हैं तो काली मिर्च के दाने रोज दें। पुराने समय में बोलने की समस्या होने पर काली मिर्च के पाउडर को बच्चे की जीभ पर रख दिया जाता था। ऐसा करने से बच्चे जल्दी बोलने लगते थे।

बच्चों को बोलने में दिक्कत होने पर करें फॉलो करें कुछ बेहतरीन टिप्स

बच्चों को बोलने में दिक्कत होने पर करें फॉलो करें कुछ बेहतरीन टिप्स
बच्चों को बोलने में दिक्कत होने पर करें फॉलो करें कुछ बेहतरीन टिप्स

अगर आपके बच्चे को बोलने में दिक्कत हो रही हैं तो नीचे बताएं गए घरेलू उपायों को जरुर आजमाएं। इन घरेलू उपायों से आपका बच्चा निश्चित ही जल्दी बोलने लगेगा।

1. बच्चे से खूब बात करें। अगर बच्चा कुछ इशारा करके कुछ कहने की कोशिश कर रहा हैं तो उसे कुछ देर इग्नोर करें। इग्नोर करने से बच्चा जरुर बोलने की कोशिश करेगा
2. बच्चे को कभी-कभी उचित दुरी से टीवी पर साफ़ भाषा वाली कार्टून दिखाएँ
3. बच्चे से इशारे में गलती से भी बात न करें।
4. बच्चे के साथ बात करते हुए उसके मनपसन्द के गेम्स खेलें
5. एक ही शब्द को कई बार बोले

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निष्कर्ष

इस पोस्ट में मैंने आपको बताया हैं की बच्चों को बोलने में दिक्कत के आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं। साथ ही आपको बताया हैं की अगर बच्चों को बोलन एमें दिक्कत महसूस हो रही हैं तो इसके पीछे की वजह क्या हो सकती हैं। अगर जन्म से ही माता-पिता बच्चे से बात करते रहे हैं तो ऐसे में बच्चे शब्दों को जल्दी पकड़ पाते हैं। इसलिए बच्चों के साथ समय बिताएं और उनके साथ बोलने वाले गेम्स जरुर खेलें।

मुझे आशा हैं की आपको बच्चों को बोलने में दिक्कत के आयुर्वेदिक उपचार का यह पोस्ट बेहद अच्छा लगा होगा। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरुर से जरुर शेयर करें।

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